कोनो क्षेत्र ओ भाषाक विकासमे ओहिठामक स्थानीय ओ ओहि भाषाक पत्र-पत्रिकाक बड़ बेसी महत्व होइत छैक। अहिमे कोनो दुम्मैत नहि जे लोकतंत्रक चारमि स्तंभ कहावै वला मीडियाक पहुंच जाहि ठाम तक नहि अछि ओहिठाम शासन-प्रशासनक मनमानी आ कि ओहिठामक मूलभूत स्थिति कें देखवा ओ चिन्हवा सं आम जनमानस वंचित रहि जाइत छैथ। जौं बात मिथिला-मैथिलीक हो तखन फेर एकटा बात जे बहुत बेसी कचोटैत अछि ओ अछि जे मैथिली भाषाक अप्पन कोनो स्थापित मीडिया कें नहि हेवाक। एकटा स्थापित मैथिली मीडियाक नहि हेवाक कारणें नहि त मिथिला-मैथिली अपन स्थान वैश्विक स्तर पर बना पावि रहल अछि आ नहि मिथिला-मैथिलीक कोनो अवाज जनता सं सरोकार धरि पहुंच पाबि रहलैक अछि।
ओना मैथिली मीडियाक इतिहास करीब 100 बरख सं बेसी पुरान छैक। किछु एहनो पत्र-पत्रिका अछि जेकर नाम अखनो लोकक मुंह पर सहजता सं सुनल जा सकैत अछि। मुदा मैथिली मीडियाक संग जे सब सं दुर्भाग्य रहल ओ अछि ओकरा संचालन केनिहार व्यक्तिक दूरदर्शिताक अभाव आ ओहि काराणें सौभाग्य मिथिला टीवी चैनल सं लय, दरभंगा सं संचालित होइवला दैनिक मिथिला अवाज कें बंद हैव। अगर ‘आरएनआई’ केर वेबसाइट खोलि देखब त अपने कें पता चलत जे वर्तमान मे मैथिली भाषामे 5 दर्जन सं बेसी पत्र-पत्रिका निबंधित अछि मुदा कि आम जनताकें कैएक टा पत्र-पत्रिकाक नाम स्मरण मे छन्हि।
मैथिली मीडियाक संग एकटा आओर पैघ दुर्भाग्य रहलैक अछि ओ अछि गैर मीडियाक व्यक्ति द्वारा ओकर संचालन ओ मैथिली मीडियाक नाम पर साहित्य परोसवाक प्रवृति। इ दू गोट चीज मैथिली मीडिया ओ मिथिलाक विकासक बाटमे एकटा एहन बेमारी बनि ठाढ़ अछि जेकर इलाज कोनो डाॅक्टरों सं संभव नहि। ओना गप्प हंकवामे मैथिल सं बेसी कोनो ठामक व्यक्ति नहि भेटताह मुदा जखन बात प्रतिवद्धता ओ मातृभूमिक प्रति अपन अधिकार ओ कर्तव्य निर्वहनक होइत अछि तखन ओ तथाकथित मैथिल लोकनि कोनो बिहैर मे धुसि जाइत छथि। कहेवाक लेल साढ़े सात सं लय नौ करोड़ मैथिल छी जाहिमे एक सं एक टका बला, एक सं एक व्यवसाय सं जुड़ल लोक मुदा मैथिली मीडियाक संवर्धन हेतु किनको डेग आगू नहि बढ़ैत छन्हि।
जे कियो व्यक्ति कर्तव्यनिष्ठ भय आगू ऐवाक अद्म्य साहसो देखेला हुनका लग एतेक मात्रामे कथित पैरोकार ओ बिचैलियाक प्रवेश भय गेल जाहिकें परिणाम इ भेल जे ओ मीडिया त चलिये गेल आ ओ जे व्यक्ति साहत देखौने छलाह ओहो दुहा गेलाह, हुनकर मोन मिथिला-मैथिली सं खिन्न आ ओ कथित बिचैलिया दू-चारि लाख टका पाबि मस्त। खैर, जमाना मोबाइल मे सिमटल जा रहल छैक आ नव मीडियाक जाहि तरहें संचार पूरा विश्वमे भय रहलैक अछि ओहि सं पत्र आ इलेक्ट्राॅनिकक अलावे एक नव मीडियाकें संचार करवाक काज केलक अछि। अहिमे को अतिश्योक्ति नहि जे अगिला दू दशक ई-मीडियाक छैक। एकटा एहन मीडिया जाहिमे मीनट भरिमे कोनो समाद लाखों-करोड़ो लोक तक पहुंचेवाक अपार क्षमता अछि।
मुदा एहनो स्थिति मे मैथिली मीडियाक स्थिति ओहने ‘कनिया कें जे छन्हि जे खोइछे मे’ बुझना जा रहल अछि।
वेब पोर्टल ओ कि न्यूज पोर्टलक अहि जमानामे जे चारि-पांच गोट मैथिली न्यूज पोर्टल चलि रहल अछि ओहिमे बहुतायत न्यूज पोर्टल समाचार सं बेसी साहित्य दिस अपना आप कें झुकौने जा रहला अछि। एतबे नहि अहि समस्त मीडियाक संचालक पर जौं ध्यान दी त नाम मात्र एहन पोर्टलक संचालक छथि जिनका ‘हार्ड कोर मीडिया’ सं जुड़ाव रहलनि अछि। मैथिली पत्रकारितामे जे भय रहलैक अछि ओ कम छैक मुदा साहित्य कें लिखी जौं मैथिली पत्रकारिता करब त अहि सं नीक अप्पन दोकान बंद कय घर बैसल जाउ कारण गजेंद्र ठाकुर आ विदेह साहित्यमे एतेक सुंदर कार्य कय रहला अछि ओकर जतेक प्रशंसा होइ ओ कम छैक। किछु एहनो स्वनामधन पत्रकार रहला अछि जे मैथिली मीडियाक संचालन मे लागल छथि जे अपना आपकें पत्रकार कहैत छथि मुदा वास्तवमे हुनका भारतीय पत्रकारिता ओ जनसंपर्क सं बहुत नीक परचिय नहि छन्हि। हां, वर्तमान मैथिली मीडियाक संचालनमे एकटा नाम आशीष झा केर जरूर छन्हि मुदा ओहो इ-समाद कें एकटा सिमित क्षेत्रमे रखने छथि, अहिठाम कहि दी कि इ-समादक संपादक कुमुद सिंह छथि।
पत्रकारिता ओ होइ छैक जे जनताक सरोकार सं जुड़ल विषय कें राजनीतिक हस्तिक संग-संग शासन-प्रशासन लग तक प्रखरताक संग उठावय आ एहन कलेवर वला पत्रकार मैथिली मीडियामे नाम मात्र छथि। आ जे छैथो हुनका पर तथाकथित व्यक्ति ओ संस्था कथित रूप सं पैरोकार, दलाल, चाटुकार, चेहरा चमकेनिहार इत्यादिक संज्ञाक सं सुशोभित करैत रहैत छथि। मैथिली भाषामे एखन आक्रमक पत्रकारिताक आवश्यकता अछि जाहि सं शासन सं सत्ता तक अहि बातक धमक पहुंचै जे नव मीडिया मे सहि मुदा मैथिली भाषामे सेहो आब पत्रकारिता शुरू भय गेल अछि। मुदा एहन प्रतिवद्ध चेहरा जिनकर हिन्दी ओ अंग्रेजी मीडियाकमे नीक अनुभव छन्हि ओ मैथिली मीडिया दिस औताह इ कहब सहज नहि।
एहन बात नहि छैक जे मैथिल पत्रकार नहि छैथ। देशक शीर्षत्तम मीडियामे मैथिलक नीक उपस्थिति अछि मुदा मैथिली मीडियाक नाम पर हुनका लोकनिक मोनमे अस्सी मोन पानि पडि़ जाइत छन्हि। ओमहर इनल-गिनल जे एक आध मीडिया अछिओ ओहो कें जे पाठक छथि (खास कय सोशल मीडिया पर) हुनका लोकनि कें ‘हेडलाइंस’ कें अलावे किछु आओर बुझले नहि छन्हि। यौ जी महाराज, हेडलाइन कें भीतरो बहुत किछु होइत छैक, भीतर प्रवेश करू आ ओकरो पढु ओहो ठाम बहुत किछु तथ्य छैक आ असलमे आहै खबैर छैक। हां, अहिठाम मैथिली मीडियाकेर संचालन मे लागल व्यक्ति लोकनि सं विशेष आग्रह जे किनको सोशल मीडिया सं कमेंट लय ओकरा अपना वेबपोर्टल पर टिपनाइ वला प्रवृति सं बाज आउ अपन दम देखाउ आ तथ्यात्मक रूपे पत्रकारिता करू, अगर वास्तब मे पत्रकारिता करवाक अछि त, साहित्य लिखी पत्रकारिता नहि होइत छैक। अंतमे बस एक शब्द जे जा धरि ‘मेन स्ट्रीमक मैथिल पत्रकार मैथिली मीडिया दिस नहि औता मैथिलीमे पत्रकारिता नहि हैत’ साहित्य संरचना ओ पत्रकारिता दुनू अलग-अलग विधा छैक इ ओहि तथाकथित व्यक्ति ओ स्वनामधन पत्रकार लोकनि कें सोचवाक चाहि।
बाॅलीवुडक स्थापित अभिनेता कें सम्मानितक केलक मिथिलालोक
दिल्ली-मिथिला मिररः अंग्रेजी भाषाक जानल-मानल विद्वान आ मिथिलालोक चेयरमैन डाॅ. बीरबल झा बाॅलीवुडक स्थापित फिल्म अभिनेता नरेंद्र झा कें सम्मानित केलाह। अपने कें बता दी जे डाॅ. बीरबल झा मिथिलालोक नामक संस्थाक संग ‘पाग बचाऊ अभियान’ मे लागल छथि। मिथिलालोकक कार्यालय पहुंचल बाॅलवुड अभिनेता नरेंद्र झा आ राजन कपूर कें नवाका स्वरूपक पाग पहिरा आ पुष्प गुच्छ दय सम्मानित करैत डाॅ. झा कहला जे इ हमरा लोकनिक सौभाग्य अछि जे हम सब मैथिल पुत्रकें आई सम्मानित कय रहलौह अछि।
पाग बचाऊ अभियान कें समर्थन करैत बाॅलीवुड अभिनेता कहला जे पाग मिथिलाक शान थिक आ एकरा नव स्वरूपमे जन-जन तक पहुंचेवाक जे कार्य मिथिलालोकक मादे डाॅ. बीरबल झा कय रहला अछि ओकर जतेक प्रशंसा कैल जाय ओ कम अछि। पाग कें जे पुरान स्वरूप छल ओहिमे कोनो प्रकारक बदलाव नहि कैल गेल छलैक जाहि कारणें पाग कें दैनिक उपयोगमे लायब संभव नहि छल मुदा जाहि तरहक प्रयोग बीरबल झा केलाह ओ सराहनीय अछि, अहि प्रयोग कें बाद आम लोक पाग कें टोपीक स्थान पर पहिर सकैत छथि। संगहि नरेंद्र झा कहला जे मिथिलाक अहि नव स्वरूपक पागकें निश्चित रूप सं सिनेमा मे पहिर प्रचारित-प्रसारित करब।
मिथिला मिरर, मैथिली भाषाक अंतरराष्ट्रीय समाचार पोर्टल अछि, जे भारतीय मीडियामे एक दशक सं बेसी सं कार्य कऽ रहल कुशल पत्रकार लोकनिक द्वारा संचालन कैल जा रहल अछि। मिथिला मिरर, राजनीतिक ओ समसामयिक विषयक संग-संग ग्लोबल मिथिलाल समस्त गतिविधि कें प्रखरता सं उजागर कऽ अपने लोकनिक सोंझा आवैत रहल अछि आ भविष्य मे सेहो प्रखरता आ निडरताक संग मैथिली भाषामे पत्रकारिताक संपादन करैत रहत। मिथिला मिरर पर समस्त लेखक प्रकाशन हेतु संपादकक सहमति आवश्यक नहि अछि। सर्वाधिकार सुरक्षित मिथिला मिररक संपादक लग अछि। मिथिला मिरर पर प्रकाशित कोनो लेख ओ अन्य तरहक विवादक फैरछौट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्लीक अदालत मे होयत। हमरा सं संपर्क करी, हमर इ-मेल अछिः हमरा विषयमे