पटना, मिथिला मिरर : पटना हाईकोर्ट आई एकटा पैघ फैसला सुनवैत कहलनि अछि जे बिहारक पूर्व मुख्यमंत्री लोकनिकेँ आब उत्तरप्रदेश जेना सरकारी बंगला खाली करय पड़तनि। कोर्ट फैसला सुनवैत कहलनि जे पूर्व मुख्यमंत्रीकेँ देल जाय वला सुविधा असंवैधानिक आ आम जनताक कमाईकेँ पैसाक दुरुपयोग अछि। हाईकोर्ट स्पष्ट केएलनि जे पदसँ हटलाकेँ बाद एहि तरहक सुविधा देनाई बिल्कुल गलत अछि। बतादी जे बिहारमे जीतन राम मांझी, राबड़ी देवी, लालू प्रसाद, सतीश प्रसाद सिंह,जगन्नाथ मिश्राकेँ पूर्व सीएमकेँ हैसियतसँ आजीवन सरकारी बंगला भेटल अछि। मुख्यमंतत्रीकेँ आजीवन सरकारी बंगलाक सुविधा खत्म करबाक लेल दायर याचिका पर सुनवाई करैत कोर्ट अपन फैसला सुरक्षित राखि लेने छल, जाहि पर आई कोर्ट फैसला सुनौलक अछि। एहि मामला पर चीफ जस्टिस एपी शाहीक खंडपीठ एहन फैसला सुनेलनि, जाहिकेँ बाद कोर्टक एहि निर्देशकेँ बाद कतेको पूर्व मुख्यमंत्रीसँ बंगला छिन जायत। जनतब होयत जे राज्य सरकारकेँ तरफसँ सभ पूर्व मुख्यमंत्रीकेँ इ सुविधा भेटल अछि। एकर संग सरकारी बंगलामे असीमित खर्च करबाक छूटकेँ हाई कोर्ट असंवैधानिक घोषित क’ देलनि आ कहलनि जे पब्लिकके पैसासँ आब एशो-आराम नै चलत।
कोर्ट इहो कहलक जे एमएलए आ एमएलसीकेँ हैसियतसँ फ्लैट राखि सकैत छथि, मुदा एक्स सी एमकेँ हैसियतसँ भेटल बंगला आब छोड़य पड़त।
शुरू भेल सियासी ब्यानबाजी
पटना हाईकोर्टक निर्णय पर राजद सांसद मनोज झा अपन प्रतिक्रिया दैत कहलाह जे पूर्व मुख्यमंत्री आ मुख्यमंत्रीकेँ आओर आवंटित आवासक जाँचकेँ जरूरत अछि जे मुख्य सचिवकेँ नाम पर आवंटित बंगलामे के रहि रहल छथि? एकर सभक जाँच हेबाक चाही। ओतहि राजद नेता भोला यादव पूर्व सीएम राबड़ी देवीक बंगला खाली करबाक बात पर कहलाह जे कोर्टक आदेशके हम सम्मान छी। हम कोर्टकेँ आदेशक पालन करब।
राज्यक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा कहलनि जे जनताक बीच रहबाक कारण सुरक्षाकेँ जरुरत होइत छैक, एहि लेल सरकारी बंगलामे रहैत छी आ सरकारी सुविधा लैत छी। राज्यक स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय कहलनि जे कोर्टक फैसलाकेँ हमसभ सम्मान करैत छी ।सभके कोर्टक फैसलाकेँ मानबाक चाही। ओतहि बिहार सरकारमे मंत्री जयकुमार सिंह कहलनि कोर्टक फैसलाकेँ सभके सम्मान करबाक जरूरत अछि।
हम अध्यक्ष आ पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी कहलनि जे कोर्टक आदेश पर हम बंगला खाली करबाक लेल तैयार छी, लेकिन विधायक होयबाक नाते एकटा बंगला एलॉट कएल जाए। ओ सरकारसँ आग्रह केएलनि जे जाहि बंगलामे हम रहि रहल छि ओहि बंगलाकेँ हमरा रहल देल जाय। संगे सरकारसँ कहलनि हाईकोर्टक फैसला पर उपरि अदालतमे जेबाक चाही। ओतहि एहि फैसलाक बाद राबड़ी देविक आवास पर सन्नाटा पसरी गेल अछि। हाईकोर्ट एहि फैसलाक बाद राबड़ी देविक सरकारी बंगलाकेँ पता सेहो बदली जायत।
अपने सभके मालूम होयत जे 2016 मे बिहारक तत्कालीन महागठबंधन सरकार बिहार विशेष सुरक्षा कानूनमे संशोधन करैत राज्यक पाँच पूर्व मुख्यमंत्रीकेँ आजीवन सरकारी बंगला आवंटन आ सुरक्षा दस्ता देबाक संशोधित नियमावली जारी केने छल।