सरकारक सतर्कतासँ माछ खेनाई होयत दुर्लभ

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पटना, मिथिला मिरर : जँ खाई छी माछ त’ भ’ जाऊ सावधान। माछ खेनिहार लेल नीक  खबरि नै अछि। बिहारमे आंध्रप्रदेशसँ आबय वला माछ पर रोक लगा देल गेल अछि। बिहार सरकारक स्वास्थ्य विभाग एहन तरहक प्रतिबंध लगौलक अछि। मामला इ अछि जे आंध्रप्रदेश आ बंगालसँ आबय वला माछमे फर्मलीन नामक केमिकल मानक मात्रासँ बेसी पाओल गेल अछि। बतादी जे फर्मलीनकेँ उपयोग माछक संरक्षण लेल कएल जाइत अछि जाहिसँ माछ सड़य नै। एकर सेवनसँ कैंसर जेहन खतरनाक बिमारी भ’ सकैत अछि। एहिकेँ देखैत एहन तरहक माछक बिक्री पर सरकार रोक लगा देने अछि। किएक त’ प्रदेशक जनताकेँ स्वास्थ्य संग कोनो समझौता नै कएल जा सकैत अछि एहन कहब अछि प्रदेशक स्वास्थ्य मंत्रीकेँ। दरअसल सरकारकेँ एहन सूचना भेटल जे आंध्रसँ आयातित माछमे बहुत बेसी मात्रामे फर्मलीनकेँ प्रयोग कएल जा रहल अछि, जाहिसँ कैंसर हेबाक खतरा अछि। एकर पुष्टिक लेल अक्टूबर २०१८ मे अलग-अलग 10 स्थानसँ माछक सैंपल ल’ कोलकाता भेजल गेल छल। सरकारकेँ आब भेटल रीपार्टमे फर्मलीन हेबाक पुष्टि भ’ गेला पर एहन तरहक कदम उठौलक अछि। बिहारमे आंध्रक माछ पर नीतीश सरकार एकटा पैघ फैसला लैत पटना समेत पूरा बिहारमे खरीद बिक्री पर रोक लगा देलक अछि जे अगिला आदेश धरि मान्य रहत।

पटनामे बुद्धदिन मुख्‍य सचिव दीपक कुमारक अध्‍यक्षतामे आंध्र प्रदेशक माछ पर महत्‍वपूर्ण बैठक भेल जाहिमे फैसला लेल गेल जे फिलहाल माछ पर रोक जारी रहत। निर्णय भेल जे बिहार सरकारक तरफसँ दू सदस्यीय टीम आंध्र प्रदेश जा मंडीक जाँच करत। हालाँकि आंध्र प्रदेशक मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमारकेँ चिठ्ठी लिख रीपार्टक सत्‍यता पर सवाल उठेने छलाह। नायडू दुनु राज्यक हितकेँ देखैत फैसला लेबाक आग्रह केने छलाह। चंद्रबाबू नायडू अपन चिठ्ठीमे लिखलनि जे किछु गलतफहमिक कारण बिहार-आंध्र प्रदेशक बीच लम्बा समयसँ चलि रहल माछ कारोबार प्रभावित भेल। बिहार सरकार चाहैत त’ अपन टीम भेज जाँच करा लैथ, आंध्र सरकार हरेक तरहक सहयोग करबा लेल तैयार अछि। जनतब दी जे आंध्राक माछ बेचबा पर 10 लाख रुपैया जुर्माना वा 7 सालक कारावास भ’ सकैत अछि। बिहारमे माछ उत्पादन 5.87 लाख टन आ खपत 6.42 लाख टन अछि जकर 80 फिसदी आपूर्ति आन्ध्रप्रदेशसँ होइत अछि। एहनमे सोचबा पर विवश होइत छी जे बिहारमे एतेक पोखरि -नदी अछि मुदा नीक व्यवस्था नै भेलाक कारण हम कोनो आन राज्य पर निर्भर रहैत छि जे किछु बेसिय कष्टगर अछि। जँ सरकार एहि दिशामे योजना बद्ध तरीकासँ काज करय त’ बिहार निश्चित रुपें माछ उत्पादनमे अग्रणी भ’ सकैत अछि।