दिल्ली, मिथिला मिरर : मिथिलाक्षरकेँ संरक्षण, संवर्धन आ विकासक लेल बनल कमेटी अपन रिपोर्ट केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालयकेँ सौंपी देलक अछि। रिपोर्टमे अति प्राचीन लिपिकेँ बचेबाक लेल कतेको सुझाव देलनि अछि। जदयूकेँ राष्ट्रीय महासचिव संजय झा दिल्लीमे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकरसँ भेट क’ तमाम सुझाव पर हुनकासँ विस्तारपूर्वक चर्चा कएलनि। केंद्रीय मंत्री अधिकतर सुझाव पर अपन सहमति दैत जल्दिए ओहिपर काज करबाक आश्वासन देलनि अछि। एहि बैठकमे केंद्रीय मंत्री मिथिला आ मैथिलीकेँ विकासक प्रति केंद्र सरकारक प्रतिबद्धता दोहरेलनि अछि। बैठकक जानकारी दैत संजय झा बतौलनि जे मिथिलाक विद्वान लोकनि मिथिलाक्षरमे अपन अनेक शास्त्र-पुराण लिखलनि। एतय धरि जे संस्कृतक विद्वान सेहो मिथिलाक्षरकेँ प्रयोग करैत छलाह। बहुत दुखक बात अछि जे हम सभ मिथिलाक्षर लिखब-पढ़ब छोड़ी देलहुँ। आई मिथिलाक्षरमे लिखब-पढ़ब वला लोक मात्र गिनतीकेँ बचल छथि। यैह कारण अछि जे हम पूर्वज द्वारा लिखल गेल इतिहासकेँ ठीक ढंगस समझ नहि पाबि रहल छी।
केंद्रक एनडीए सरकारक ई प्रयास मिथिला आ मैथिली लेल महत्वपूर्ण अछि। हम तत्परतासँ एहि मुद्दा पर कारगर कदम उठेबाक दिशामे आगा बढ़ी रहल छी। जनतब होयत जे 19 मार्च, 2018 के एहि मुद्दा पर संजय झा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रीकेँ एकटा ज्ञापन देने छलाह, जाहिमे मैथिलीकेँ विकासक लेल कमेटी गठित करबाक आग्रह केने छलाह। मंत्रीक पहल पर महज तीन महिनामे एतेक पैघ काजके अंजाम देल गेल। केंद्रीय मंत्रीक आग्रह पर संजय झा कमेटी लेल सदस्य लोकनिक नामकेँ सुझाव सेहो देने छलाह। कमेटीक सदस्य लोकनिक मैसूर स्थित भारतीय भाषा संस्थानमे बैठक भेल आ गहनतासँ तमाम पहलु पर विचार कएल गेल। एहिक बाद कमेटी मिथिलाक्षर संरक्षण, संवर्धन आ विकास लेल अपन सुझाव मानव संसाधन विकास मंत्रालयके सौंपी देलनि अछि। जदयू नेता संजय झा एकरा ऐतिहासिक पहल करार देलनि। निश्चित रुपें सरकारक ई प्रयास मैथिलि आ मिथिलाक्षर लेल मीलक पाथर साबित होयत एहन आशा कएल जा सकैत अछि।