मधुबनी। मधवापुर प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किमी दूरी पर स्थित बासुकी बिहारी उत्तरी पंचायत का जुलाहा जाति की 200 आबादी वाला मजकोठिया गांव को एक अदद पक्की सड़क तक नसीब नहीं है। यहां के लोगों को गांव से बाहर आने-जाने का पगडंडी ही एक मात्र सहारा है। जिससे लोग बिहार सरकार के विकास के दावे को कोस रहे हैं।
सड़क सहित विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए भवन का भी इंतजार है। हालांकि इस गांव में जाने के लिए पगडंडियों की कमी नहीं है। गांव में जाने के लिए आरीनुमा चार पगडंडियां है। जिससे लोग गांव आते-जाते हैं। बता दें कि इस गांव में वर्ष 2005 में प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केन्द्र की स्वीकृति आई। इसके बाद विद्यालय के लिए तीन शिक्षक और आंगनबाड़ी केन्द्र पर सेविका-सहायिका को बहाल किया गया और विभाग द्वारा भवन निर्माण के लिए राशि भी आवंटित की गई। लेकिन भवन के लिए भूमि की व्यवस्था नहीं होने के कारण आजतक यह गांव इस सुविधा से वंचित है। पगडंडी के सहारे चलने वाले ग्रामीणों को बिजली की रोशनी कब मिलेगी, कब फर्राटे से सड़क पर गाड़ी दौड़ेगी और कब विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों की किलकारी से गुलजार होगा इसका आज भी इंतजार ग्रामीणों को है।