दरभंगा, मिथिला मिरर: पैघ नोट बंद करबाक फैसला के रुपैया निकासी करबाक लेल आयल बुजुर्गक परेशानी बढ़ी गेल अछि। लगातार दौड़ लागेलाक बावजूद रुपैया नहि भेटला सं विवाह तथा क्रिया-कर्म प्रभावित भय रहल अछि। बेला निवासी इंद्रकांत झा (68) के काका के मृत्यु आठ नवंबर क भय गेल। 18 स 19 नवंबर तक श्राद्ध कर्म छन्हि। मुदा रुपैयाक अभाव मे क्रिया-कर्म मे समस्या आबि रहल अछि। बैंक ऑफ इंडिया मे रुपैया निकासी करबाक लेल आयल इंद्रकांत कहैत छथि जे, काका के श्राद्धकर्म अछि, लगातार तीन दिन स बैंकक चक्कर लगा रहल छी, मुदा रुपैया नहि भेटि रहल अछि। एना मे श्राद्ध कोना होयत?
इंद्रकांत के अनुसार खाता मे करीब एक लाख 75 हजार रुपैया अछि। कर्मक लेल तत्काल 50 हजार रुपैयाक आवश्यकता अछि। अहि लेल लाइन मे ठाढ़ भय क तीन दिन स वापिस जाई पड़ी रहल अछि। उम्र अधिक हेबाक कारने लाइन मे अधिक देर ठाढ़ नहि भेल होइत अछि। एक दिन चारि हजार रुपया के फार्म भरलहू त कोनो तरह काटि क दू हजार भेटल।
ओ कहलनि जे, बंदी स पहिने सरकार पर्याप्त रुपैयाक व्यवस्था बैंक मे करा दैत त अनिवार्य काजक लेल जरूरतमंद के भटकय नहि पड़ैत।