पटना, मिथिला मिरर : एकटा समय छल जखन बिजली कनेक्शन लेल बिजली दफ्तरक चक्कर लगवय पड़ैत छल। समयकेँ संग परिवर्तन भेल, आसानीसँ बिजली भेटय लागल। धीरे- धीरे टेक्नोलॉजी यूग आयल। आब हमसभ विज्ञान आ तकनीककेँ युगमे रहि रहल छी। मोबाइल टेक्नोलॉजी आबि गेल। जेना मोबाइलमे पहिने पाई भरा फोन करैत छी तहिना आब बिजली लेल सेहो पहिने पाई भरवै पड़त। जी अपने लोकनि ठीक सुनि रहल छी। बिहार सरकार आबय वला 4- 5सालमे पूरा राज्यमे प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगेबाक फैसला केलक अछि। बिहार सरकार पहिने परीक्षणकेँ आधार पर पिछला 2 -3 सालमे करीब 6000 – 7000 सरकारी क्वार्टरमे प्रीपेड स्मार्ट कार्ड लगेने छल। प्रीपेड स्मार्ट कार्ड लगेबाक पाँछा कारण छल बिजली चोरी आ तकनीकी आओर घरेलू बिजली आपूर्तिमे आबय वला दिक्कतक जाँच करब। बिजली चोरी, तकनीकी आ फाल्टकेँ कारण 2018-19 मे 28 प्रतिशत नुकसानक अनुमान अछि। उत्तर आ दक्षिण बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन पूरा बिहारमे 1.3 करोड़ उपभक्ताकेँ बिजली आपूर्ति करैत अछि। बिहार सरकार ग्रामीण फीडरमे स्मार्ट मीटर लगेबाक काज शुरू क’ देलक अछि। आबय वला 3 सँ 4 सालमे प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाओल जायत।
स्मार्ट मीटर लगबै वला पहिल राज्य बनत बिहार।
बिहार राज्य बिजली होल्डिंग कंपनी लिमिटेड शुरुवाती तौर पर 1.5 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाओत। रिस्पॉन्स नीक भेला पर फेज वाइज पूरा राज्यमे प्रीपेड मीटर लगाओत। बिहार पहिल राज्य होयत जतय स्मार्ट मीटर लगाओल जायत।अगिला दू सालमे 20 लाख स्मार्ट मीटर लगाओल जायत। बिजली उपभोक्ताके स्मार्ट बिजली मीटर देबाक तैयारी अंतिम चरणमे अछि। पहिल चरणमे राज्यक 18 लाख उपभोक्ताकेँ स्मार्ट मीटर देल जायत। सितम्बरसँ दक्षिण बिहारक पटना, आरा, बिहारशरीफ, औरंगाबाद आ सासाराम ओमहर उत्तर बिहारमे हाजीपुर, पूर्णिया, सीतामढ़ी आ बेगूसरायस एकर शुरुआत होयत। इनर्जी इफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड- ईईएसएल के स्मार्ट मीटर लगेबाक जिम्मा देल गेल अछि। ईईएसएल प्रीपेड आ पोस्टपेड मीटर दुनू लगाओत। हालाँकि एहन उम्मीद कएल जा रहल अछि जे अगिला डेढ़ दू सालमे सभ उपभोक्ताकेँ स्मार्ट मीटर द’ देल जायत। शहरी इलाकासँ सटल ग्रामीण इलाकमे सेहो स्मार्ट मीटर लगाओल जायत। कंपनीक दावा छनि जे स्मार्ट मीटरसँ बिजली कंपनीक मुनाफा बढ़त संगे लोकसभकेँ सेहो सहूलियत होयत। खासकर ओहन उपभोक्ता जे मीटरकेँ ओतय रखैत छथि जतय रीडिंग करबामे परेशानी होइत छैक। एहि मीटरकेँ लगेलक बाद मीटर रीडिंगकेँ जरूरत नहि होयत। एकटा मॉडम होयत, जाहिसँ बिजली कंपनी व उपभोक्ताकेँ बिजली खपतक’ पूरा जानकारी भेटत। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताकेँ मोबाइलस सेहो जुड़ी जाएत। मोबाइल ऐपकेँ जरिए सभटा जानकारी भेटैत रहत। बिजली बिलक भुगतान सेहो ओहि मोबाइल एपसँ कएल जा सकत।
बिजली कंपनीकेँ कहब अछि जे जँ कोनो उपभोक्ता दू हजारसँ बेसी एडवांस राशि जमा करता त’ हुनका छह फीसदी वार्षिक ब्याज सेहो देल जायत। मुदा इ सुविधा सिर्फ प्री-पेड मीटर पर भेटत। जँ कोनो उपभोगता कम बिजली खपत करैत छथि त’ ओ मोबाइल जेना प्रीपेड बिजली मीटरकेँ कम पैसासँ रिचार्ज करा सकैत छथि। एहिसँ बिजली बिलमे होमय वला गड़बडीकेँ दूर कएल जा सकैत अछि।
मधुबनी जिलामे बिजली विभाग आब प्री पेड मीटर लगेनाइ शुरू कएल अछि। प्रथम चरणमे किसानकेँ सिंचाई काजक लेल देल जा रहल अछि। ओहिकेँ बाद दोसर चरणमे आईसीडीएस योजनाकेँ तहत सरकारी क्वाटरमे इ मीटर लगाओल जायत। पंडौल प्रखंडक भौड़घाट गाममे किसान सचिन्द्र सिंह ठाकुर अपन बोरिंग पर सिंगल फेज प्री पेड मीटर लगेलनि अछि। एहिकेँ अलावे राजनगर प्रखंडक पिलखवाड़ गाममे थ्री फेज दुटा प्री पेड मीटर सिंचाई काज लेल लगाओल गेल अछि। एहि मीटरक खासियत अछि जे अहाँ जतेके रिचार्ज करबै , ओतबे बिजली जरा सकब। एहिसँ बिजली बिल एबाक कोनो झंझट नहि अछि आ ने कोनो गड़बड़ीकेँ संभावना।
जर्मनीकेँ कंपनी बिहारमे बिजली उपभोकता सभक घरमे स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाओत। ई मीटर जर्मनी मॉड्यूल होयत। इनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड संग करार कएल गेल अछि। बिजली कंपनी मुख्यालयक अधिकारिकेँ मुताबिक नवंबर 2018के पहिल सप्ताहसँ पायलट प्रोजेक्टकेँ तहत डाकबंगला इलाकाक लगभग 15 हजार घरमे स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाक’ ट्रायल कएल जायत। ट्रायल सफल रहलाक बाद राज्यक उपभोक्ता सभक घरमे लगेबाक काज शुरू होयत। राजधानीक 5.50 लाख उपभोक्ताकेँ घरमे मीटर लगेलाक बाद अन्य जिला मुख्यालयमे लगेबाक काज शुरू होयत।
ऐना होयत रिचार्ज
उपभोक्ता साउथ या नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनीक वेबसाइट पर जा मीटर रीचार्ज करय पड़त। दक्षिण बिहारक 17 जिलाक उपभोक्ता गूगलमे एसबीपीडीसीएल टाइप करताह। पेज खुजला पर प्रीपेड ऑनलाइन रीचार्ज क्लिक करय पडत। तकरा बाद उपभोक्ता संख्या डालू आ रीचार्ज क’ सकब। उत्तर बिहारक 21 जिलाक उपभोक्ता एनबीपीडीसीएल टाइप करताह। प्रीपेड ऑनलाइन रिचार्ज क्लिक क’ उपभोक्ता संख्या डाली जरूरतकेँ मुताबिक रिचार्ज क’ सकब।