दरभंगा, मिथिला मिरर-निशांत झा: दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मे आॅक्सीजन आ नाईट्रसआॅक्साईड गैसक खरीद मे राज्य सरकार के पैघ पैमाना पर चूना लगाओल जेबाक मामला प्रकाश मे आयल अछि। एतय धरि कि मेडिकल के जगह इंडस्ट्रीयल गैस आपूर्ति करबाक बात सेहो सामने आयल अछि। जकर प्रमाण अछि जे, भुगतान मे कतहु बैच नम्बरक जिक्र नहि कायल जाईत अछि। जहन कि मेडिकल आपूर्तिक लेल बैच नम्बर भेनाइ अनिवार्य अछि।
मामला मे अस्पताल अधीक्षक आ ड्रग इंसपेक्टर सेहो मौन अछि। आपूर्तिकर्ता सं 28 दिसम्बर 2013 कय अस्पताल अधीक्षकक संग डील भेल छल। जाहि के तहत नाईट्रस-आॅक्सीजन गैस क्यूविक मीटर मे आपूर्ति करबाक छल। मुदा, भुगतान किलोग्राम मे होबय लागल, जहन कि पूर्व के संवेदक सं कम राशिक हवाला दय नव डील कायल गेल छल।
एतबे नहि आपूर्तिकर्ता बाद मे अस्पताल अधीक्षक के एकटा स्मारपत्र देल गेल जे, टाईपिंग मिस्टेक के कारण किलोग्राम के बदले क्यूविक मीटर लिखा गेल छल। आपूर्तिकर्ता मुज्जफरपुर आ भागलपुर अस्पताल मे अहि तरह अहि दर पर भुगतान हेबाक प्रमाण पत्र दय देलक। जाहि प्रभारी अस्पताल अधीक्षक के कार्यकाल मे ई डील भेल छल ओ अधीक्षक भाुगलपुर मे अहि आपूर्तिकर्ताक संग डील केने छल।
किलाग्राम आ क्यूविक मीटर मे गैसक कीमत मे तीन गुणाक अंतर भय जाइत अछि। जहन कि कम कीमतक हवाला दय नव डील कायल गेल छल। हैरत के बात अछि जे, गैस आधारित मरीजक संख्या मे बढ़ोतरी नहि भेल अछि मुदा गैस मद मे व्यय जे पहिने एक सं सवा लाख रुपैया छल से बढ़ि कय छ: लाख भय गेल अछि।
विभागीय आकड़ा के अनुसार दिसम्बर 2013 सं पहिने प्रति माह 135 स 285 तक आॅक्सीजन सिलेन्डर आ 4-8 नाईट्रस सिलेन्डरक खपत छल, मुदा नव डील के बाद अधिकतम आॅक्सीजन 1022 आ नाईट्रस सिलेंडरक आकड़ा 27 सिलेंडर तक चलि गेल अछि।