वर-वधू परिचय सम्मेलन, ऐतिहासिक उदाहरण प्रस्तुत करत मैथिल ब्राह्मण समाजक मध्य

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    दिल्ली, मिथिला मिरर: मिथिलाक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक स्थितिक उन्नयन हेतु संगहि मैथिलजनक मध्य एकजुटताक सेतु कायम करबाक निमित्त तथा सामाजिक कल्याणक संकल्प कें नियोजन हेतु दिनांक 10 जनवरी, 2016 यथा रविदिन नवी मुंबई स्थित “राजेंद्र भवन” मे मुंबई स्थित विभिन्न मैथिलसेवी संगठनक पदाधिकारीक उपस्थिति मे सर्वमान्य संगठन केर रूप मे “मैथिल समन्वय समिति” केर गठन कयल गेल।

    सर्वमान्य संगठन केर रूप मे मैथिलजनक दैनिक जीवन मे उत्पन्न होमयवला समस्याक समाधान कोने तरहें कयल जेबाक चाही जाहि सँ समाज लाभान्वित होइत मर्यादापूर्वक तथा सामाजिक स्तर पर कनहा सँ कनहा मिला प्रगति व सुगतिक मार्ग प्रशस्त कऽ सकैथ आदि विभिन्न विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार-मंथन कयल गेल।

    विदित हो कि मिथिला अपन सांस्कृतिक विशेषताक लेल सर्वत्र श्रेष्ठ प्रशस्ति प्राप्त करैत आबि रहल अछि। एहि सांस्कृतिक विशिष्टताक महत्वपूर्ण पहलू मैथिलजनक उत्कृष्ट “विवाह पद्धति” अदौ सँ शास्त्र-सम्मत व विधि-विधानक रूप मे पारंपरिक पद्धति सँ सम्पन्न होइत आबि रहल अछि। सर्वविदित अछि जे सैकड़ों बरख सँ “सौराठ सभा” आओर “पंजी व्यवस्था” मैथिल समाजक विलक्षण विरासतक रूप मे अस्तित्व कायम कयने अछि जाहिठाम विवाहयोग्य नवयुवक व नवयुवतीक वैवाहिक जीवनक शुभारंभक प्रक्रिया कें मुर्त रूप देल जाइत अछि। वर्तमान व्यस्ततम् समय मे सौराठ सभाक ऐतिहासिक स्वरूप मे सहभागिता मे स्वाभाविक रूपे कमी सेहो देखल जा रहल अछि। एहि वास्तविकता कें सहजता सँ अनुभव कयल जा रहल अछि। उपर्युक्त समस्याक आलोक मे सौराठ-सभाक विकल्पक रूप मे “मैथिल समन्वय समिति” द्वारा “वर-वधू परिचय सम्मेलन” आयोजित करबाक निर्णय लेल गेल। एतदर्थ प्रवास मे रहनिहार मैथिलजन विचार-विमर्शक क्रम मे “मैथिल समन्वय समिति”क गठनक उपरांत प्रथम चरण मे “वर-वधू परिचय सम्मेलन” आयोजित करबाक प्रस्ताव सर्वसम्मति सँ अनुमोदित भेल एवं 23 अक्टूबर, 2016 कें आयोजनक तिथि तय कयल गेल।

    जन्म सँ लऽ कऽ मृत्यु धरि, जीवन मे 16 गोट संस्कारक उल्लेख भेटैत अछि, जाहि मे “विवाह-संस्कार” सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार मे सँ एक अछि। जतय वर्तमान समयावधि मे एहि संस्कार सबहक नाम तक बिसरल जा चुकल अछि, ओतय विवाह संस्कार नञि केवल अपन अस्तित्व बचौंने अछि, अपितु विधिवत् शास्त्रसम्मत विधान द्वारा सम्पन्न होइत आबि रहल अछि। आ, से होऊक किएक नै, “विवाहे ओ संस्कार थिक जे आन जीव सँ पृथक करैत मनुष्य कें परिवार सँ, परिवार कें समाज सँ जोड़ैत आबि रहल अछि। फलस्वरूप समाज सँ संस्कृति व सभ्यता के सृजन होइत अछि। एक मैथिल के तौर पर हऽम सब अपन मिथिलाक सभ्यता-संस्कृति पर बहुत बेशी गर्व करैत आबि रहल छी। एहि गर्वक एक आधार, मिथिलाक विवाह पद्धति सेहो अछि। वैदिक विध-व्यवहार कें अतिरिक्त “सौराठ-सभा” आ “पंजी-व्यवस्था” मिथिलाक विवाह कें विशिष्टताक संग-संग सर्वोच्चता प्रदान कयने अछि। मैथिलक तीक्ष्ण बुद्धि आ बौद्धिक कौशलताक एक कारण सम्भवतः विशुद्ध वैवाहिक पद्धति सेहो रहल हयत। चूंकि समाज मे नीक आ बेजाय दूनू प्रकारक व्यक्ति होइत छथि, तैं संस्कृति कें पाछां-पाछां अपसंस्कृति सेहो विकसित भेल जाइत अछि। “सौराठ-सभा” आ “पंजी -व्यवस्था एकर अपवाद नञि भऽ सकैत अछि। तखन “परिवर्तन” सेहो शाश्वत नियम थिकैक। परञ्च जखन एहि प्रकारक परिवर्तन संरचनात्मक होइत छैक तखन एहि बातक अनुभूति कयल जेबाक चाही जे परिवर्तनक माधुर्यता समाजक लेल, संस्कृतिक लेल कल्याणकारी होइत छैक।

    अस्तु, “मैथिल समन्वय समिति”, मुंबई द्वारा आह्वानित “वर-वधू परिचय सम्मेलन” एहि तरहक कल्याणकारी परिवर्तन अछि।

    “वर-वधू परिचय सम्मेलन” आयोजित करबाक मूल उद्वेश्य अछि मैथिल समाज मे प्रायः वैवाहिक जीवनक असुतंलनक आशंका सँ ग्रसित समाज कें विश्वासक आवरण मे आबद्ध करबाक कल्याणकारी योजना एवं नवयुवक व नवयुवतीक मध्य योग्यतानुरूप संतुलनक सेतु स्थापित करबाक व्यापक योजना। पारिवारिक मर्यादा, शैक्षणिक योग्यता तथा असंतुलित वैवाहिक कुरीति सँ मुक्त होइत दाम्पत्य जीवनक मधुर एवं संस्कारोचित मर्यादाक रक्षण हेतु गहन संवाद स्थापित करबाक निमित्त वर एवं वधू पक्षक मध्य, पारिवारिक पृष्ठभूमि कें अध्ययन करैत संबंध स्थापित करबाक गंभीर व प्रामाणिक प्रयास। एहि प्रकारक प्रयास दुहू पक्षक मध्य विश्वासक कड़ी के मजगूती प्रदान करत फलतः संबंध स्थापित भेला उपरांत दाम्पत्य जीवनक सुखमय यात्रा अनवरत् समन्वित वैचारिक सहयोग सँ अग्रसर होइत वैवाहिनक जीवनक असंतुलन अवधारणा कें समाप्त करबा मे सहायक बनि समाजक समक्ष नव उदाहरण प्रस्तुत करबाक ऐतिहासिक आधार प्रदान करत।

    “वर-वधू परिचय सम्मेलन” केर आयोजनक तिथि एवं आयोजन-स्थलक चयन कऽ लेल गेल अछि। एहि सम्मेलन मे बेशी सँ बेशी “वर-वधूक” सहभागिताक हेतु वेवसाइटक माध्यम सँ “डाटा” एकत्रित कयल जा रहल अछि संगहि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एवं टोलफ्री नम्बर आदि सेहो निर्गत कराओल जा चुकल अछि।

    आयोजन स्थलीक पता निम्नलिखित अछि :

    “कैरार बनक्वेट,
    असहर आई टी पार्क,
    रोड नं0 – 10 जेड,
    वाग्ले इस्टेट, ठाना (पश्चिम),
    मुंबई – 400 604

    “KIARAR BANQUET,
    ASHAR IT PARK,
    ROAD NO. 16Z,
    WAGLE ESTATE,
    THANE – 400 604.

    “मैथिल समन्वय समिति” द्वारा आयोजित “वर-वधू परिचय सम्मेलन” मे सहभागिता तथा पंजीकृत करबेबाक हेतु निम्नलिखित निर्दिष्ट दिशा-निर्देश पर सम्पर्क कयल जा सकैत अछि:

    1) टोलफ्री नं. – 1800 120 2714
    2) www.matrimony.maithil.org
    3) http:/matrimony@maithil.org

    “वर-वधू परिचय सम्मेलन” केर माध्यमें “मैथिल समन्वय समिति” अपन गठनक मूल उद्वेश्य व सिद्धांत कें प्रतिपादित करैत समाजक सर्वांगीण विकासक प्रति संकल्पक अद्वितीय व अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करैत सामाजिक उन्नयनक हेतु मिथिलावासी सँ सहयोगक आह्वान करैत अछि। आउ, मान्यवर मैथिल समाज हर्षोल्लासक संग प्रस्तावित आयोजनक सफलताक हेतु समर्पित होइ तथा मिथिलाक इतिहास मे एहि आयोजनक विशिष्टता कें अंकित करबेबाक यश लाभ सँ लाभान्वित होइत सामाजिक दायित्व कें सफलतापूर्वक निर्वहन करी।

    राजकुमार झा (मुंबई सं पठाओल गेल लेख)