जँ जा रहल छी नेपाल त’ भ’ सकैत अछि परेशानी

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दिल्ली, मिथिला मिरर : नेपाल भारतक सभसँ लगक पड़ोसी देश थिक। दुनू देशक बीच नीक संबंध रहल अछि। सामाजिक आ व्यापारिक संबंधक संग-संग सांस्कृतिक आदान-प्रदान होइत रहैत अछि। एहनमे जँ अहाँ लोकनि नेपाल जेबाक विचार क’ रहल छी त’ निश्चित रुपें किछु चीज धयानमे राखब जरूरी अछि। बात एहन अछि जे आब नेपालक सरकार एकटा पैघ फैसला लइत 200, 500 आ 2000 केँ भारतीय नोट पर प्रतिबंध लगा देलक अछि। नेपालमे आब भारतीय करेंसी सिर्फ सौ रुपैयाकेँ वा ओहिसँ छोट नोट मात्र चलत। एहनमे जँ अहाँक संगमे पैघ नोट रहत त’ परेशानी झेलय पड़त। प्रतिबंध लगलाक बाद जँ कोनो व्यक्ति उपरोक्त नोटक रुपैयाक संग पकड़ल जाएत त’ हुनका ऊपर आर्थिक अपराधकेँ तहत मामला दर्ज होयत आ भ’ सकैत अछि जे एहि मामलाक तहत गिरफ्तार क’ जेल सेहो भेजल जा सकैछ। एहि तरहक निर्णयसँ दुनु देशक बीच भ’ रहल व्यापार पर असर पड़त। नेपालक पर्यटन उद्योग पर सेहो एकर प्रभाव निश्चित रूपसँ पड़त। नेपाल सरकारक प्रवक्ता आ सूचना एवं प्रसारण मंत्री गोकुल प्रसाद बास्कोटा एहि तरहक प्रतिबंधकेँ पुष्टि करैत कहलाह जे मंत्री परिषदक बैठकमे ई निर्णय लेल गेल अछि। सरकारक तत्काल प्रभावसँ 200, 500 आ 2,000 रुपैयाक नोटकेँ अमान्य करार देल जा चुकल अछि । बास्कोटा बतौलनी जे भारतमे नोटबंदीकेँ बाद नेपालमे अखनो पुरान एक हजार आ पांच सौ केँ भारतीय नोटक लगभग आठ करोड़ रुपैया पड़ल अछि जाहिकेँ भारत सरकार वापिस नै लेलक। एहिसँ हमर देशक आर्थिक नुकसान भेल। जखन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनकपुर गेल छलाह तखन नेपालक प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ई मामला उठेने छलाह। मानल जा रहल अछि जे भारत सरकारकेँ तरफसँ कुनो सार्थक पहल नै कएला पर भारतक नव नोटकेँ अवैध घोषित कएल गेल अछि।

व्यवसाय आ पर्यटन पर पड़त असर

एहि प्रतिबंधसँ सीमावर्ती क्षेत्रक व्यवसायि आ देशी-विदेशी पर्यटक सभमे खलबली मचल अछि। किएक त’ नेपालमे भारी संख्यामे पर्यटक अबैत-जाइत रहैत छथि। एहि फैसलेसँ व्यवसाय आ पर्यटन पर असर पड़त। नेपालक खुदरा बाजार सेहो प्रभावित होयत। भारतक विभिन्न शहरक लोक भारतीय मुद्राक संग नेपाल जाइत छथि आ आसानीसँ सामान खरीद क’ लैथ छथि। आब हुनका लोकनिकेँ 100 या एहिसँ छोटे नोटक इस्तेमाल करय पड़त। चैंबर ऑफ कॉमर्स, पूर्वी चंपारणक अध्यक्ष सह उद्योगपति रामेश्वर प्रसाद गुप्ता बतौलनी जे इ नेपाल सरकारकका आंतरिक मामला अछि। लेकिन, एहि तरहक निर्णय जन भावनाकेँ दृष्टिकोणसँ ठीक नै। एहिसँ दुनु देशक व्यापार पर असर पड़त। नेपाल सरकारकेँ ई निर्णय वापस लेबाक चाहि। रक्सौल स्थित भारतीय स्टेट बैंकमे करीब 46 करोड़ रुपैया प्रतिमाह लेन-देन होइत अछि। एहने सन बात टैक्सटाइल्स चैंबर ऑफ कॉमर्सक अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता सेहो कहलनि जे एहिसँ व्यापार पर गंभीर असर पड़त। भारत आ नेपालक बीच खुलल बॉर्डर अछि। एहिकेँ अलावे दुनु देशमे बेटी-रोटीक संबंध अछि। एहन स्थितिमे देशी-विदेशी पर्यटक पर सेहो असर देखबामे आओत।

समाधानक लेल दुनु देशकेँ करय चाही बात

नेपाल-भारत सहयोग मंचक राष्ट्रीय अध्यक्ष सह उद्योगपति अशोक वैद्य बतौलनी जे नेपाल 2019केँ पर्यटन वर्षक रूपमे मनाओत। एहिकेँ जरिए देशी-विदेशी पर्यटक सभकें आकर्षित करय मे लागल अछि, जाहि सं नेपालक अर्थव्यवस्थाके मजबूत कएल जा सकै। एहनमे एहि तरहक प्रतिबंधसँ व्यापार, पर्यटन, स्वास्थ्य आ धार्मिक पर्यटन पर असर पड़त। दुनु देशक सरकारकेँ पहल क’ इ समस्याक समाधान करबाक चाहि।