नीक काज करतो ‘मिथिला स्टूडेंट यूनियन’ कें एखन आओर परिपक्व हैव आवश्यक

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    दिल्ली-मिथिला मिररः अहिमे कोनो दुम्मैत नहि जे मिथिला स्टूडेंट यूनियन नीक काज करैत मिथिला-मैथिली आंदोलनकें आगू बढ़ा रहल अछि। हालांकि किछु व्यक्ति ओ संस्था एकरा पब्लिसिटी मात्र करार दैत छथि, मुदा हम जौं हुनके शब्दमे अहि बातकें आगू बढ़ावी त ओकरा एना कहब जे समांगमे कखनो काल कऽ बुड़बक समांग सेहो कबिलाहा सं नीक काज कऽ सबकें हतप्रभ कऽ दैत छथि। एखन धरिक जे मिथिला-मैथिली आंदोलन रहल अछि ओ कतौ ने कतौ व्यक्ति विशेष रहलैक अछि, ओहि आंदोलनमे उक्त व्यक्तिक भलाई त देखल गेलनि अछि मुदा सार्वजनिक रूपे ओहोठाम सं मैथिलीजन आ मिथिला-मैथिली आंदोलनकें ठगले गेल। हां, मैथिली भाषाकें अष्ट्म अनुसूचीमे देवाक बेरमे जे आंदोलन छल ओकरा एकटा सार्थक आंदोलन कहल जाए, कारण ओ जाति विशेष सं उपर उठि कैल गेल आंदोलन छल।

    आई धरिक जे आंदोलन रहल ओ कतौ ने कतौ व्यक्तिवादी आ 25-50 गोटेकें लय जंतर-मंतर पर बैसव, नम्हर-नम्हर गप्प हांकब आ विभिन्न ठाम ज्ञापन दैत, ओहि समाचारकें अखबारमे जगह दियावैत ओहि न्यूजक कटिंगकें लय सोशल मीडिया आ आम मंच पर राजनीति करब रहल अछि। हां अहिठाम एकटा बाद सामने आएल अछि जे मिथिला स्टूडेंट यूनियन द्वारा कैल गेल आंदोलनकें बिहार सरकार सहित देशक समस्त राष्ट्रीय मीडिया एकरा संज्ञानमे लेलक आ इ पहिल बेर भेल जे मैथिल युवा सेहो अपना अधिकारक लेल आक्रमक होइत देखना गेलाह। कारण एखन धरि मधुबनी आ दरिभंगा धरि सिमटल मिथिला आंदोलन आ कथित आंदोलनकारीक इ ध्येय रहलनि अछि जे माइर करौव पूर्णिया, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार आ अन्य जिला वला आ राज्य चाही हमरा। एमएसयू अहि भ्रांतिकें तोड़बा मे जरूर सफल रहल अछि।

    मुदा समय संग-संग परिपक्व हेवाक प्रवृति मिथिला स्टूडेंट यूनियनमे कम अछि जेकर हैव बहुत आवश्यक छैक। मिथिला मिरर, मिथिला राज्य निर्माण सेनाक पटना अनशन सं होइत, तत्कालीन केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री हरीष रावत द्वारा सीता कें विदेशी कहवाक मुद्दा होइत, जंतर-मंतर पर एमएसयूक सदस्य लोकनिक पौरका साल भेल गिरफ्तारी सहित दरिभंगामे भेल चीनी आंदोलन तकमे एकटा निष्पक्ष आ जतेक भेल ओतेक मदद करैवला मीडियाक रूपमे संग रहल। मिरानिसे सं एमएसयूक हर एक गतिविधि पर नजैर रखलाक बाद इ संपादकीय आलोचनात्क आ समालोचाक रूपमे अपने लोकनिक सोंझा राखि रहल छी।
    कुशल मार्गदर्शकक अभाव, आ एकाधिकारवादी सोच
    चूंकि, एमएसएयू नव ऊर्जा सं ओतप्रोत होइत युवा-युवतीक लोकनिक संगठन अछि। अहि संगठनमे सरकारक संग-संग प्रशासन तक सं लड़ैक उपार क्षमता छैक मुदा एकटा कुशल मागदर्शकक टीमक कारण मिसूकें कतौ ने कतौ बेर-बेर बाट सं उतरय पड़ैत छैक। एहन बात नहि छैक जे अहि ग्रुपकें संग मार्गदर्शक लोकनि नहि जुड़ला, अहि ग्रुपमे कुशल प्रतिभावक धनीक लोकनिक जुड़ाव भेल मुदा ओ सब बेसी दिन तक संग नहि रहि सकला। कारण इ जे मार्गदर्शक मंडलक विचार बैसार तक सिमित रहि जाइत अछि, कॉपी पर त लिखाइत अछि मुदा जमीन पर ऐवाक बेर तक ओहि रणनीति मे बदलवा भय जाइत अछि।
    आंदोलनक मुद्दाकें ठीक सं चयन करवाक क्षमताक अभाव
    संस्थाकें अहि बातक ध्यान रखवाक चाहि जे हम जे विषयके लय जनता सोंझा जा रहल अछि ओकर भविष्यमे कोन तरहक स्वरूप होइवला छैक। ओहि आंदोलन सं कतेक जनहितक कार्य हेतैक आ ओहि आंदोलनक परिणाम दीर्घकालिक हेतैक वा कि नहि?
    सड़क सं विधानसभा, संसद तक प्रतिनिधित्व केनिहारक बीच समन्वय
    चूंकि कोना आंदोलनक शुभारंभ सड़क सं होइत अछि मुदा ओकरा संपादित करेवाक लेल संसद आ कि विधानसभा तक कें आवश्यकता पड़ैत छैक। मिसू दिस सं बेर-बेर विभिन्न विषय पर राजनेताक उपर अमार्दित टिप्पणी कैल जाइत रहल अछि जे अनुचित थिक। हां, अहां आंदोलनी छी आ राजनेता अहांक बात नहि सुनि रहल छथि त हुनका संग वैचारिक लड़ाई लड़वामे कोनो दिक्कत नहि, मुदा लड़ाई जखन व्यक्तिगत भय जाइत अछि त ओ आंदोलनक लेल नीक बात नहि। अहां बाट पर कतबो हल्ला क लेब मुदा जा धरि ओकरा संसद आ विधानसभा पास नहि करत उक्त आंदोलनक संपादन संभव नहि अछि। अहि लेल समय दर समय मिथिला क्षेत्रक नेता लोकनिक संग मिसूक एकटा कार्यकारिणीक बैसार हैव आवश्यक, जाहि सं नेताक राय आ अहां लोकनिक विचार एक दोसराक जानकारीमे रहय। अगर, ओहिठाम जनप्रतिनिधि अहांक बात नहि मानैत छथि त हुनका सार्वजनिक रूपें जनताक सामने उघार कैल जेबामे कोनो हर्ज नहि।
    सोशल मीडिया मैनेजमेंट आ पदाधिकारी लोकनिक भाषा
    जखन प्रचार-प्रसारक मंच सोशल मीडिया अछि त एहनमे पूरा संगठनक एकटा लाइन हेवाक चाही। चाहे ओकर संचालक जे भी लोकनि करैत होइथ। संगहि जे कियो संस्थाक संचालक मंडलक जिम्मेदारी निभा रहला अछि हुनका लेल इ बात विशेष ध्यानमे देब आवश्यक अछि। आंदोलनक जे कोनो बिचार होइ ओकरा राष्ट्रीय टीम घोषित करैथ आ ओहिकें हिसाब सं फेर ओहि मैसेज कें आगू बढ़ाएल जाय। अलग-अलग आईडी सं संवाद गेला सं ओहिमे कतौ ने कतौ संवादहीनता अवैत अछि जे आंदोलनक स्वास्थ्य लेल हितकारी नहि अछि। सबहक वॉल पर सं जौं एकटा संवाद जाएत त ओहि सं सोशल मीडिया सहित अन्य जनमानसक मोनमे संस्थाक प्रति एकटा स्वस्थ संवाद संप्रषित हैत।
    कखनो काल कऽ आंदोलन सं राजनीतिक दलक दिशामे बढ़ैत डेग
    कखनो काल कऽ मिथिला स्टूडेंट यूनियनक राष्ट्रीय पदाधिकारीक संग-संग क्षेत्रिय स्तर पर जाहि तरहें बिना कोनो सोचल-समझल विषय पर हो-हल्ला कैल जाइत अछि ओहि सं दिल्लीक अरविंद केजरीवालक कथित अराजक सोचकें निखारैत अछि। संस्थाक सदस्यमे परिपक्वताक अभाव छन्हि, कारण अपन राष्ट्रीय अधिवेशनमे अपना कार्यक्लाप सं बेसी कोन मीडिया हुनका करवेज दैत छन्हि आ कोन नहि ताहि पर चर्चा होइत अछि। कोन व्यक्ति कतेक चेहरा चमका रहला अछि अहि बात पर जौं आंदोलनी अपन समय व्यर्थ करताह त फेर आंदोलन भय गेल। हर संस्थाकें अपना पथ पर आगू बढ़वाक एकटा अपन रोड मैप होइत अछि आ ओ ओहि अनुरूपे चलत। कोनो मीडिया कोनो संस्थाक खबैर छपवाक लेल अनुबंधित नहि अछि, आ नहि ओहिकें बदलामे उक्त मीडिया पर कोनो तरहक सामाजिक आ कानूनी बहिष्कार अथवा कार्रवाई कैल जा सकैत अछि। जेकरा संग देवाक हेतैक ओ अहांक काज पर स्वयं आगू आबि जाएत। ओकरा अहांक मंच सं आलोचना आ कि सोशल मीडिया पर अहांक गाइर सं कोनो फर्क नहि पड़ैत छैक।
    अंतमे नीक काज कऽ रहल छी, बस गंभीर भय, राजनीकि पार्टी सं दूर रहैत आंदोलन करू एकर परिणाम दीर्घकालिक हैत। अगर अहां केकरो आलोचना करैत छी त अपनो आलोचना सुनवाक आ सहवाक क्षमता हेवाक चाही। अहांक लेल कियो दुश्मन नहि, सब हित हेवाक चाही। कारण आंदोलनमे कोन व्यक्ति कखन अहांक मददगार साबित भ जाएत इ कहब मुश्किल अछि।