दिल्ली, मिथिला मिरर : बिहारमे नियुक्त नियोजित शिक्षकक समान काम समान वेतन मामलापर सुनवाइ करैत सुप्रीम कोर्ट बहुत सख्त टिप्पणी करैत बिहार सरकारकें कहलक जे रुपैया नै त’ बंद करू स्कूल। संगे सरकारसँ इहो पुछलक जे नियमावली आ निर्धारणक आदेश के दैत छथि। सरकार आकि पंचायत। बुध दिन सुनवाइ पूरा नै भ’ सकल तैं 2 अगस्तके सेहो सुनवाइ होयत। सुनवाइकेँ दौरान राज्य सरकार अदालतमे अपन पक्ष रखैत कहलक जे साल 2002 सँ अखन धरि शिक्षकक वेतनमे करीब पंद्रह गुना वृद्धि भेल जाहि कारणसँ सरकारपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ल। शुरुवातमे शिक्षकक बहाली मात्र 1500 रुपैया पर भेल छल एहि बातपर कोर्ट पुछलक जे नियमावली आ निर्धारणक आदेश के दैत छथि सरकार आ कि पंचायत? जनतब दी कि नियोजित शिक्षकक लेल समान काम समान वेतन मामलाक सुनवाइ सुप्रीमकोर्टमे जस्टिस एएम स्प्रे और जस्टिस यूयू ललितक पीठ सुनवाइ क’ रहल अछि। राज्यक तक़रीबन 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षक सुप्रीम कोर्टक फैसलाक बाट जोहि रहल अछि। नियोजित शिक्षकक मामलामे पटना हाईकोर्ट 31 अक्टूबर, 2017 क’ नियोजित शिक्षक सभक पक्षमे फैसला सुनेने छल। हालांकि, बादमे राज्य सरकार 15 दिसंबर, 2017 क’ हाईकोर्ट केर फैसलाकेँ चुनौती सुप्रीम कोर्टमे देने छल। एहि मामलामे 2 अगस्त वृहस्पति दिन फेरसं सुनवाई होयत।