‘तेजस’ भेल वायुसेनामे शामिल, मिथिला भेल गौरवान्वित

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बेंगलुरु, मिथिला मिरर : देशक पहिल मेक इन इंडिया लड़ाकू विमान तेजसकेँ ऐयरो इंडिया शोमे फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस भेट गेल अछि। एहिक बाद इ विमान आब भारतीय वायुसेनाक हिस्सा बनि गेल। संपूर्ण देशक लेल ई गौरवक बात अछि। जाहि तेजस विमानमे बैस आर्मी चीफ बिपिन रावत उड़ान भरलाह ओ पूर्णतया स्वदेसी अछि। एयरो इंडिया शो-2019 के मौका पर एहि दू सीटर विमानमे पायलटकेँ पाँछाक सीट थामी उडान भरलाह। एकदिन पहिने सेहो तेजस शोमे अलग-अलग तरहकेँ करतब देखा अटलजीकेँ श्रद्धांजलि देने छल।  तेजसकेँ बुधदिन भोरमे सैन्य उड्डयन नियामक सेमिलाक तरफसँ फाइनल ऑपरेशन क्लियरेंस (एफओसी) द’ देल गेल। एहिक बाद आब तेजस हथियारबंद फाइटर जेटकेँ तौर पर एयरफोर्ससँ जुड़ी गेल। सेमिलाकक चीफ एग्जीक्यूटिव पी. जयपाल एकर सर्टिफिकेट आ सेवा लेल देल जाय वला दस्तावेज एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआकेँ सुपूर्द क’ देलनि। बतादी जे तेजस 16 फरवरीकेँ राजस्थानक पोकरणमे एयरफोर्सक ‘वायुशक्ति’ ड्रिलमे हवासँ जमीन आ हवासँ हवामे मारि करबाक क्षमताक प्रदर्शन क’ चुकल अछि। एतबे नहि पुलवामा हमलाकेँ बाद युद्धाभ्यासमे सेहो अपन क्षमताक पर्दर्शन केने छल।

 

तेजसकेँ फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस भेटलाक बाद मिथिला लेल इ सुखदगर दिन छल। की अपने सभके जानकारी अछि जे भारतमे विकसित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ‘तेजस’ केँ निर्माणमे मिथिलाक दरभंगाकेँ घनश्यामपुर प्रखंड स्थित बाउर गामक निवासी डॉ. मानस बिहारी वर्मा जीक महत्वपूर्ण योगदान छनि। वर्मा जी देशक पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जीकेँ संग बहुत दिन धरि काज क’ चुकल छथि समय। मानस बिहारी वर्मा भारतीय वैमानिकी वैज्ञानिक छथि । 2018मे हुनका भारतकेँ राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री सम्मानसँ सम्मानित कएल गेल छल। डॉ. वर्मा अपन स्कूली शिक्षा मधेपुरक जवाहर हाई स्कूलसँ पूरा केलाह। बादमे ओ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना आ कलकत्ता विश्वविद्यालयमे अध्ययन केलाह। तकरा बाद 35 साल धरि वैमानिकी धारामे रक्षा वैज्ञानिकके रूपमे DRDO मे काज केलाह।

सेवानिवृत्तिकेँ बाद, ओ अपन पैतृक गाम लौट गेलाह आ विकास भारत फाउंडेशनकेँ माध्यमसँ सुपौल, मधुबनी आ दरभंगा क्षेत्रमे दलित बच्चा सभके विज्ञान आ कंप्यूटर ज्ञान प्रदान क’ रहलाह अछि। हिनक शिक्षण व्यवस्था आईबीएम द्वारा समर्थित ‘लैब इन बॉक्स’ (एलआईबी) कार्यक्रमक माध्यमसँ कएल जा रहल अछि। विमानकेँ प्रोजेक्टस ओकर वास्तविक डिजायनिंग तक जे वैज्ञानिक दल काज केलक, ओकर ओ मुखिया छलाह। निश्चित रुपें डॉ. वर्माकेँ कृत पर सम्पूर्ण मिथिलावासी गौरवान्वित महसुस क’ रहल छथि। मिथिलाके गौरव अछि जे हमरा लग मानस बिहारी वर्मा जी जेहन सपूत अछि जे अपन मातृभूमि संग देशक मान सम्मान बढ़ेलनि।