सौभाग्यक वियनिसंग वरत’र सुहागिनी !
अखण्डित सेनुर सेंथु शोभि रहलि भामिनी
शीतल पवन सूंघि वरपात सिहकै
जड़ितर केसर कुमकुम धूपगुगुल महकै
चहुँदिशि फुलायलि छथि कामिनी
हे शिव चहुँदिशि फुलायलि छथि कामिनी !
जेठक अमावस नव आशाक संगम
बेटी सावित्रीके खोईंछ रहनि गमगम
सभघर सजनि आल आसिनी
हे शिव सभघर सजनि आल आसिनी !
यमक फेर मिथिला संग क’तहु ने आबै
कोनो ने पुरुख सोन सीता बनाबै
सदति कंत संगमे सुहासिनी
हे शिव सदति कंत संगमे सुहासिनी !
एहने आशीष “शिव” हीया फुरायल
रहनि बहिनबेटी के’ आत्मा जुरायल
दूर रहय कालकाँट दामिनी
हे शिव दूर रहय कालकाँट दामिनी !