लालू यादव केर कार्यकाल कें सुशासन कहला नीतीश। लालूक कार्यकालक किछु चर्चित हत्याकांड

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    दिल्ली-मिथिला मिररः बिहार मे भागवत झा आजाद सं जगन्नाथ मिश्र होइत कांग्रेसक पतन आ मंडल बनाम कमंडलक कें राजनीति मे मंडलक जीत। मुख्यमंत्रीक दौर मे राम सुंदर दास, रघुनाथ झा ओ लालू प्रसाद यादवक नाम, मुदा तमाम तिकरम लगा जातिवादी कार्ड खेलि जाहि तरहें लालू यादव बिहारक गद्दी पर बैसला ओहिकें बाद इ स्पष्ट भय गेल छल जे बिहार मे किछु खास विकास नहि होइवला अछि मुदा ओहिकें बाद लालूक ‘माय’ समीकरणकें स्थिति समृद्ध हेवाक आश कैल जा रहल छल मुदा स्थिति नहि त मुस्लिमक समृद्ध भेल आ नहि यादवक।

    मुख्यमंत्रीक कुर्सी पर बैसैत देरी लालू यादव समस्त तथाकथित गुंडाक उद्भव भेनाइ, पटनाक सड़क सहित बिहारक कोनो आन सड़क पर जान बचा कऽ चलब आम आदमीक लेल स्वप्न सं भय गेल छल। आम लोकक जिनगी त छोडि़ देल जाउ जाहि तरहें वीवीआईपीक हत्या सरेआम पटना सहित बिहार मे होमय लागल ओहिकें बाद बाद मे किछु नव राजनीतिक दलक जन्म होइत अछि। आ ओहि लालू विरोधी आ जंगल राजक विरोध मे एकटा व्यक्ति बिहारी जनताक सोंझा आवैत छथि आ हुनका लोक नीतीश कुमारक रूप मे चिन्हैत अछि।
    बीजेपीक संग ओ नीतीशक मेहनत कें आखिरकार बिहारक जनता 2005मे अपन जनाधिकार द हनका पर विश्वास करैत अछि। लगभग सफल कार्यकालक बाद 2010मे बिहारक जनता एकबेर फेर सं नीतीशकें प्रचंड जनादेश द जीत दियावैत अछि मुदा 2014मे बिहारी जनताकें तखन हृदय विदारक क्षण देखय पड़ैत अछि जखन कि जंगलराजक नारा कें जन्म देनिहार नीतीश कुमार कुर्सीक लेल स्वयं लालूक संग मिली ओहि करोड़ों बिहारी जनताक हाथ मे झुनझुना थम्हा दैत छथि।
    आब ओहै नीतीश कुमार कहि रहला अछि जे बिहार मे कोनो जंगल राज नहि छल त मिथिला मिरर सुशासन बाबूक लेल किछु एहन घटनाक तस्वीर लय सामने आयल अछि जेकरा नीतीश कुमारक संग-संग बिहारी जनता कें देखवाक चाहि आ संगहि नीतीश कुमार सं अहि पर प्रतिक्रियाक सेहो अपेक्षा बिहार ओ मिथिला मिरर राखैत अछि।
    लालू राजमे भेल वीवीआईपीक हत्या, एक नजैर
    28 मार्च 1992 कऽ विधायक हेमंत शाही’क हत्या
    4 दिसंबर 1994 कऽ मुजफ्फपुर कें खबरा इलाका मे छोटन शुक्ला’क हत्या क देल गेल
    3 जुलाई 1995 कऽ विधायक अशोक सिंहक हत्याः पटनाक वीवीआईपी जोन स्टैंड रोड स्थित सरकारी आवास पर विधायक अशोक सिंहक गोली सं छलनी क देल गेल।
    31 मार्च 1997 कऽ छात्र नेत चंद्रशेखरक हत्याः जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालयक छात्र संघक अध्यक्ष रहि चुकल माले नेता चंद्रशेखरक सरेआम हत्या।
    13 जून 1998 कऽ बृजबिहारी सिंहक हत्याः पुलिस कस्टडीक दौरान पटनाक इंदिरा गांधी संस्थान मे इलाज करवा रहल बृजबिहारी सरेआम गोली मारी हत्या क देल गेल।
    14 जून 1998 कऽ विधायक अजीत सरकारक हत्याः पूर्णिया सं वामपंथी विधायक अजीत सरकारक हत्या आ ओहिमे आरोपी नेताक बारे मे दुनिया जानैत अछि।
    9 सितंबर 2005 कऽ राजोसिंह कें हत्याः दिनदहाड़े राजोसिंहक हत्या कऽ देल। हत्याक पाछा कथित रूप सं नेता अशोक चैघरी आ लट्टू यादवक नाम सामने आयल छल।
    इ सूची बहुत पैघ अछि जा अहि दरम्यान सिर्फ राज नेतेटा नहि अपितु कतेको सिविल ओ प्रशासनिक इमानदार अफसरक हत्या सरेअमा होइत रहल। आब अहि ठाम प्रश्न उठैत अछि कि कोन आधार पर नीतीश कुमार लालू यादव कें मंगल राजक प्रमाण पत्र दय रहल अछि से त हुनकेटा बुझल हेतनि। मुदा एकटा कहावत छैक जे ‘ये पब्लिक है सब जानती है’