ठेस लागल पर्बत फोड़ी घरक सिलौट नेपाल “सन्दर्भ”

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    सेंट लुइस (अमेरिका),मिथिला मिरर-काली कान्त झा ‘तृषित’: नेपालक एकटा ऐतिहासिक तथ्य छै जे ई सतीक श्राप सँ अभिशप्त देश अछि एहि ठाम नीक करए  बला लोक दंडित होइत आएल अछि. जहन देशे अभिशप्त छै त नीक कम आ अधलाहे बिशेष के  संभावना छै. एकर अतिरिक्त ज्योतिषीय दृष्टिकोण सँ नेपाल के राशि बृश्चिक छै आ एहि राशि पर शनिक साढ़ेसाती दशा सेहो चलि रहल  छै परिणामस्वरूप देश  कें सत्ता संचालक लोकनि शनिक दुष्प॒भाव सँ आका॒न्त छथि एहन मे बिकृत मानसिक सोच एवम् प्रमाद बढ़ि जाइत छै विवेकहीन राजनैतीक निर्णय सभक कारणे आम जनता के दैनीकी  सेहो कष्टकर भऽ जाइत छैक से नेपाल मे सैऽह भऽ रहल छैक नऽब संबिधान आ तकर संशोधन समेत तकरे उदाहरण छै. ज्ञातब्य जे धनु राशिके भारत पर सेहो शनिक साढ़ेसाती छैक द्वादश शनि स खर्चक अधिकता आतंकबृद्धि कलह आदि होइतो बृहस्पतिक कल्याणकारी पंचम  दृष्टिक कारणे भारतक बर्चस्व मे बृद्धि, जनहितकारी कार्य आदि स व्यापक जन समर्थन,शत्रु मे हताशा आदि हएतै |दूनू राशिक साढ़ेसातीक इएह अन्तर छै आलेखक विषय ई नहि अछि तैं एखन एतबे |

    नेपालक नऽव सम्बिधान स असन्तुष्ट वर्ग न्याय समानता एवम् हक अधिकार सुनिश्चितताक हेतु आन्दोलित अछि|एहि क॒म मे अपन पहिचान एबम समान सहभागिता प्राप्तिक हेतु मधेस, जतए नेपालक करीब आधा जनसंख्याक बसोबास छैक, से लोकनि आंदोलनक विश्व इतिहास मे नया कीर्तिमान स्थापित कऽ चुकल छथि | मधेशक समस्त बासिन्दा सम्पन्न वा विपन्न सभक आक्रोश मिश्रीत उद्घोष बराबर आबिए रहल छैक जे  एकर निराकरण एखने भ जएबाक चाही, चाहे कतबो संघर्ष करऽ परए, कतबो कष्ट उठाबऽ परए जाहि स आबऽ बला पीढी कें पुन: इ लड़ाई नै लड़ऽ परै | एमहर सत्ता पक्ष आंदोलन कें दबएबाक हेतु कोनो तिकड़म बाँकी नै रखने छै | पुलीसक गोली स अनेको दर्जन लोक शहादत प्राप्त कऽ चुकल | घायल सबहक पीड़ा के बर्णन असाध्य अछि |एकर अतिरिक्त पुलीस प्रशासन मिथ्या आरोप मे निर्दोष सब के पकड़नाइ आ टर्चर कएनाइ चालू रखने छै | आ इ सब पीड़ा मधेसी सब सहि रहल अछि |यद्यपि आंदोलनरत मधेशी दलक शीर्षस्थ नेता सब शहीद परिवार कें रु. दस लाख , घायलक इलाजक भुक्तानी, धर पकड़ रोकनाइ आदि शर्त सब सुना चुकल छन्हि जाहि के पूरा भेने मधेशक घाव पर किछू मलहम के काज अवश्य करतै मुदा एखन तक एकर सुनबाई नहिए भेल छैक |

    न्याय प्राप्तिक लड़ाई मे जूटल पार्टी सब कें एहि बातक सेहो समीक्षा करब जरूरी छन्हि जे इ लड़ाई त यथार्थ मे मधेशे के हेतु भ रहल मुदा एहि मे सब स बेसी पीड़ा सेहो मधेसीए सब के भुगतऽ पड़लै सेहो निर्विवादे छै | मधेशक व्यापारी कें व्यापार चौपट, विद्यार्थी कें पढ़ाइ चौपट, कृषक कें खेती खतम| दैनिक कमाकऽ खाए बला लोक के हटले पीड़ा, लोक से सहबो कएलक आ सहऽ लेल तैयारो अछि मुदा तकर मतलब इ नहि जे पार्टी सभक किछु आचरण भ्रष्ट कार्यकर्ताक कारण लोक आओर पीड़ित बनए आ ओ सभ छुट्टा साँढ़ जकाँ बेलगाम आचरण करिते रहथि|

    आंदोलन कें क्रम मे स्पष्ट भेलई जे भ्रष्ट छुट भैया नेता सब पाई लऽ कऽ माल सामान टपाबऽ मे कारखाना चलबऽ देबाक नाम पर रकम असूलऽ मे ,आंदोलन के लेल चंदा के नाम पर दबाब दऽ कऽ पैसा असुलनाई आदि मे किछु लोक खूब कुख्यात भेलाह | पत्र पत्रिका मे सेहो ई बात ऐलै | ओना एहन लोक के जबाव तैयारे रहैत छै-“ये सब आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है झूठा इल्जाम है “लेकिन बिना आगि के धुआँ नहि उठै छै आ गुड़क मारि धोकरे जनइ छै से पीड़ित मधेशिक पीड़ा के जे यथार्थ छै तकरो दृष्टिगत करब परम आवश्यक छैक | एहन प्रवृतिक नेता कार्यकर्ता पर अगर   पार्टीक‍ तरफ स लगाम नहि लगाओल जएतई त केहनो स्वच्छ छवि बला शीर्ष नेताके कलंकित करा सकैत छन्हि |पार्टी हाईकमानक बदनामी स्वतः हएतन्हि आ सही मे तहन ई कुकृत्य सब आंदोलन कें सेहो अवश्ये बदनामी करौतइ | तैं पार्टी सब के गम्भिर्तापुर्बक सोचब आबश्यक छन्हि आ एकरा रोकब सेहो | अन्यथा जौ एहन लोक के पोसि कऽ रखथिन्ह आ मधेशक लोक अहिना पीड़ित होइते रहत त इएह बात चरितार्थ  भ जाएत|