पटना, मिथिला मिरर : बिहार, बंगाल आ उड़ीसा क्षेत्रक लोक सभके माछ बेसी पसिन छनि। एतयकेँ लोक माछ खायमे विशेष रूचि रखैत छथि। मिथिला क्षेत्रमे त’ विभिन्न मौका पर सेहो एकर उपयोग होइत अछि। आब शहरकेँ कहे गाम तकमे अपन पोखरीक माछ भेटब मुश्किल होइत अछि। एहनमे पूरा बिहारमे कुल खर्चक मात्र 30-35 फीसदी मात्र उत्पादन होइत अछि, बांकी त’ दोसर राज्यसँ आयातित होइत अछि। मुख्य रूपसँ आंध्रप्रदेशसँ माछ अबैत अछि। किछु दिन पहिने आंध्रप्रदेश आ बंगालसँ अबय वला माछ पर बिहार सरकार प्रतिबंध लगा देने छल। किएक त’ माछक भंडारणमे जाहि केमिकलकेँ उपयोग होइत अछि ओकर मात्रा तय सीमासँ बेसी होयबाक सूचनाकेँ आधार पर एहन तरहक कदम उठाओल गेल छल। बिहार सहित पूरा देशमे लगनक समय छैक। एहनमे माछक माँग बढ़ी जाइत अछि। बिहारमे माछक उत्त्पादन खर्चक हिसाबसँ कम होइत अछि। पहिने त’ सरकार मात्र पटना मुदा बादमे पूरा बिहारमे बैन क’ देने छल। आब बिहार सरकार एहि पर सँ प्रतिबंध हटा लेलक अछि। पटना सहित पूरा बिहारमे आब आंध्रासँ अबै वला माछ भेटय लागत। बिहारसँ आंध्र प्रदेश गेल हाई लेवल टीमकेँ ओतय माछमे कैंसर कारक फॉर्मलिन नहि भेटल। जनतब होयत जे आंध्र प्रदेशसँ आयातित माछमे फॉर्मलिन हेबाक पुष्टि भेलाक बाद ओकर खरीद-बिक्रीसँ ल’ परिवहन आ भंडारण तक पर सरकार 14 जनवरीकेँ अगिला 15 दिन लेल रोक लगा देने छल। ई डेडलाइन मंगलदिन समाप्त भ’ गेल। आब सरकार कहि रहल अछि जे प्रतिबंध जागरूकता लेल लगाओल गेल छल जकर डेडलाइन आब खत्म भ’ गेल।
की छल पूरा मामला
दरअसल स्वास्थ्य विभाग साल 2018केँ अक्टूबर महिनामे पटना शहरक 10 अलग-अलग स्थानसँ माछक नमूना ल’ जाँच करेने छल। सात नमूनामे फॉर्मलिन भेटल, आ तीन नमूनामे मरकरी, लेड आ दोसर खतरनाक केमिकल पाओल गेल छल। केंद्रीय जाँच लैबक रिपोर्ट भेटलाकेँ बाद 14 जनवरीकेँ पहिने पटना नगर निगम क्षेत्रमे आंध्रप्रदेशसँ आबय वला माछक खरीद-बिक्रीकेँ प्रतिबंधित क’ देने छल। तकरा बाद पूरा बिहारमे सेहो रोक लगाओल गेल।
स्वास्थ्य विभागक प्रधान सचिव संजय कुमार बतेलनि जे जागरूकता लेल आंध्र प्रदेशसँ आयातित होई वला वला माछक कारोबार प्रतिबंधित कएल गेल छल। एकर डेडलाइन आब समाप्त भ’ गेल अछि आ आब एकरा आगा नै बढ़ाओल जायत। पशुपालन एवं मत्स्य विभागक सचिव डॉ. एन विजयलक्ष्मी आ निदेशक निषाद अहमदकेँ नेतृत्वमे एकटा टीम फॉर्मलिनक जाँच लेल आंध्र प्रदेश गेल छल। फॉर्मलिनसे जुड़ल एकटा प्रश्न पर स्वास्थ्य विभागक प्रधान सचिव कहलनि जे फॉर्मलिन निश्चित तौर पर हानिकारक होइत अछि। प्रतिबंधक मकसद लोक सभके जागरूक केनाइ छल। संगहि कहलाह जे आब जाँच टीमक रिपोर्ट एलाह पर आगूक फैसला लेल जायत जे सरकार आगू की करत।
ओमहर माछक जाँच लेल आंध्र प्रदेश गेल बिहारक उच्च स्तरीय टीमकेँ ओतय जांचक दौरान माछमे फॉर्मलिनक प्रयोगसँ जुड़ल कोनो साक्ष्य भेटल। जाँचमे ई बात सामने आयल जे आंध्र प्रदेशसँ बिहार अबैय वला माछकेँ विशेष तरीकासँ बर्फ आ भुस्सा मिला पैक कएल जाइत अछि जे तरीका पूर्ण तरहें सुरक्षित अछि। बता दी जे माछ साढ़े तीन दिनमे आंध्रसँ बिहार पहुँचैत अछि। जाँच टीमक मुताबिक आंध्र प्रदेशमे फॉर्मलिन प्रयोग पर नजैर रखबा लेल विशेष टीम सेहो अछि।
जे किछु होई, बिहारमे माछमे सरकारी जाँचमे फॉर्मलिन मिलल छल। संभव अछि जे आंध्र प्रदेश आ बिहारक बीच इ केमिकल मिलाबल जाइत होई। एहनमे इ कहब जे जागरूकता लेल प्रतिबंध लगाओल गेल छल, संदेह जरूर उत्पन्न करैत अछि। प्रतिबंध त’ हटा लेल गेल मुदा सवालक जबाब नै भेटल जे आखिर माछमे फॉर्मलिन कोना आओल?