भागलपुर, मिथिला मिरर : हमसभ वैज्ञानिक युगमे जीव रहल छी। विज्ञानमे नव-नव आविष्कार होइत रहैत अछि। खास क’ टेक्नोलॉजी, चिकित्साकेँ क्षेत्रमे बहुत आगू धरि बढ़ी गेल अछि। ई विज्ञानकेँ चमत्कार अछि जे आई हमसभ चान धरि पहुँची गेलहु। आधुनिक समयमे लगभग हरेक बीमारीक ईलाज संभव अछि। जाहि तरहें जनसंख्या बढ़ी रहल अछि विश्वक सभ देश लेल जरूर इ एकटा चिंताक विषय अछि। एहनमे हमरो देश एहि समस्यासँ जूझी रहल अछि। जनसंख्या नियंत्रण लेल सरकार निरंतर कोनो ने कोनो कार्यक्रम चलबैत रहैत अछि। आजादीसँ अखनि धरि जनसंख्यामे लगभग तीन गुणा बढ़ोतरी भ’ चुकल अछि। एहनमे एहि पर जँ नियंत्रण नै होयत त’ अबै वला समयमे भारत विश्वक सभसँ बेसी जनसंख्या वला देश बनि जायत। आब एहि विषय पर हमर समाज सेहो जागृत भेलथि अछि। शिक्षाक स्तर बढ़ल अछि संगे सामाजिक चेतना सेहो बढ़ल अछि। लोक आब ‘हम दो हमारे दो’ केँ नारा पर बेसी विश्वास करैत छथि। हालाँकि कम पढ़ल लिखल समाजमे अखनो जागरूकताक कमी अछि। लोक सभ आब अपन बच्चाकेँ नीक परिवरिशमे पालन पोषण करैत छथि। हुनका लोकनिक मानब अछि जे कम धिया पुता भेलासँ नीक जकाँ पालन-पोषण कएल जा सकैत अछि। एहनमे जनसंख्या नियंत्रण भेनाई अति आवश्यक भ’ गेल अछि। पहिने पुरुष जनसंख्या नियंत्रण लेल कंडोम या फेर नसबंदीक सहारा लैत रहला अछि। नसबंदी करा लेबासँ आजीवन बच्चा पैदा नै भ’ सकैत अछि। तकरा बाद लोक कंडोम उपयोग करै लगलाह। मुदा आम लोकक लेल इ महँगा साबित होइत अछि। अखनो धरि लोक एकर खरीद करबामे हीचकीचाइत छथि। एतबे नहि जखन किनबामे एतेक सोचैत छथि त’ उपयोग कतेक करैत हेताह एकटा सोचनीय प्रश्न जरूर थिक? मुदा आब एकरो समाधान प्राकृतिक रुपें उपलब्ध अछि।
जी हम बात क’ रहल छी पानक डटीकेँ। जँ अहाँ आब बिना कोनो परेशानीकेँ बच्चा नै चाहैत छी, त’ पानक डंटीकेँ रसक नियमित सेवन करू। तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू)केँ जंतु विज्ञान विभागक वरीय शिक्षक प्रो. विभूति नारायण सिंह पानक डंटी पर शोध कएलनि अछि। प्रो. सिंहकेँ कहब छनि जे पुरुष जहिया धरि पानक डंटीकेँ रसक सेवन करताह तहिया धरि बच्चा नहि होयत। जखन बच्चाकेँ इच्छा हुवै तहियासँ एकर सेवन बंद क’ दी। ई शोध पत्र राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय जर्नलमे सेहो प्रकाशित भ’ चुकल अछि। एहि शोधकेँ मान्यता सेहो भेट गेल अछि। प्रो. सिंहकेँ संग आरती वर्मा सेहो एहि पर काज केलिह। प्रो. सिंह कहैत छथि जे बिना खर्चकेँ जनसंख्या नियंत्रणक उपाय पर शोध केलहु। गर्भ निरोधक गोलीक साइड इफेक्ट शरीर पर पड़ैत अछि, मुदा पानक डंटीकेँ रसक कोनो दुष्प्रभाव नै होइत अछि।
उजरा मूस पर कएल गेल सफल प्रयोग
अपन शोधकेँ अंजाम धरि पहुँचेबाक लेल प्रोफेसर सिंह आ हुनक टीम छह उजरा मूस पर पानक डंटीकेँ रसक सफल प्रयोग केलनि। एहि मूसकेँ 0.15 मिलीग्राम पानक डंटीकेँ रस मुँह द्वारा पियाओल गेल। दसम दिन देखल गेल की मुसक स्पर्म आ सीमेनक पीएच मान कम भ’ गेल। एहि तरहें 20म, 30म, 40म आ 50म दिन धीरे-धीरे मेलक स्पर्म कम होइत गेल आ सीमेनक पीएच मान कम भ’ गेल। प्रजनन क्षमता सेहो घटी गेल।
कैंसरक संभावनाकेँ सेहो कम करैत अछि
प्रो. सिंहकेँ मुताबिक पानक डंटीक रस गर्भ निरोधकमे कारगर अछि। प्रति किलो शरीरक वजनकेँ हिसाबसँ पुरुष 50 मिलीग्राम पानक डंटीकेँ रसक सेवन क’ सकैत छथि। हुनका मुताबिक पानक डंटीकेँ रसक सेवनस कैंसर होयबाक संभावना कम रहैत अछि। शरीरक कोनो अंगक फूलनाइमे ई फायदेमंद रहैत अछि संगे लीवरकेँ सेहो फायदा पहुँचाबैत अछि। ई एकटा एंटी ऑक्सीडेंट अछि आ एलर्जीकेँ सेहो ठीक करैत अछि। पेटक बीमारीमे बहुत फायदेमंद होइत अछि। पानक डंटी सभ जगह उपलब्ध अछि। गरीबसँ गरीब लोक सेहो एकर सेवन आसानीसँ क’ सकैत छथि।