फिल्म जट-जटिनकें निर्माता अनिल पतंग सं खास बातचीत

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    दिल्ली-मिथिला मिररः मिथिलाक लोक संस्कृति जट-जटिन पर बनल हिन्दी फिल्म जे कि नहि सिर्फ भारत अपितु विश्वक कतेको देशमे अपन अभियन आ स्क्रिप्टक लेल लोहा मनवा रहल अछि। इ फिल्म करीब डेढ़ दर्जन सं बेसी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कऽ चुकल अछि आ जाहि सिनेमा हॉलमे एकर प्रदर्शन भए रहल छैक ओहिठाम मिथिलाक लोक संस्कृतिक एकटा अलग तरहक छाप छोड़ि लोककें मंत्र मुग्ध कय रहल अछि। फिल्म निर्माता अनिल पतंग केर संग मिथिला मिररक संपादक ललित नारायण झा विस्तार सं बातचीत केलाह आ फिल्म एक-एक विषय पर हुनका सं हुनक विचार जनलनि। त आउ अपने लोकनिक लेल बातचीतक इ अंश।
    प्र0 अनिल जी सब सं पहिने अपने कें मिथिला मिरर पर स्वागत अछि। संगहि एकटा बात पूछए चाहब जे आखिर मिथिलाक लोक कला पर आधारित जट-जटिन पर सिनेमा बनायब आ ओहो हिन्दीमे इ बात कोना आएल मोन मे?
    उ0 ललित जी सब सं पहिने अहांकें बहुत-बहुत धन्यवाद आ मिथिला मिररक समस्त पाठक, दर्शक आ श्रोताकें हम अनिल पतंग प्रणाम करैत छियैन्ह। जा धरि बिहारक विभाजन नहि भेल छल ता धरि हमरा सब झारखंडक जे आदिवासी लोकनिक लोक कला आ कि संस्कृति छल ओकरे सं पहिचानल जाइत छलौह। नहि त सरकार आ नहि बिहारक लोक मिथिलाक जट-जटिन, झिझिया, सामा-चकेवा आ कि डोमकछकें मानवाक लेल तैयार छल। जखन बिहारक विभाजन भेलैह तखन हम अपन लोक संस्कृतिकें संवर्धन पर काज करए लगलौह, ओहि क्रममे हम 50 सं बेसी लोक कलाकें खोजवामे सफल रहलौह मुदा ओहि समस्त लोक कलामे अपन जे जट-जटिन अछि ओ हमरा सब सं बेसी नीक आ सबकें दमदार लगलनि ताहि लेल हम एकरा सिल्वर स्क्रीन पर उतारवाक निर्णय लेलौह।
    प्र0 किछु गोटेक प्रश्न छन्हि जे मिथिलाक लोककलाकें बिहारक नाम कियैक देलौह अहां?
    उ0 ललित जी हमरा आश्चर्य लगैत अछि एहन तरहक विचार पर, कि अपना माटि-पाइन आ अपन संस्कृतिकें बोरामे बान्हि कऽ मिथिलामे रखलाह सं मिथिला आ अपन लोक कलाक विकास जौं भए जायत त हम अपराध केलौह मुदा हमर मुख्य उद्देश्य इ छल आ अछि जे विश्वक लोककें इ बात पता चलै जे हमर मिथिलाक लोक संस्कृति आ लोक कला एतेक नीक अछि आ हमरा सब सांस्कृतिक रूपें एतेक धनीक छी। अहि सिनेमाकें हम हिन्दीमे बनेलहूं जरूर मुदा नहि त एकर गीतमे कोनो बदलाव भेल आ नहि एकर संवादमे, हम अहि सिनेमाकें मूलजे मैथिलीक स्वरूप अछि ओहिमे रखवाक पूर्ण कोशिश केलौह। हां, इ सिनेमाक बोल हिन्दीमे अछि आ एकरा अंग्रेजीमे सेहो टेक्सट कैल जाए जाहि सं विश्व भरिकें अहि लोक कलाकें जानकारी भेट सकए।
    प्र0 फिल्म बनेवाक क्रमक कोनो संस्मरण जे याद होइ ओहि पर प्रकाश देल जाउ?
    उ0 बहुत रास संस्मरण अछि आ ओकरा अपने लोकनिक सोंझा राखए सेहो चाहब। मुंबईमे जखन टीम कलाकार सब अहि फिल्मक पटकथा सुनलाह त सब दुगूना उत्साह सं काज करवाक लेल तैयार भए गेलथि। अहि फिल्मक पूरा शूटिंग मात्र बीस दिनमे पूरा भए गेल छल। हमर बेटा अछि राजीव रंजन जे मुंबईमे आर्ट डायरेक्टर अछि आ ओहिठामक टीम छल जे दिन-राइत मेहनत कए अहि सिनेमाकें पूरा करवामे हमर संग देलाह। नहि त हमरा लग ओतेक बेसी टका छल आ नहि 8 घंटा वला कोना शेड्यूल।
    प्र0 फिल्मक रिलीज आ डिस्ट्रीब्यूशन पर कि कहब अछि अहांक?
    उ0 जी फिल्म 13 मई कऽ रिलीज भए गेल अछि आ बेगूसरायमे हाउसफुल तेसर सप्ताह चलि रहल अछि मुदा एकरा मिथिलाक अन्य जिलामे नहि लगवा पेलौह। ओना इ झारखंडक विभिन्न शहरक सिनेमा हॉलमे चलि रहल अछि आ ओहिठाम सं बहुत नीक फिडबैक अछि जाहि सं हमर पूरा टीम बहुत बेसी प्रसन्न अछि। मिथिला अन्य जिला दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी सहित सहरसा, सुपौलमे लए जेवाक प्रबल इच्छा अछि मुदा ललित जी अपनेकें बहुत नीक जेना बुझल अछि जे मिथिलामे कोनो मैथिली सिनेमाकें आ ओहि विषय बस्तु कें सिनेमा हॉल भेटवामे कतेक दिक्कत होइत अछि। हमरा सब लग ओतेक टको नहि अछि जाहि सं हम अडंड टका लुटा सिनेमा लगबाएब। मिथिलामे भोजपुरी सिनेमा चलैत अछि मुदा सिनेमा हॉल मालिक मैथिलीकें कोनो जगह नहि देबय चाहैत छथि। अहि सिनेमाक चर्चा जखन वैश्विक स्तर पर होमए लागल तखन जा कऽ कतौ ने कतौ सिनेमा मालिक अहिकें संज्ञानमे लेलाह। मिथिला क्षेत्रमे लोकक रूझान सेहो ओहने अछि, तीन सप्ताह सं इ सिनेमा बेगूसराय मे चलि रहल अछि मुदा बेगूसरायक समग्र मैथिल प्रदीप बिहारी एखन धरि अहि सिनेमाकें देखैयक लेल नहि ऐलाह जाहि सं हमरा थोड़ेक तकलीफ अछि।
    प्र0 राज्य सरकार दिस सं कोनो मदद भेटल?
    उ0 बिहारक विभाजनक बाद हम लोककला पर बहुत रास खोजबीन करैत रहलहू। अपन मिथिलाक समस्त लोककला आ लोक संस्कृतिकें बेर-बेर हम मंचक माध्यम सं रखैत रहलहू मुदा मंच सं वैश्विक स्तरतक कोनो बात नहि पहुंचाओल जा सकैत अछि। एहनमे जखन हम जट-जटिन पर काज करए लगलहूं त सरकार हमरा एकर उत्थानकर्ताक गुरू बना देलक जाहि सं हमरा सबहक जिम्मेदारी आओर बेसी बढ़िगेल आ अहि जिम्मेदारी पर हम ठाढ़ भेलहूं कि नहि इ त अहां सब जखन सिनेमा देखब तखनहि पता चलत।
    अनिल बाबू अपनेकें बहुत-बहुत धन्यवाद जे अहि फिल्म सं जुड़ल एतेक नीक-नीक जानकारी देलौह।
    जी अपनहूं कें बहुत-बहुत धन्यवाद, संगहि आग्रह जे बेसी सं बेसी संख्यामे जा अपने सब सिनेमा देखी आ हमरा सबहक उत्साह वर्धन करी।
    इ छल साक्षात्कार लेकिन जल्दीये अहि सिनेमाक पूरा विवरण लय अपने लोकनिक सोंझा आएब।