पूर्णियामे बनत आईटी सेक्टर,सहरसा कटिहार आ अररियामे लागत लघु उद्योग उपक्रम

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सहरसा, मिथिला मिरर :  बिहार लेल पलायन पैघ समस्या थिक। राज्यमे उद्द्योग आ रोजगारक समुचित व्यवथा नै हेबाक कारण लोक सभ अपन जीवन यापन लेल दोसर राज्यमे जाइत छथि। जतय कतेको तरहक अवहेलना सेहो झेलय पड़ैत छनि। एकटा समय छल जखन बिहारमे कृषि आधारित उद्द्योग छल, मुदा धीरे-धीरे सभ खत्म भ’ गेल। मिथिला सहित राज्यक अन्य भागमे बाढिक खतरा हरेक साल बनल रहैत अछि। खेती बारी सेहो नीक जेना नै होइत अछि। कखनो बाढी त’ कखनो रौदी यैह हाल अछि पछिला कतेको सालसँ। एहि सभके देखैत राज्यमे उद्योगकेँ बढ़ावा देबाक लेल राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद् द्वारा मिथिलाक लेल कतेको प्रोजेक्टकेँ मंजूरी देलक अछि। सिंगल विंडो सिस्टमकेँ तहत यूनिटकेँ क्लीयरेंस देल जायत। औद्योगिक यूनिटक स्थापना लेल बिहार सरकारकेँ द्वारा अनुदान देल जाइत अछि। मिथिलाक कोशी क्षेत्र समेत अन्य भागमे निवेश करबाक लेल कतेको ओद्योगिक इकाई अपन रुचि देखा रहल छथि। पूर्णियामे आईटी सेक्टर,सहरसा आ कटिहारमे फ्लाई ऐश ब्रिक्सक यूनिट स्थापित होमय वला अछि।

पूर्णियामे खूजत मैन्युफैक्चरिंग यूनिट आ टूरिज्म होटल

पूर्णियामे कतेको ओद्योगिक यूनिटकेँ मंजूरी भेटल अछि। जाहिमे जनरल मैन्युफैक्चरिंगकेँ तहत 276 .30 लाख रुपैयाकेँ लागतसँ थ्री व्हीलर आ फोर व्हीलर बॉडी निर्माण इकाईकेँ स्थापना कएल जायत। पूर्णियामे 394.75 लाखकेँ लागतसँ मेमर्स आर‌‌ स्कावयर आईटी सेक्टर एग्जामिनेशन सेंटरक स्थापना कएल जाएत। 244.75 लाख रुपैयाक लागतसँ एलएलपी टूरिज्म होटलक स्थापना सेहो कएल जायत। एतबे नहि 97.15 लाख रुपैयाक लागतसँ शारदा एग्रो मार्ट फूड प्रोसेसिंग रूरल फूड ग्रेन गोडाउनक स्थापना होयत। कटिहारमे 65 लाख रुपैयाकेँ लागतसँ जनरल मैन्युफैक्चरिंग फ्लाई ऐश ब्रिक्सक स्थापना कएल जायत। ओतहि सहरसामे 101 लाखक लागतसँ फ्लाई ऐश ब्रिक्स आ 172 लाखकेँ लागतसँ मेमर्स जय बाबा नर्सिंग ब्रिक्सकेँ तरफसँ फ्लाई ऐश ब्रिक्स यूनिटक स्थपना होयत। ओतहि अररिया जिलामे 214.36 लाखक लागतसँ मेमर्स जय हनुमान इंटरप्राइजेज पीवीसी कैरी बैग यूनिटक स्थापना करत।

जँ बिहारमे एहि तरहें नव-नव कल कारखाना लागत त’ पलायन पर तँ रोक लगबे करत संगे सरकारक राजस्वमे सेहो फायदा होयत। एतबे नहि लोक सभके अपने घर लग रोजगार भेटतनि आ हुनक आर्थिक स्थितिमे सेहो बदलाब देखबामे भेटत। आर्थिक सम्पनता भेलासँ हुनका लोकनिक जीवन स्तरमे सेहो बदलाव देखवामे आओत आ धिया पुता सभके नीक शिक्षा भेटतनि। निश्चित रूपसँ सरकारकेँ एहि दिशामे ज्यादासँ ज्यादा धयान देबाक आवश्यकता छैक जाहिसँ बेरोजगारी कम होयत।