‘छोटकी भौजी’ फेम गीतकार आलोक रंजन पप्पू सं भेंटघाट

    0
    454

    दिल्ली, मिथिला मिरर-राहुल कुमार रायः मिथिला मिरर एकटा खास पहल शुरू कयलक अछि जाहिमें मिथिलाक एहन प्रतिभावान कलाकार जिनकर गीत, संगीत, गायकी, अभिनय आदि, क्षेत्र में सगरो दुनियां में चर्चा छन्हि मुदा हुनका जीवन’क बारे में मिथिलावासी कें विस्तृत जानकारी नाहि रहैत छन्हि। मिथिला मिरर‘क भेंटघाट‘क अहि अंक में एहने प्रतिभावन व्यक्क्तिव जिनकर कलम सं निकलल गीत ’यै छोटकी भौजी लगबू जोगार आब नहि रहबै हम कुमार’ आ तोरा ओढ़नी पर दुनियां बताह भेलौ सुनगे गोरिया’ मिथिलाक कोना-कोना में धुम मचा कऽ राखि देने छल ओ आओर कयो नहि आलोक रंजन पप्पू छथि। आलोक जी मैथिली आ हिन्दी दुनु भाखा में गीत लिखै छथि। हुनके संग मिथिला मिरर‘क सह-संपादक राहुल कुमार राय केर खास बातचीत-

    प्र0- आलोक जी, नमस्कार! मिथिला मिरर‘क भेंटघाट‘क एहि कार्यक्रम में अपने स्वागत अछि!

    उ- जी, आंहुकें नमस्कार सह धन्यवाद जें अपने हमरा अहि कार्यक्रम में हमरा आमंत्रित कयलौं।

     प्र0-अपनेक जन्म कतय भेल आ शिक्षा-दीक्षा कतय सं प्राप्त कयलौं?

     उ- हमर जन्म दरिभंगा जिलाक नवादा गाम में एकटा साधारण परिवार में 1980 में भेल आ हमर प्रारंभिक शिक्षा गामें कें प्राथमिक स्कूल आ हाईस्कूल में भेल। तकरा बाद इंटर आ बी.काॅम(आॅनर्स) सीएम काॅलेज दरिभंगा सं कयलौ आ ओहिक बाद अपन कलम सं मिथिला मैथिली‘क सेवा में लागल छी।

     प्र0- गीत लिखबाक रूचि अपनेक मऽन में कहिया सं जागल?

    उ-जखन हम नेन्ना क्लास में रही तऽ ओहि समय हमरा गीत गाबैय में बड रूचि छल। मुदा जखन हम 9 वाँ क्लास में पढैत रही ओहि समय सं हम गीत लिखबा में रूचि लियऽ लागलौं। हालांकि शुरूआत में हम फिल्मी धुन पर गीत लिखैत रही मुदा धीरे-धीरे अप्पन धुन पर गीत लिखबामें सेहो सार्मथ्य भेलौं।

    प्र0-अपनेक द्वारा पहिल रचना कयल गीत कोन छल?

    उ- हम अपन जिवनक पहिल रचना भगवतीक गीत सं शुरू कयने रहि जेकर बोल छल ‘लऽ कय फूल लाले लाल, अयलों अहां कें दरबार’ आ एहि गीत कें स्वर देने छलथि मिथिलांचलक प्रसिद्ध गायक रामबाबू झा। कैसेट‘क नाम छल ‘दुर्गा प्रार्थना’। हलांकि ई गीत एम्हर आबि कय रिकार्डि्रंग भेल छल।

    प्र0- अपनेक पहिल गीत कोन छल जे रिकार्डिंग तक पहुंचल छल? ओहि गीत कें रिकार्डिंग तक पहुंचेबा में कतेक परेशानी भेल छल?

    उ- हमर पहिल रिकार्डेड गीत छल ‘तोरा ओढ़नी पर दुनियां बताह भेलौ सुन गे गोरिया’ जे ओहि कैसेट्‘क टाईटल सांग छल जेकरा आवज देने छलथि रामबाबू झा। ई कैसेट् टी-सीरीज सं निकलल छल जे ओहि समय में संपूर्ण मिथिलांचल में धूम मचा देने छल। आब बात रहल परेशानी के तऽ ई बात सत्त छय जे नवोदित गीतकार‘क गीत लेबा सं कने गायक लोकनि हिचकिचाइत जरूर छैथि। मुदा ज्यों अपन रचना आ लक्ष्य पर जेकरा विश्वास रहैत छैक ओकरा सफलता निश्चितरूपहिं भेटैत छैक। प्राय सभ गीतकारक ई अभिलाषा रहैत छैक जे हमर कयल गेल रचना आम जनमानस तक पहुंचय आ रचना कें सराहना कयल जाय। एहि अभिलाषा‘क संग हमहुं पहिल बेर रामबाबू झा ओहिठाम अपन पोथी लय पहुंचल छलौं मुदा सफलता नहि भेटल छल। तय्यो हम हिया नहि हारलों बेर-बेर कोनो ने कोनो बहाना बना हुनका सं भेंट करबाक लेल जाएत रहलौं अंत में हमर मेहनत सफल भेल आ हमर लिखल गीत ’तोरा ओढ़नी पर दुनियां बताह सुन गे गोरिया’ रिकार्डिंग के लेल चुनल गेल।

    प्र0-एखनधरि अपनेक गीत कें कोन-कोन कलाकार अपन स्वर देलनि अछि?

    उ-हमर बहुत रास कलाकार अपन स्वर देलनि अछि जाहिमें- माधव राय‘क आवाज में ‘यै छोटकी भौजी लगबु जोगार, आब ने रहबै हम कुमार आ ‘चलै छै कोना मटकि-मटकि कऽ कनियां 2007 कें’(छोटकी भौजी), हरिकिंकर ठाकुर‘क स्वर में ‘कनियां भेलै काॅलेजिया दिन कटतै कोनाके’ आ ममता राजे के आवाज में ‘हमरा बर चाहि’(मोबाईलवाली कनियां), सुमन सौरभ‘क ’छौड़ा करैय कठमैरि’(जय कनियां), रामबाबू झा‘क ’एना नैय लचका नैय अपन तू डांरि गे, हमर होश उड़ि जाय यै’(चितचोर), ’फगुआ‘क एयलै तुफान कहु सब मिल सा रा राऽ’(फगुआक रंग भौजीक संग), श्रुति मौसम‘क आवाज में ‘डीह नवादावाली मैया, आसन तोहर पूजाय छौ’(मैय्या चलु मोरा अंगना), महंथ झा‘क स्वर में कैसेट्स ‘पलक पट खोलु हे मैया में सेहो हमर गीत अछि। जुली झा‘क स्वर में ‘बर छैथि बड झुझुआन हे, जुनि परिछन करियौन, कहियौन धुरि जेता गाम हे’जुनि परिछन करियौन (दुलहा दुलरूआ), आ हिन्दी में कार्तिक महाराज‘क स्वर में कैसेट ‘माता झलक दिखला जा’ में हमर गीत के स्वर देने छथि।

    प्र0-छोटकी भौजी‘क गीतक सफलताकें अपने कोन तरहे देखै छियै?

    उ- छोटकी भौजी‘क गीतक सफलता हमरा सब सनक छोट गीतकार कें लेल संजीवनी‘क कार्य केलक जेकर परिणाम अछि जे आई हम अपनेक सोझा आयल छी।

    प्र0-मैथिली भाषा में गीत लिखनिहार गीतकार कें जे अपन नामक लोकप्रियता भेंटबाक चाहि ओ आई धरि शायद नहि भेट सकलनि एकर पाछा कि कारण भय सकैत अछि?

    उ- एकर एकटा कारण इहो भय सकैत अछि, जिनकर गीत गाबि गायक लोकनि वाहवाही लुटैत छथि हुनके टा मिथिलाक संस्थाक द्वारा बेर-बेर सम्मान भेटै छनि। मुदा जे हुनक गीतक एक-एक शब्द सं सजाबैत छैथ तिनका कोनो सम्मान भेटैत नहि देखबा में आयल अहि। बहुत रास पत्रिका, अखबार मिथिला में निकलल आ एखनों निकलि रहल अछि। मुदा ओहुमें गीतकार लोकनिक लेल कोनो विशेष स्थान नहि देखल गेल। मुदा आई मिथिला मिरर‘क एहि प्रयासक लेल बधाई के पात्र अछि। जे मिथिलाक ओहि गीतकार लोकनि कें आगा आनि रहल छथि जिनकर रचना मिथिलाक कोना -कोना में पसरल छैक मुदा हुनका बारे में किनको विस्तृत जानकारी नहि छनि।

    प्र0- एखन वतर्मान में अपनेक रचना कयल गीतक कोनो एलबम आछि कि?

     उ- जी, एखन हालहिमें दू गोट पहिल कैसेट महंत झा‘क स्वर में ‘पलक पट खोलु हे मैया’ आ दोसर कैसेट् केशव राॅक के आवाज में बाजार में आबि गेल अछि। जेकर नाम अछि ‘डिजाइन बड डेन्जर’ जाहिमें हमर लिखल 2टा गीत पहिल मिथिला वंदना‘(मिथिला राज्य निर्माण लेल समर्पित)- “अछि सलाइ में आगि जरत कि बिना रगड़ने, पायब मिथिला राज्य कतहु कि बिना झगड़ने” जा धरि देह में प्राण रहत हम लड़बे टा करबै,! हमर अधिकार छी मिथिला राज्य लऽ के हम रहबै!! आ दोसर गीत ’जखने भेलै नोकरी हमरा, तखने एलैय घटक रे, होमो लागलैय हमरा घर में बड़का उठापटक रे ! आ तेसर पूनम मिश्रा के आवाज में दुर्गा पूजा सं पहिन रिलीज होयत जाहिमें हमर गीत सेहो रहत।

     प्र0-कोनो एहन टटका नव रचना के बारे बताव जाहि में अपने लागल छी?

    उ- जखन अहि गपक चर्चा कय देलौं तऽ बताइये दैय छी, जे एखन नव रचना कय रहल छी ‘ओकर बोल अछि-‘तोरा बिंदिया पर इंडिया दिवाना’।

     प्र0- नवोदित गीतकार कें अपने कोन तरह सुझाव देबय चाहबनि जाहि सं मैथिली गीत लिखबा में रूचि बढ़तैनि।

    उ-मिथिली में गीत लिखाबक उद्देश्य मात्र टका कमेनाय नहि अपितु माँ मैथिली कें सेवा करबाक अभिलाषाक संग लिखबाक चाहि। निठा सं सेवा केनिहार कें मेवा जरूर भेटैत छैक। मुदा नवोदित गीतकार सं ई विशेष आग्रह जे भोजपुरी टैक लिखऽ के बदला अपन टैक पर गीत लिखैत जाहिसं मिथिलाक मान सम्मान बरकार रहि सकत।

    प्र0-धन्यवाद ! आलोक जी अपने अपन बेसकिमति समय मिथिला मिरर देलौं!

    उ- आहुंके बहुत-बहुत धन्यवाद!