मैथिली सं यूपीएससी केनिहार प्रवीण कुमार झा केर संग भेंटघांट

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    दिल्ली-मिथिला मिररः मैथिली भाषा सं सिविल सेवाक परीक्षा उतीर्ण केनिहार समस्त प्रतिभागि लोकनिक साक्षात्कार क्रमवार मिथिला मिरर अपने लोकनिक लेल लऽ कऽ आबि रहल अछि, एहि कड़ीमे मिथिला मिरर प्रवीण कुमार झा जे 445म रैक सं पास केलाह हुनका सं विशेष बातचीत केलक अछि। मिथिला मिररक संपादक ललित नारायण झा आ प्रवीण कुमार झा केर बीच भेल बातचीतक अंश अपने सबहक लेल।
    प्र0: प्रवीण जी अहांकें मिथिला मिररक दिस सं बहुत-बहुत बधाई। संगहि अपनेक परिचय जानय चाहब?
    उ0: बहुत-बहुत धन्यवाद सर अपनेक, समस्त मिथिलावासीकें प्रणाम! हमर नाम प्रवीण कुमार झा अछि, हमर पिताजीक नाम-श्री रामाकर झा छन्हि, हमर माताजी नाम-स्वर्गीया रेणुका झा छन्हि। घर हमर मधुबनी जिलाक ठाढ़ी गाम अछि।
    प्र0: अपनेक शिक्षा-दीक्षा कतय सं भेल अछि?
    उ0: हमर प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जमशेदपुर तत्कालीन बिहार आ वर्तमान झारखंड सं भेल अछि, कारण पिताजी जमशेदपुर मे ‘पीटीपीएस’ मे कार्यरत्त छथि ताहि हेतु। हम 2003मे सरस्वती विद्या मंदिर, पतराटू सं मैट्रिक केने रही, हमर इंटर (2004-06)मे डीएवी पतराटू सं भेल छल। ओहिकें बाद हम एनआईटी जमशेदपुर सं बीटेक केलौह (2007-11) आ हमर ट्रेड छल इलेक्ट्रॉनिक एण्ड कम्यूनिकेशन छल। बीटेक कें बाद हम टाटा स्टीलमे नौकरी करए लगलौह। ओहिकें बाद 2014मे हम नौकरी छोड़ि देलौह आ सिविल सेवाक तैयारी मे जुटी गेलौह। अहि बेर संघ लोक सेवा आयोगक परीक्षामे 445म रैंक पर चुनल गेलहूं।
    प्र0: अहांक लालन-पालन शहरमे भेल तखन फेर मैथिली भाषाकें लय सिविल सेवाक तैयारी पाछाक उद्देश्य?
    उ0: शहर मे रहितो हमरा घरमे मैथिली सामान्य रूपसं बाजल जाइत अछि आ ओहै कारण छल जे हमर मैथिली नीक छल आ अपना भाषाक प्रति हमर लगाव बनल छल। जखन हम सिविल सेवाक लेल वैक्लपिकभाषाक खोजय करय लगलहुं त ओहिमे अपनहि भाषा हमरा सर्वोपरि बुझाएल।
    प्र0: डॉ. शेखर झा मंथन कें संग केहन संस्मरण रहल?
    उ0: बहुत नीक अनुभव रहल हमर शेखर सर आ मंथनक हमरा लेल। हम अपन एकटा मित्रक संग हुनका लग तक पहुंचल रही आ ओहिकें बाद फेर हमरा लोकनिक संबंध आआरे बेसी मजबूत होइत गेल। शेखर सर हमरा बतवैत गेलाह आ हमहुं ओहि पाठ्य पुस्तककें पालन करैत गेलहूं।
    प्र0: मैथिली भाषाक प्रति की सब सोचि रहल छी?
    उ0: हमरा गर्व अछि जे हम मैथिल छी मुदा मैथिली भाषाक जे प्रचार-प्रसार हेवाक चाही ओ एखन धरि नहि भय सकलैक अछि। संघ लोक सेवाक तैयारी जखन कियो करैत अछि त ओकरा मोनमे इ बात सब रहैत छैक जे हम समाजक लेल किछु करी आ एहनमे हमरो जिम्मेदारी बनैत अछि जे कोना विश्व जनमानसक बीच अपन मायक बोलीकें प्रचारित-प्रसारित करैत एकरा संवर्धन करी।
    प्र0: अहांक प्ररेणा स्त्रोत के छथि आ कोना प्ररेणा भेटल?
    उ0 हमर प्रेरणा दायक हमर पिताजी छथि कारण एकटा नीक नौकरी छोड़ि हम तैयारीमे जुटल रही एहनमे बहुत तरहक बाद उठय लागैत छैक मुदा हमर बाबूजी हमरा कहियो अहि लेल नहि टोकलाह आ सतत् आगू बढ़वाक लेल प्रेरित करैत रहला। ताहि लेल हमर सब सं पैघ प्ररेणा दायक हमर पिताजी छथि आ हुनके प्रेरणा सं हम अहिठामक सफर तय केलौह अछि।
    प्र0: अहांक पंसद की सब अछि?
    उ0: हमरा किताब पढ़ब बहुत नीक लगैत अछि एकरा अलावे हमरा खेनाई बनेनाई सेहो बहुत नीक लगैत अछि आ हम ओहिमे किछु ने किछु प्रयोग करैत रहैत छी। एकरा अलावे हम संगीत सं सेहो बहुत बेसी जुड़ल छी आ संगीतक सानिध्यमे रहब हमरा बहुत नीक लगैत अछि।
    प्रवीण जी मिथिला मिरर सं बातचीत करवाक लेल आ अपना विषयमे एतेक रास जानकारी देवाक लेल अपने कें कोटि सह धन्यवाद। अपने नहि सिर्फ अपन परिवार, अपन गाम-घर अपितु पूरा मिथिलाक मानक संग-संग मैथिली भाषाक लाज रखलौह ताहि लेल अपने बधाईकें पात्र छी।
    सर अहूं कें बहुत-बहुत धन्यवाद जे हमरा लेल एतेक रास समय निकालौह। अपनेक संग-संग मिथिला मिरर कें सेहो बहुत-बहुत धन्यवाद।
    अपने सब अहिना बनल रहु मिथिला मिररक संग आ पढ़ैत रहु एक सं एक साक्षात्कार सिविल सेवामे पास केनिहार व्यक्ति लोकनिक।