साहित्य अकादमी सं पुरस्कृत मैथिल हस्ताक्षर-मिथिला मिरर विशेष

    0
    685

    दिल्ली,मिथिला मिरर-जुली रानी झाः मिथिला मिरर एखन धैर साहित्य अकादमी भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत मैथिली भाषाक मुर्धन्य हस्ताक्षर कें स्मरण करैत आम जनमानस तक हुनकर नाम ओ हुनक कृत कें पहुंचेवाक छोट सन पहल कऽ रहल अछि। अपन आजुक विशेष मे मिथिला मिरर साहित्य अकादमी भारत सरकारक छोट सन परिचय दैत शुरू सं एखन तक मैथिली भाषाक सम्मानित व्यक्ति, हुनक रचनाक विषय मे अपने लोकैन्हि कें जानकारी द रहल अछि।

    साहित्य अकादमीक स्थापना 12 मार्च सन् 1954 मे भारतक राजधानी दिल्ली मे कैल गेल छल। एकर उदेश्य छलैक भारतक संवैधानिक भाषा मे उत्कृष्ट रचना ओ रचनाकार कें प्रोत्साहित कऽ भारतक समस्त संवैधानिक भाषाक संवर्धन केनाई। सन् 1955 ई. मे साहित्य अकादमी भारत सरकार द्वारा पहिल पुरस्कार शुरू कैल गेल छल। आ एखन वर्तमान मे भारतक 22 गोट संवैधानिक भाषा संग 23 गोट भाषा मे सलाना साहित्य अकादमी पुरस्कार देल जाइत अछि। शुरू मे साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत व्यक्ति कें 5000 टकाक संग-संग प्रशस्तिपत्र देल जाइत छलैन्हि मुदा 1983 मे पुरस्कारक राशी कें बढ़ा कऽ 10,000, तहिना 1988 मे  25,000, फेर 2001 मे 40,000 ओहिकें बाद 2003 मे 50,000 आओर साल 2010 मे 1,00,000 टका कऽ देल गेल।
    साहित्य अकादमी भारत सरकार 1966 सं मैथिली भाषा मे साहित्य अकादमी पुरस्कार देवाक निर्णय केलक आ ओहि कें बाद एखन धैर अन्य भाषाक संग मैथिली कवि लोकैन्हि सेहो अहि पुरस्कार सं पुरस्कृति होइत आबि रहला अछि। हां 1967, 1972 आओर 1974 मे कोनो पुरस्कार नहि देल गेल। त आउ एक नजैर दी कि सन् 1966 सं अखन धैर कोन कवि लोकैन्हि कें मैथिली भाषाक उत्कृष्ट कार्यक लेल साहित्य अकादमी सम्मान सं सम्मानित कैल गेलनि।
    एक नजैर सम्मानित व्यक्ति ओ हुनक रचना
    1966 मे यशोधर झा ‘मिथिला वैभव’ (दार्शनिक प्रबंध)क लेल सम्मानित भेलाह
    1968 मे वैद्यनाथ मिश्र यात्री ‘नागार्जुन’ पत्रहीन नग्न गाछ (कविता संग्रह)
    1969 मे उपेंद्रनाथ झा ‘दु पत्र’ (उपन्यास)
    1970 कांशीनाथ मिश्र ‘मधुप’ राधा विरह (महाकाव्य)
    1971 सुरेंद्र झा ‘सुमन’ ‘पयस्विनी’ (कविता संग्रह)
    1973 ब्रजकिशोर वर्मा ‘मणिपद्म’ नैका बनिजार (उपन्यास)
    1975 गिरीन्द्रमोहन मिश्र ‘किछु देखल किछु सुनल (संस्मरण)
    1976 वैद्यनाथ मल्लिक ‘विधु’ सीतायन (महाकाव्य)
    1977 राजेश्वर झा ‘अवहट्ठः उद्भव ओ विकास’ (साहित्येतिहास)
    1978 उपेंद्र ठाकुर ‘मोहन’ बाजि उठल मुरली (कविता संग्रह)
    1979 तंत्रनाथ झा ‘कृष्ण-चरित (कविता संग्रह)
    1980 सुधांशु शेखर चौधरी ‘ई बतहा संसार’ (उपन्यास)
    1981 मार्कंडेय प्रवासी ‘अगस्त्यायिनी’ (महाकाव्य)
    1982 लिली रे ‘मरीचिका’ (उपन्यास)
    1983 चंद्रनाथ मिश्र ‘अमर’ मैथिली पत्रकारिता का इतिहास (सर्वेक्षण)
    1984 आरसी प्रसाद सिंह ‘सूर्यमुखी’ (कविता-संग्रह)
    1985 हरिमोहन झा ‘जीवन-यात्रा’ (आत्मकथा)
    1986 सुभद्र झा ‘नातीक पत्रक उत्तर’ (रम्य रचना)
    1987 उमानाथ झा ‘अतीत’ (कहानी-संग्रह)
    1988 मायानंद मिश्र ‘मंत्रपुत्र’ (उपन्यास)
    1989 कांचीनाथ झा ‘किरण’ पाराशर (महाकाव्य)
    1990 प्रभास कुमार चौघरी ‘प्रभासक कथा’ (कहानी-संग्रह)
    1991 रामदेव झा ‘पसिझैत पाथर’ (नाटक-संकलन)
    1992 भीमनाथ झा ‘विविधा’ (निबंध-संग्रह)
    1993 गोविंद झा ‘सामाक पौती’ (कहानी-संग्रह)
    1994 गंगेश गुंजन ‘उचित वक्ता’ (कहानी-संग्रह)
    1995 जयमंत मिश्र ‘कविता कुसुमांजलि’ (कविता-संग्रह)
    1996 राजमोहन झा ‘आइ काल्हि परसू’ (कहानी-संग्रह)
    1997 कीर्तिनारायण मिश्र ‘ध्वस्त होइत शांति स्तूप’ (कविता-संग्रह)
    1998 जीवकांत ‘तकैत अछि चिड़ै’ (कविता-संग्रह)
    1999 साकेतानंद (एस. एन. सिंह) ‘गणनायक’ (कहानी-संग्रह)
    2000 रमानंद रेणु ‘कतेक रास बात’ (कविता-संग्रह)
    2001 बबुआजी झा ‘अज्ञात’ प्रतिज्ञा पांडव (प्रबंधकाव्य)
    2002 सोमदेव ‘सहसमुखी चौक पर’ (कविता-संग्रह)
    2003 नीरजा रेणु (कामाख्या देवी) ‘ऋतंभरा’ (कहानी-संग्रह)
    2004 चंद्रभानु सिंह ‘शकुंतला’ (महाकाव्य)
    2005 विवेकानंद ठाकुर ‘चानन घन गछिया’ (कविता-संग्रह)
    2006 विभूति आनंद ‘काठ’ (कहानी-संग्रह)
    2007 प्रदीप बिहारी ‘सरोकार’ (कहानी-संग्रह)
    2008 मंत्रेश्वर झा ‘कतेक डारिपर’ (संस्मरण)
    2009 मनमोहन झा ‘गंगा-पुत्र’ (कहानी-संग्रह)
    2010 उषाकिरण खान ‘भामती’ (उपन्यास)
    2011 उदय चंद्र झा ‘विनोद’ अपक्ष (कविता-संग्रह)
    2012 शेफालिका वर्मा ‘किस्त-किस्त जीवन’ (आत्मकथा)
    2013 सुरेश्वर झा ‘संघर्ष ओ सेहंता’ (संस्मरण)
    2014 आशा मिश्रा ‘उचाट’ (उपन्यास)
    2015 मन मोहन झा ‘खिस्सा’ (लघु कथा)
    त ई 47 गोट मैथिल हस्ताक्षर छैथ जिनका साहित्य अकादमी भारत सरकार द्वारा हिनक अलग-अलग कृतक लेल सम्मानित कैल जा चुकल अछि। मिथिला मिरर अपना दिस सं समस्त सम्मानित हस्ताक्षर कें प्रति अपन आभार व्यक्त करैत मैथिली साहित्य सं जुड़ल समस्त व्यक्ति कें हार्दिक अभिनंदन करैत अछि जे काल्हि जा कऽ अहि श्रृंखला मे अपन नाम दर्ज करौताह।