सिक्की कलाकेँ माध्यमसँ महिला सभ बनतीह स्वावलंबी

0
1329

मधुबनी, मिथिला मिरर : मधुबनी जिलाक झंझारपुर प्रखंडक चौरामहरैल गाममे सिक्की मौनी कलाकेँ प्रशिक्षण केन्द्र आ प्रथम प्रशिक्षण सत्रक उद्घाटन सांसद बीरेन्द्र कुमार चौधरी वृहस्पतिदिन केलाह। सांसद चौधरी फीता काटी आ दीप प्रज्वलित क’ विधिवत प्रशिक्षण केन्द्र आ सत्रक उद्घाटन करैत कहलाह जे ई केन्द्र अनूसूचित जातिक स्त्रीगन लेल खोलल गेल अछि जकर उद्देश्य अनुसूचित जातिकेँ महिला लोकनिकेँ आत्मनिर्भर बनेनाइ अछि। सांसद कहलाह जे भारत सरकारक कपड़ा मंत्रालय झंझारपुर अनुमंडलमे तीन जगह एहन प्रशिक्षण लेल चिन्हित केलक अछि। लखनौरकेँ बेहट आ झंझारपुरक अड़रिया संग्राममे बाँस कलाक प्रशिक्षण केंद्र जल्दिये शुरू कएल जायत। महिला लोकनिकेँ संबोधित करैत चुनावक चर्चा सेहो कएलनि आ कहलनि जे प्रधानमंत्री ‘सबका साथ सबका विकास’ क नीति पर काज क’ रहल छथि। वास्तवमे गरीबी हटेबाक उपायकेँ तहत आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना सहित सवा सौ योजना लागू कएल गेल अछि। ओहि कड़ीमे कपड़ा मंत्रालयक प्रशिक्षण देबाक योजना अछि। ई प्रशिक्षण चारी महिना चलत आ एक महिनामे 24 दिनक प्रतिदिन तीन सौ रुपैयाक हिसाबस हुनका प्रोत्साहन राशि सेहो देल जायत ताकि कामकाजी महिलाकेँ आर्थिक हालात पर असरि नै पड़ै।

हस्तकलाकेँ क्षेत्रमे छुपल प्रतिभाकेँ निखारबाक आ लघुउद्योगकेँ बढ़ावा देबाक भ’ रहल अछि प्रयास

भारत सरकारक हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय कार्यालय विकास आयुक्त मधुबनीक द्वारा वृहस्पतिदिन साँझमे शहीद भवन बेनीपट्टी परिसरमे आयोजित हस्तकला प्रशिक्षणक उद्घाटन जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक, एसपी सत्यप्रकाश कएलनि। एहि अवसर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक कहलनि जे भारत सरकारक हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालयकेँ तहत बेनीपट्टीमे चारी महिनाक प्रशिक्षण शुरू कएल गेल अछि। मिथिलाक घरमे हस्तकलाकेँ क्षेत्रमे छुपल प्रतिभा सभके निखारबाक आ लघुउद्योगकेँ बढ़ावा देबाक आओर बाँससँ विभिन्न तरहक वस्तु तैयार करबाक प्रशिक्षण देल जा रहल अछि। डीएम कहलनि जे एहि कलाक जानकारी बेसी लोक धरि नै अछि। ई खुशिक बात अछि जे सरकार सिखबाक लेल प्रोत्साहन राशि सेहो द’ रहल अछि। सुन्दर सुन्दर वस्तु बनाबू जेना  नाव, गुलदस्ता, डगरा, फुलडाली, बांस पर आधारित घड़ी, टेबल, कुर्सी एहन प्रोडक्ट तैयार करू। प्रशिक्षणक बाद आर्थिक स्थिति मजबूत होयत आ हुनका लोकनिक द्वारा बनाओल गेल समानक उचित मूल्य भेटत। प्रशिक्षणकेँ बाद प्रशिक्षु अपन परिवारक लोक सभके सेहो सिखबैत। प्रशिक्षणकेँ बाद बेनीपट्टीसँ एकटा टीम बना दिल्ली भेजल जायत। संगहि बेनीपट्टीमे जदिये मिथिला पेंटिग लेल प्रशिक्षण केंद्रक शुभारंभ होयत। रोजगारक क्षेत्रमे लघु आ बाँस पर आधारित उद्योग लाभकारी साबित होयत। लघुउद्योगसँ गरीबी दूर कएल जा सकैत अछि। हस्तकलाकेँ बढ़ावा देबाक आवश्यकता अछि। लोककेँ रोजगारसँ जोड़ी क’ समाजमे शांति व्यवस्था बहाल रखवामे बहुत पैघ उपलब्धि भेटत। निश्चित रुपें एहन तरहक सार्थक प्रयास समाजकेँ उन्नतिमे सहायक सिद्ध भ’ सकैत अछि।