दिल्ली, मिथिला मिरर: भोज-भातक नाम सुनितहि मोन उत्साहित भय जाइत अछि, चाहे भोज चूड़ा-दही हुए या भात-दालि। मुदा बदलैत समयक संग-संग भोजक तरीका मे सेहो बदलाव आयल अछि। जे, भोजक रौनक के किछु हद धरि मटिएलक अछि। पहिने पांत मे भोज होइ छल मुदा आब बफे सिस्टम चलन मे आबि गेल अछि।
देशक राजधानी दिल्ली मे आय जतय देखु ततय बिहार आ बिहारीक हुजूम भेटत। छठि सं लय तमाम पर्व-त्यौहार एतय मनेबाक लेल लोक काफी उत्साहित रहैत अछि। अधिकांश लोक एतहि विवाह, मुंडन, उपनयन एहेन संस्कार करय लागल छथि। मुदा जहन भोज-भातक बात होइत अछि त लोक के दिल्लीक कैटरर के दरवाजा खटखटाबय पड़ैत अछि। जे अधिकांश एहेन भोजन परोसैट अछि जे दिल्ली में प्रचलित अछि। अहि मे बिहारक कोनो फ्लेवर नहि भेटैत अछि। मुदा आब दिल्ली मे यदि अहाँ बिहारी कैटरर के खोज मे छी आ चाहैत छी जे, पाहून के बिहारी भोजन उपलब्ध हुए त मुश्किल नहि अछि।
दरभंगाक रहनिहार नवयुवक संतोष कुमार दिल्ली के कटवरियासराय इलाका मे 5-6 साल सं अप्पन होटल चला रहल छथि। संतोषक होटल मे काज करय वला कर्मचारी सब बिहारक अछि। संतोष के होटलक नाम ‘चखना फूड्स’ अछि आ खासतौर पर युवाक बीच ई होटल बेहद लोकप्रिय अछि। संतोष के अनुसार होटल के खासियत अछि जे, सस्ता आ सेहतमंद भोजन मे विश्वास रखैत छथि। वेजिटेरियन आ नॉन वेज दूनू तरहक खान-पान एतय भेटैत अछि, जाहि मे बिहारी तड़का शामिल रहैत अछि।
एतबहि नहि संतोष कैटरिंग के काज सेहो करैत छथि। संतोष के अनुसार हम ग्राहकक मांग के अनुसार सेवा दैत छियनि। कतेको बेर ग्राहकक फरमाइश रहैत छथि जे, पाहून के गामक संस्कृति के हिसाब भोजन कराओल जाय, त हम अहि मांग के पूरा ध्यान रखैत छी। संतोष कहै छथि जे, चूंकि हम स्वं मिथिलाक रहनिहार छी आ मिथिलाक भोजन विश्व विख्यात अछि। ताहि कारने परंपराक निर्वहन कारोबार मे सेहो करैत छी।
होटल मैनेजमेंट के डिग्री लेबाक बाद संतोष नौकरी करबाक बजाय कारोबार केनाय पसंद केलनि। जाहि करने ओ खाना मे नव प्रयोग सेहो करैत रहैत छथि। संतोषक कहब अछि जे सब्जी केवल बनेबा सं स्वादिष्ट नहि बनैत अछि प्रेजेंटेशन सेहो लोक के खूब आकर्षित करैत अछि।