अयोध्या मामला पर 26 फरवरीसँ सुप्रीम कोर्टमे पाँच सदस्यीय बेंच करत सुनवाई

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दिल्ली, मिथिला मिरर : राम मंदिर मामला सुप्रीम कोर्टमे बहुत समयसँ लंबित पड़ल अछि। समूचा देशक नजरि सुप्रीम कोर्ट पर लागल अछि। सभके इ आश लागल छनि जे राम मंदिर मामला पर कहिया फैसला आओत। एहिक कड़ीमे आब लगैत अछि जे कोर्टमे सुनवाई शुरू होयत। हालाँकि एखनि धरि एहि मामलाकेँ सुनवाई लेल कोनो बेंच नै बनल छल। मुदा आब सुप्रीम कोर्ट एहि दिशामे एकटा ठोस कदम उठबैत अयोध्या केसक सुनवाई 26 फरवरीसँ शुरू करत। चीफ जस्टिस रंजन गोगोईकेँ अध्यक्षतामे सुप्रीम कोर्टक पाँच सदस्यीय पीठ मामलाक सुनवाई भोर साढ़े दस बजेसँ करत। एहि पीठमे चीफ जस्टिसकेँ अलावे अन्य जज हेताह जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण आ जस्टिस एस. अब्दुल नजीर। एहिसँ पूर्व पाँच सदस्यी संवैधानिक पीठसँ जस्टिस एस.ए. बोडवेक अनुपस्थितिकेँ चलते 27 जनवरी क’ सुनवाई आगूक लेल टालि देल गेल छल। सुप्रीम कोर्टमे राजनीतिक दृष्टिसँ संवेदनशील राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवादमे दायर अपील सभ पर सुनवाई आब 26 फरवरीसँ शुरू होयत। बतादी जे इलाहाबाद हाईकोर्टक सितंबर, 2010 केँ फैसलाक खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई करत। हाईकोर्ट एहि विवादमे दायर चारीटा दीवानी वाद पर अपन फैसलामे 2.77 एकड़ भूमिक सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा आ राम ललाकेँ बीच समान रूपसँ बंटवारा करबाक आदेश देने छल।

मानल जाइत अछि जे 1528 ई.मे मुगल सम्राट बाबर मस्जिद बनबेने छलाह। एहि कारण बाबरी मस्जिदकेँ नामसँ जानल जाइत छल। मुदा हिन्दूकेँ मानब छनि जे हुनक आराध्य भगवान रामक जन्मस्थान अछि आ एतय राम ललाक मंदिर बनयकेँ चाही। साल 1949मे  भगवान रामक मूर्ति मस्जिदमे भेटल छल। कथित रूपसँ किछु हिन्दु एतय मूर्ति रखबेने छल। मुसलमान एहि पर विरोध व्यक्त केलक आ दुनू पक्ष अदालतमे मुकदमा दायर क’ देलक। सरकार एहि स्थलकेँ विवादित घोषित क’ ताला लगा देलक। हालाँकि 6 दिसम्बर 1992केँ विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना आ भारतीय जनता पार्टीक कार्यकर्ता सभ  बाबरी मस्जिदकेँ ध्वस्त क’ देने छल। जकर परिणामस्वरूप देश भरीमे हिन्दू आ मुसलमानक बीच सांप्रदायिक दंगा भड़की उठल आ ओहिमे 2000 सँ ज्यादा लोक मारल गेल छल। ई मामला न्यायालयकेँ अधीन विचाराधीन अछि।