जन आकांक्षा रैलीसँ बिहारमे शक्ति परीक्षण करत काँग्रेस

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पटना, मिथिला मिरर : चुनावी मौसम शुरू भ’ गेल अछि। वर्त्तमान केंद्र सरकार तीन महिनाक भीतर चुनावी रणक्षेत्रमे रहत। या एहन कहल जा सकैत अछि जे देशमे चुनावी सरगर्मी धीरे-धीरे बढ़ल जा रहल अछि। हरेक राजनीतिक दल अपन सियासी तिकरममे लागी गेल अछि। हरेक पार्टी अपन अंकगणित बैसेबामे लागी गेल अछि। हालही यूपीमे भेल सपा बसपा गठबंधन होई वा बिहारक महागठबंधन आओर ममता दीदीक देशक महागठबंधन कतौ कांग्रेस पार्टीकेँ बेसी भाव नै देल गेल।  हरेक क्षेत्रीय पार्टी त’ एक रैलीमे एक मंच पर देखाई दैत रहल अछि मुदा धरातल पर कतेक एकजुटता बरकरार रहत इ चुनावकेँ समय पता चलत। ओना लोक सभा चुनावसँ पहिने एहन तरहक गठबंधन त’ बनैत अछि मुदा कहियो सफल नै भ’ सकल। आब बात काँग्रेस पार्टीकेँ, सीटक हिसाबसँ भले यूपी आगू रहैत अछि। राष्ट्रीय राजनीतिमे बिहारक खास दखल रहल अछि। यैह कारण अछि जे हिंदी पट्टीमे चुनावी शंखनाद लेल राहुल गाँधी बिहारक पाटलिपुत्रक धरतीकेँ चुनलाह अछि। तीन दशक बाद राज्यमे काँग्रेस फेर करवट लैत देखा रहल अछि। तीन राज्यमे भेटल जीत हौसला देलक तखन काँग्रेस पार्टी गाँधी मैदानमे रैली करबाक हिम्मत देखेलनि अछि। तीन फरवरीकेँ होमय जा रहल काँग्रेसक जन आकांक्षा रैली असलमे पार्टीक शक्ति प्रदर्शन अछि। काँग्रेसक एहि जन आकांक्षा रैली पर विरोधीकेँ संग-संग सहयोगी सभ सेहो अपन नजरि राखि रहल अछि। जँ रैली सफल होइत अछि त’ रैलीक सफलता पार्टीक लेल कतेको मोर्चा पर मददगार साबित होयत। एहिसँ नै सिर्फ बिहारमे हुनक हेरायल जनाधार लौटत बल्कि यूपी सहित हिंदी पट्टीमे एकर संदेश सेहो जायत। लोकसभा चुनावमे सहयोगी संग सीटक सौदेबाजीमे सेहो ताकत बढ़त। ओतहि जँ रैली असफल होयत त’ पार्टीकेँ अरमान पर पानि फेर सकैत अछि।

काँग्रेस पार्टी 1989केँ बाद अकेले दम पर एहि तरहक रैलीक ऐलान क’ विरोधीकेँ संग-संग सहयोगीकेँ सेहो इ जतेबाक प्रयास केलक अछि जे काँगेसकेँ हल्कामे नै लेल जाय। काँग्रेस एहि लेल अपन सहयोगी दलकेँ सिर्फ बिहारक नेताकेँ न्योता देलक अछि।  एहि शक्ति प्रदर्शन पर एनडीएकेँ संग महागठबंधनकेँ सेहो  आँखी गरल अछि। असलमे काँग्रेस जँ अपन जनाधार लौटेवामे सक्षम होइत अछि त’ एकर असर विरोधीकेँ संग सहयोगी दल पर सेहो पड़त। बतादी जे महागठबंधनमे अखनि सीटक बंटवारा नै भेल अछि।  सीटक बंटवारा रैलीकेँ ठीक बाद होयत। पार्टी रणनीतिकार लोकनिकेँ मानब छनि जे रैलीक सफलता महागठबंधनमे हुनक ताकत बढ़ाओत। पार्टीक माँग बिहारमे 15 सीटकेँ अछि, मुदा सूत्रक मुताबिक दर्जनभर सीट तक बात बनि सकैत अछि। बितल किछु समयमे काँग्रेसमे तमाम नव लोक शामिल भेलाह अछि आ कतेको अपन घर वापसी कएलनि अछि। पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर, पूर्व विधायक रघुनंदन मांझी, लवली आनंद सहित कतेको नाम अछि। प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा कहैत छथि जे पुरान काँग्रेसीके फेरसँ जोड़वा लेल पार्टी  ‘आ घर लौट चलें’ के नारा बुलंद केलक अछि।

काँग्रेस राफेल विमान खरीद सौदा, बैंक घोटाला आ किसानक स्थितिकेँ मुद्दा बना समूचा देशमे बड़का आंदोलन करत। काँग्रेसकेँ कोशिश अछि जे 2019 क लोकसभा चुनाव तक राफेल खरीद आ बैंक घोटाला मामला घर-घर तक पहुँचायल जाए। करीब 30 साल पूर्व 1989 मे काँग्रेस अपना बूते गाँधी मैदानमे रैली केने छल। एहि रैलीकेँ माध्‍यमसँ काँग्रेस बिहारमे अपन औकातक अंदाजा सेहो लगाओत।