पटना, मिथिला मिरर : मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण कांडमे राज्य सरकारक अनुशंसा केर बाद एहि मामलाकेँ सीबीआइ जांच क’ रहल अछि, मुदा सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लइत केंद्र आ राज्य सरकारकेँ नोटिस जारी क’ जानकारी मँगलक अछि। एहि मामलाक मंगलदिन सुनवाई करैत सुप्रीम कोर्ट घटनाक जांचमे विलंब भेला पर नाराजगी जतौलनि। कोर्ट पुछलक जे अखनि तक अधिकारीसभ की क’ रहल छलाह आ कुनो पैघ अधिकरी पर कार्रवाई किएक नै भेल? बिहार सरकारसँ नाराजगी जतबैत कोर्ट तीनसप्ताहकेँ भीतर जबाब मँगलक अछि। एहिसँ पहिले जस्टिस मदन बी लोकुर आ दीपक गुप्ताक खंडपीठ, राज्य आ केंद्र सरकारसँ तीन सप्ताहकें भीतर जबाब फाइल करबाक आदेश देलक अछि। बतादी जे सुप्रीम कोर्ट पीड़ित बचिया सभक फोटो आ विडियो देखेबा पर सेहो रोक लगा देने अछि। एहि बालिका आश्रय गृहमे रहय वाली 44 मे सँ 34 बचियाक यौन शोषणक पुष्टि भेलाक बाद पूरा देश आक्रोशित अछि। ई मामला सोमदिन संसदमे सेहो उठल छल। एहि घटनामे समाज कल्याण विभाग कार्रवायी करैत आठ गोट आओर अधिकारीकेँ निलंबित केलक अछि। विभाग द्वारा जारी आदेशक अनुसार मुंगेरक तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी (संस्थागत), (सीपीओ), अमरजीत कुमार, भागलपुरक तत्कालीन सीपीओ, रंजन कुमार, पटनाक सीपीओ (गैर संस्थागत) लवलेश कुमार सिंह, गयाक सीपीओ (संस्थागत) मिराजुद्दीन सदानी, मधुबनीक तत्कालीन सीपीओ (संस्थागत) संगीत कुमार ठाकुर, पूर्वी चंपारणक तत्कालीन सीपीओ विकास कुमारकेँ तत्काल प्रभावसँ निलंबित क’ देलक अछि। एकर अलाबा अररियाक पर्यवेक्षण गृहकेँ अधीक्षक मो. फिरोज आ गयाक सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, अतिरिक्त प्रभार सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग केँ सेहो तत्काल प्रभावसँ निलंबित क’ देल गेल अछि।