मिथिला मिरर, स्नेहा झाः अंधकार पर प्रकाशक जीत अर्थात दीयाबाती यूनेस्को’क (UNESCO) धरोहर सूची मे शामिल कएल गेल अछि, एकरा वैश्विक स्तर पर भारतक सांस्कृतिक गौरवक नव अध्याय कहल जा सकैत अछि। भारतक प्रमुख पर्व दीयाबाती केँ यूनेस्को’क मानवताक अमूर्त सांस्कृतिक विरासतक प्रतिनिधि सूची (Representative List of Intangible Cultural Heritage) मे औपचारिक रूप सँ शामिल कएल गेल। दीयाबातीक सूचीबद्धताक संग भारत मे आब कुल 16 गोट विश्व धरोहर भऽ गेल, एहि निर्णय सँ विश्व पटल पर भारतक सांस्कृतिक पहचान आ धार्मिक, आध्यात्मिक परंपराक गरिमा एक बेर फेर प्रखर भऽ गेल। न्छम्ैब्व् द्वारा जारी सूची मे दीयाबातीक चयन सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक एकता, आ मानवीय मूल्य केँ मजबूत करबाक आधार पर कएल गेल। दिवारी जरा’क अंधकार पर प्रकाशक विजयक संदेश, परंपरा, परिवार आ समाज मे एकजुटता बढे़बाक भाव वैश्विक स्तर पर दीयाबातीक महत्त्व केँ उभारैत अछि। भारत सरकार एहि उपलब्धि केँ देशक सांस्कृतिक आ कूटनीतिक सफलता मानलक अछि, जकरा कारणेँ भारतीय परंपरा आ लोक आस्था केँ अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता भेटि रहल अछि। कला एवं संस्कृति मंत्रालयक अनुसार, दीयाबाती मात्र धार्मिक उत्सव नहि, अपितु भारतीय सभ्यता आ दर्शनक प्रतीक अछि। दियाबाती दुनिया भरि मे भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा उमंग आ उत्साह सँ मनायल जाएत अछि। लाखो लोक अपन घर-आंगन मे दीवारी जराक’ शांति, सद्भाव, आ समृद्धिक संदेश दैत छथि। यूनेस्को’क सूची मे शामिल होयबा सँ एहि पावनिक वैश्विक पहुँच आ सांस्कृतिक महत्त्वमे प्रबलताक वृद्धि होएत। विदित हो कि भारतक योग, कुंभ मेला, नववर्ष मणिपुरी नृत्य, रामलीला सन कतेको परंपरा पहलहि सँ यूनेस्को’क सूची मे शामिल अछि। आब दीयाबाती केँ एहि सूची मे जुड़ला सँ देशक सांस्कृतिक विरासतक परिधि विशेष मजबूत भऽ गेल।
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अंतरराष्ट्रीय समाचार यूनेस्कोक धरोहर सूची मे शामिल भेल अंधकार पर प्रकाशक प्रतीक ‘दीयाबाती’ पर्व




