आर्थिक आधार पर आरक्षणक पक्षधर छलाह कर्पूरी ठाकुर

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पटना/दिल्ली, मिथिला मिरर : ओना त’ जननायक कर्पूरी ठाकुरक जयंती हरेक साल मनाओल जाइत अछि। मुदा एहि चुनावी सालमे किछु बेसिये हलचल अछि। लोकसभा चुनावसँ पहिने बिहारक पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर उत्‍तर प्रदेश (यूपी) आ बिहारमे तीन तरहें प्रासंगिक भ’ गेलाह अछि। पहिल जे ओ अति पिछड़ा वर्गमे जन्म लेने छलाह, जे आब एकटा पैघ वोट बैंक मानल जाइत अछि। दोसर हुनका सामाजिक न्यायकेँ मसीहा मानल जाइत छल जकर अनुसरण करबाक दावा कतेको राजनीतिक दल आ नेता करैत छथि। तेसर जे देशमे सर्वप्रथम बिहारमे कर्पूरी ठाकुर आर्थिक आधार पर सवर्णोंके तीन फीसदी आरक्षण देबाक बात कहने  छलाह जे बादमे कोर्टक एकटा फैसलासँ खत्म भ’ गेल छल।

चुनावी साल अछि, एहि लेल सियासी गलियारामे कर्पूरीकेँ नाम पर श्रद्धाक प्रवाह मजबूरी सेहो अछि। हालाँकि बिहार विधानसभा चुनावकेँ दौरान सेहो सम्मान उड़ेलल गेल छल। आब ई अलग बात अछि जे एहिबेर बिहारसँ यूपी कनेक आगू निकलि गेल। समाजवादी पार्टी आ  बहुजन समाज पार्टीक संयुक्त ताकतक जवाब तलाशी रहल भाजपा यूपीक सभ जिलामे कमसँ  कम एकटा सड़ककेँ कर्पूरीकेँ नाम पर रखबाक ऐलान क’ देलक अछि। बिहारमे सेहो सामाजिक न्यायक सियासत करयवला राजनीतिक दल सोशल इंजीनियरिंगमे जुटी गेल अछि। मुदा हैरानी एहि बातक अछि जे ककरो कर्पूरीक ईमानदारीसँ मतलब नहि अछि आ ने हुनक आदर्शसँ। ककरो एहि बातसँ कोनो लेना-देना नै अछि जे कर्पूरी परिवारवादकेँ प्रबल विरोधी छलाह। जा धरि जिनगी रहलनि ता धरि अपन दुनू बेटाकेँ राजनीतिसँ दूर रखलाह। हुनक मृत्युकेँ बाद राजनीतिक दल वोट बैंक साधबाक लेल रामनाथ ठाकुरकेँ राजनीतिमे प्रवेश करेलनि।

सियासत मतलब जनसेवा कर्पूरीक मंत्र छलनि

आजूक नेता सभसँ अलग कर्पूरी ठाकुर सियासत जनसेवाकेँ तरहें केलाह। सरल, सहज, सरस आ सादगीक कारण ओ अपन चहेताक लेल जननायक बनि गेलाह। सरकारमे रहैत ओ कतेकोँ फैसला आम आदमी लेल केलाह आ अपन व्यक्तिगत जीवनमे ईमानदारी रखलाह। कर्पूरी ठाकुर राजनीतिमे एबासँ पहिने शिक्षक छलाह। ठाकुर आजादीक लड़ाईमे 26 महिना जेलमे रहल छलाह। दू-दू बेर मुख्यमंत्री आ एकबेर उपमुख्यमंत्री रहबाक बावजूद जखन 1988मे हुनक निधन भेलनि तखन अपन परिवार लेल एकटा अपन घर तक नै छलनि। अपन पैतृक गाममे सेहो एको इंच जमीन नै जोड़ी पेलाह। कर्पूरी ठाकुरक जन्म समस्तीपुर जिलाक पितौंझिया गाममे भेल छलनि जे आब कर्पूरीग्रामकेँ नामसँ जानल जाइत अछि। कर्पूरीक नारा छल –‘हक चाहो तो लडऩा सीखो। जीना है तो मरना सीखो।‘ ताउम्र आम लोकक लेल सड़कसँ सदन धरि संघर्ष केलाह। जाति-पांतिमे अंतर केने बिना समाजवादी नेता जेना सभके लेल लडैत-भिडैत रहलाह, मुदा बादमे मतलबी नेता सभ हुनका जातिक सीमामे कैद क’ देलक।

अँग्रेजीक अनिवार्यता खत्म  केने छलाह

कर्पूरीक समाजवाद आजुक जातिवाद जेहन नै छल, हुनक समाजबाद सभक लेल छल। बात एहन अछि जे पहिने मैट्रिक परीक्षामे अँग्रेजी अनिवार्य छल मुदा कर्पूरी एहि बंदिशकेँ खत्म क’ कमजोर वर्गक लेल शिक्षाक दरवाजा खोली देने छलाह। 1978 मे बिहारमे सभसँ पहिने सरकारी नौकरीमे आरक्षण लागू केने छलाह। जाहिमे 12 फीसदी अति पिछड़ा आ 8 फीसदी पिछड़ा वर्ग लेल सुरक्षित कएल गेल छल। तीन फीसदी गरीब सवर्णकेँ लेल सेहो आरक्षण देल गेल छल। शायद यैह कारण छल जे 1952 मे विधायक बनलाक बाद ओ कहियो विधानसभा चुनावमे पराजित नै भेलाह। दशकों तक विरोधी दलक नेता रहलाह। खास क’ कर्पूरी ठाकुरक विरासत आ अति पिछड़ा वर्गकेँ गोलबंदीकेँ ल’ जनता दल यूनाइटेड आ राष्‍ट्रीय जनता दलक बीच शक्ति प्रदर्शनक नजारा बनि रहल अछि। दुनू पार्टी कर्पूरी ठाकुरकेँ आदर्श पर चलबाक दावा करैत अछि। मुदा ई कहबामे कोनो अतिशयोक्ति नै जे ई मात्र वोट बैंकक राजनीतिसँ बेसी किछु नै अछि।

आई 24 जनवरी अछि। बिहारक पूर्व मुख्यमंत्री  जननायक कर्पूरी ठाकुरक 95वीं जयंती। भोरेसँ आई पूरा बिहारमे कर्पूरी ठाकुरक जयंती मनाओल जा रहल अछि। पटनामे सरकारी आ गैरसरकारी संस्‍थानमे पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुरकेँ लोक सभ श्रद्धा सुमन अर्पित क’ रहलाह अछि। एहि कड़ीमे आई बिहारक सीएम नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्रीक आदमकद प्रतिमा पर माल्‍यार्पण कएलनि। पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुरकेँ विधानसभा परिसर आ कर्पूरी ठाकुर संग्रहालयमे श्रद्धा सुमन अर्पित केलनि। एहि कार्यक्रममे उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मंत्री विनोद नारायण झा समेत बहुत रास अधिकारी मौजूद छलाह। एकटा दोसर कार्यक्रममे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समस्तीपुरक कर्पूरी ग्राम पहुँचलाह। मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुरक श्रद्धांजलि सभामे भाग लेलाह। हुनका संग राज्यसभाक उपसभापति हरिवंश, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, बिहार सरकारक मंत्री महेश्वर हजारी सेहो मौजूद छलाह। सर्व धर्म प्रार्थना सभामे सीएम शामिल भेलाह आ तकरा बाद जीकेपीडी कॉलेज पहुँच जननायककेँ प्रतिमा पर माल्यार्पण केलाह। संगे कर्पूरी ठाकुरक जीवन पर आधारित एकटा कॉफी टेबल किताबक लोकार्पण सेहो केलाह।

मिथिलाक लाल जननायक कर्पूरी ठाकुरकेँ शत-शत नमन!