सुपौलमे जंगली हाथीक आतंक, 2 दिनमे 5 लोकक मृत्यु

0
895

सुपौल, मिथिला मिरर :  जंगल पर्यावरण लेल कतेक उपयोगी होइत अछि से सभ कियो जनैत छी। जंगल कतेको वन्यजीवक आश्रय स्थल थिक। एतबे नहि जंगलसँ विभिन्न तरहक जड़ी बूटी, लकड़ी आ अन्य उत्पाद भेटैत अछि। एहनमे प्रकृति संरक्षण लेल जंगल बहुत जरूरी होइत छैक। मुदा कखनो काल जंगलमे रहय वला जीव-जंतुसँ किछु नुकसान सेहो होइत छैक। ताजा मामला सुपौल जिलाक अछि। नेपालसँ बिहारक सीमवर्ती क्षेत्र सुपौलमे एकटा मदमस्त जंगली हाथीक उत्पात पछिला दू दिनसँ जारी अछि। पछिला दू दिनसँ ई हाथी पाँच लोककेँ कुचली क’ जान ल’ लेलक आ कतेको घरकेँ सेहो ध्वस्त क’ घरमे राखल अनाजकेँ खा गेल। पुलिसक एकटा अधिकारी शुक्रदिन बतेलनि जे बुधदिन नेपालक मृगवनसँ भटकी क’ किछु हाथी बिहारक भीमनगर क्षेत्रमे पहुँच गेल। एहिमे सँ किछु हाथी वापस लौट गेल, मुदा एकटा हाथी सुपौल जिलाक आबादी वला क्षेत्रमे पहुँची गेल। ई हाथी पिछला दू दिनक भीतर करजाईन, राघोपुर, पिपरा, किसनपुर सहित अन्य थाना क्षेत्रमे उपद्रव मचा रहल अछि।

जिला प्रशासन आ वन विभागक टीम हाथीकेँ वापिस नेपाल क्षेत्रमे पहुँचेबाक कवायदमे जुटल अछि। पुलिसकेँ मुताबिक, हाथी वृहस्पतिदिन चौहट्टा गामक खेतमे काज क’ रहल श्याम लाल कामतकेँ कुचलि क’ मारि देलक आ उत्क्रमित मध्य विद्यालयक कतेको देवाल तोड़ी देलक। एतबे नहि हाथी भवानीपुर पंचायतमे खेतमे लागल फसलकेँ नुकसान पहुँचेलक आ कतेको घरकेँ क्षतिग्रस्त क’ देलक। हाथी करजाईन थानाक वसावनपट्टी गाममे पुतुल देवी (35) केँ सेहो पटकी घायल क’ देलक आ मोतीपुर गाममे साइकिल सवार युगेश्वर यादव (50) के कुचलि देलक जाहिसँ हुनक घटनेस्थल पर मृत्यु भ’ गेलनि। एहिसँ पहिने हाथी बुधदिन राघोपुर थानाक नरहा गाम होइत धर्मपट्टी गाम पहुँचल छल जतय घरक बाहर खेलि रहल 12 वषीर्य बच्चा मोहम्मद अब्बासकेँ कुचली घायल क’ देलक, जाहिकेँ बाद इलाजक दौरान मौत भ’ गेल। ई हाथी जहलीपट्टी गाममे धनिया देवी (55) आ कोरिया पट्टीमे रंजीत कुमार (45) केँ सेहो कुचली क’ जान ल’ लेलक।

सुपौलक जिलाधिकारी महेंद्र कुमार मृतक लोकनिक परिजनके पाँच-पाँच लाख रुपैया मुआवजा देबाक घोषणा करैत कहलाह जे हाथीकेँ वापिस नेपाल क्षेत्रमे भेजबाक लेल वन विभाग आ पुलिसक टीम लगातार प्रयास क’ रहल अछि। ओतहि वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश प्रसाद गुप्ता बतेलनी जे अक्सर एहि क्षेत्रमे नेपालसँ हाथिक झुड पहुँची जाइत अछि, मुदा वापिस चैल जाइत अछि। एहिबेर मात्र एकटा हाथी भटकी क’ आबादी वला क्षेत्रमे पहुँची गेल। हाथिकेँ राइतमे देखवामे परेशानी होइत अछि जाहि कारण ओ राइत क’ बेसी ज्यादा नुकसान करैत अछि।