दरभंगा, मिथिला मिरर : रंजना हत्याकांडमे नित नव खुलासा भ’ रहल अछि। एहि क्रममे रंजना द्वारा अपन भाइक लेल लिखल चिट्ठीमे सभ बातक जिक्र कएल गेल अछि जे हुनक सासुरक लोक हुनका संग केहन तरहक व्यवहार करैत छलथि। रंजनाकेँ मैथिली लिखब-पढ़ब आ बाजब नहि जेना अबैत छलनि तइयो अपन व्यथा एहि चट्ठीक माध्यमसँ अपन परिवारक लोक सभकेँ देने छलीह।
रंजना द्वारा लिखल चिट्ठीक किछु अंश :
शंकर तुमने जिंदगी की सबसे बड़ी गलती की है जो यह शादी होने दिया। यहाँ पर जो दिखता है वैसा कुछ भी नहीं है। हमको यहाँ पर सब एक जानवर समझते हैं। ये लोग सोचते हैं कि इसको तकलीफ देंगे तो यह अपने मां-बाप से रिश्ता तोड़ लेगी। इनकी मझली बेटी सब मिलकर एक प्लान बनाए हुए है। मेरी सास उनकी छोटी बेटी के साथ जो हुआ वह तरीका मेरे साथ कर रही है। उन्होंने पहले काम करने वाली को निकाल दिया फिर जानबूझकर हर वक्त यह कहती है कि हमारे बेटा के सब ठईग लेलक, नै लड़की सुंदर भेटल आ नै बुलेट गाड़ीक रुपैया। नै तिलक मिलल आ नै समाने मिलल। जे की गाड़ी लेल तिलकमे 7 लाख रुपैया लेलखिन आ ओ सभ अपने चाईट गेलखिन।
सासुर पक्षक बारेमे जे रंजना लिखैत छथि ओ अंश
जिस लड़की के सामने उसके मां बाप भाई को जान से मारने की धमकी और गाली दिया जाए वो लड़की रो भी नही सकती? इसके बाद पापा जी आए अपने मझले दामाद को फोन लगाकर फिर धमकी देने लगे कि ई हमरा घरमे काल अछि हम अपन बेटाक दोसर लड़की सँग शादी करबायब। एकरा हम घरक नौकरानी बनाकs राखब या फेर एकरा हम जान सs माईर देबय। हमरा पकड़वला के अछि। हम एकरा 10 दिनक अंदर पागलकेँ नकली सर्टिफिकेट बनाकs हम अपन बेटाकेँ एकरा सामने दोसर बियाह करबायब। फिर बेटा का फोन आया तो बेटा से बोले कि बेटा तू चिंता मत कर आइकेँ बाद हम लड़कीकेँ मां-बापसँ बात नै करs देबय, हम लड़कीकेँ सुधारि देबय नै त’ पागल साबित कs दोसर शादी करबा देबउ तू चिंता नै कर। ई लड़कीकेँ मैथिली बाजs नै अबैत छै हम एकर मां-बापकेँ सोईध जेबय। आइकेँ बाद ई लड़कीसँ कियो बात नै करतै। ई घरमे शोर मचबय छौ ताकि पतिकेँ साथ बाहर रहब। हम एकरा पूरा जिंदगी एहि ठाम राखब। ई क़तs जाइत अछि से हम देखय छी। एकरा हम मां-बाप सs मिलs तs देबय नै। एहि घरमे हम एकरा मारबै, हमर के की करत। हम बड़ा बाबू छलहु ओकरसँ बेसी हमर पंहुच अछि। हम एहि लड़कीकेँ बरबाद क देबय। जब बेटासँ बात भ’ गेलनि फेर पापा जी हमरा खूब डांट देबs लगलखिन। सब मिलकर हमरा पर गाली दे रहे हैं और हम आंसू भी नहीं बहा सकते हैं। हमर सास भी हमरा खूब डांट लगेलखिन।
एहने सन बात एहि चट्ठीमे लिखैत रंजना अपन दुनु भाईसँ मददक गुहार लगा रहलीह। जखनि कि लड़का पक्ष आ लड़की पक्ष दुनुक परिवार पढ़ल लिखल शिक्षित परिवार छथि। रंजनाक ससुर बिहार पुलिससँ अवकाश प्राप्त छथि ओतहि पिता बिहार पुलिसमे कार्यरत छथि। की एहन सुभ्यस्त परिवारमे दहेजक नाम पर एहि तरहक कुकृत्य हेबाक चाही जेहिठाम एकटा बुलेट मोटर साइकिलक लेल नव विवाहिताकेँ जानसँ मारि देल जाय। की एकटा सासु एतेक निर्दय भ’ नव कनियाकेँ ऊपर तरह-तरहकेँ जुर्म करती आ ओहि कनियाके कहती जे तोरा माइर क’ मुआ देबौ आ अपन बेटाके दोसर बियाह करा देबइ। बेटी आब मात्र उपभोगक वस्तु बनि क’ रहि गेल अछि? हमर समाज एतेक स्तरहीन भ’ गेल सभटा सामाजिक ताना बाना मात्र दिखाबा अछि। सोचय पड़त आखिर दहेज रूपी दानवक संहार कोना कएल जाय ।