मधेस आन्दोलन, सरकारक गर मे ससरफानी

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    काठमांडू नेपाल, मिथिला मिरर-कालीकांत झा तृषित: लोकतन्त्र मे सरकारक गठन हएब आ बहुमतक अभाव मे परिवर्तन हएब सामान्य प्रकृया मानल जाइत छैक। एकर बाबजूदो नेपाल मे ओलीजीक सत्ता परिवर्तनक बात प्रारम्भ मे त विचित्रे राजनितीक उथल पुथल दिस सँकेत कऽ रहल छलैक। अधर मे लटकल बर्तमान सम्बिधान के सत्ता पक्ष एहि तरहे व्याख्या करऽ लागल छलखिन जे जगहँसाइ के लेल नीक मसल्ला बनि गेल छलैक। आम जनता मे जाहि नेता के निष्ठावान बूझल जाइत छलनि सेहो सब सत्ता बँचएबाक हेतु एहन एहन कुतर्क के सहारा लेबऽ लागल छलाह जे नेपालक एहि विवादास्पद सम्बिधान के घिनएबा मे कोनो कसर बाँकी नहि रहि गेल छलै। भुतपूर्ब सभामुख सुभाष नेम्वाँग जे एहि सम्बिधान के पास करएबा मे बड उताहुल छलाह, आ पास भ गेला पर सँसारक उत्कृष्ट सँबिधान होएबाक ढोल पीट रहल छलाह तिनकर तर्क छलनि जे एहि सम्बिधान के जानि कऽ एहन बनाओल गेल छै जाहि मे सरकारक पतन तऽभ सकैछ मुदा, दोसर सरकार गठन भइए नै सकैत छै इएह सरकार काम चलाउ भ कऽ रहिते रहतै। विचारणीय बात इ छै जे जौँ सही मे एहने बनौने छी त एहि स बेसी हास्यास्पद बात और की भऽ सकैछ।निवर्तमान सभामुखक एहन तर्क सँ त और बुझा गेलै जे इ सम्बिधान छल प्रपँच स भरल दस्तावेजक रूप मे लाएल गेल छैक जकरा विरूद्ध मे मधेसी समुदाय लगाएत पहाडक समस्त पिछड.ल वर्ग जे सम्बिधानक विरूद्ध मे आन्दोलनरत छै से बिल्कूल सही छै तकर बाबजूदो जे सरकार एकर सम्बोधन नहि कएने छलैक तकरे परिणामस्वरूप ओली सरकारक पतन भेल छैक। अविश्वास प्रस्तावक पक्ष मे रहल पार्टी सबहक शीर्षस्थ नेता सब सँसदक बैठक मे प्रस्तावक प्रमुख कारण मे मधेस आन्दोलनक प्रति सरकारक उदासीनता एवम निष्कृयता प्रमुख कारण के रूप मे रहल बात के कहला सँ हाउस के रेकर्ड मे दर्ज भ चुकल छैक। सँसद मे सब सँ पैघ पार्टी नेपाली काँग्रेसक सभापती एवम प्रतिपक्ष के नेता शेर बहादुर देउवा बहुत जोर दैत कहलखिन ” मधेस केन्द्रित दल सँग सहमति गर्न आवश्यक छ । मधेस को माँग सम्बोधन गर्न नसकेको कारण सँबिधान को कार्यान्वयन अघि बढन नसकेको ले प्रधानमन्त्री बिरूद्ध अविश्वास को प्रस्ताव ल्याउन एउटा मुख्य कारण यही हो। निवर्तमान एमालेक सरकार सत्ता टिकएबाक हेतु कोनो तिकड.म बाँकी नहि रखने छल प्रायोजित जूलूस नारा सेहो भेलै सम्बिधानक अपव्याख्या के त कोनो सीमा बाँकी नहि रहलै अन्त मे कोनो उपाय नहि देखि ओलीजी त्यागपत्र दऽ देलखिन जे स्वीकृत भ गेल छनि। आब सरकारक प्रति अविश्वास प्रस्ताव पेश कएनिहार सबसफल त भ गेल छथि सरकारो बना लेबे करताह, प्रचँड जी के प्रधानमन्त्री बनऽब सेहो लगभग निश्चिते छनि मुदा मधेस आन्दोलनक ससरफानी पुरना सरकारक गरा स नऽवका सरकारक गर मे ताजपोसीक सँगहि स्थान ग्रहण कइए लेतनि। अत: सावधान हे नऽवका सरकार! ई मधेस आन्दोलनक ससरफानी ओलीजी के मनमानी त समाप्त कराइए देलकनि अहुँ लोकनिक आँकीसाकी बन्द कऽ देत ताहि प्रति सावधान रहैत सर्वप्रथम यथाशीघ्र एकर समाधान खोजू आब त इहो कहबाक जगह बाँकी नहि अछि जे मधेसक माँग बूझले नहि अछि। पशुपतिनाथ सदैब रक्षा नहि करथि बरू तत्काले सदबुद्धि देथि। कता चुकल छथि।