मददि त दूर, नियमक पालन तक नहि कय रहल अछि निजी बैंक

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    भागलपुर, मिथिला मिरर: नोट बंदीक एक सप्ताह बादो शहरक अधिकतर बैंक बाजार मे चलय वला नोटक कमी स जूझि रहल अछि, परंतु अहि के नाम पर बहुतो बैंक नियम-कानूनक धज्जी उड़ा रहल अछि। नोटबंदी के बाद सरकारी सहयोग मे निजी क्षेत्रक बैंकक भूमिका नगण्य अछि। निजी क्षेत्रक बैंक के लगभग एटीएम बंद अछि। आब चारि हजार बदलय आबि रहल लोक के वापस पठाओल जा रहल अछि। लोक कचकच कय रहल छथि।

    निजी क्षेत्रक बैंक के अप्पन खाताधारक सेहो नोट बदलेबाक लेल सरकारी बैंक जा रहल अछि। ओतहि आइसीआइसीआइ बैंक प्रबंधन द्वारा स्कूल फीस मे हजार-पांच सौ के नोट नहि लेल जा रहल अछि। पैघ सवाल ई अछि जे, एक सप्ताह तक तकरीबन सब शांति स बीत गेलाक बाद कि आ किछु बैंकर्स अराजकता पैदा करबाक कोशिश कय रहल अछि।

    बुधदिन एहने स्थिति तिलकामांझी आइसीआइसीआइ बैंकक शाखा मे देखल गेल। माउंट असीसि सीनियर सेक्शन मे पढ़य वला बच्चाक फीस एतय जमा होइत अछि। मुदा नोट बंदी के बाद बैंक स्कूल प्रबंधन क माध्यम स अभिभावक के मैसेज भेजलक अछि जे, बैंक मे भारी भीड़क कारण अहि बेर 15 स 18 नवंबर तक फीस लेल जायत।

    एम्हर नोटबंदी के बाद सरकार आ आरबीआइ के निर्देश के अनुसार स्कूल फीस के रूप मे हजार-पांच सौ के नोट जमा लेल जा सकैत अछि, ताहि कारने जाहि अभिभावक के संग मे ई नोट छल ओ निश्चिंत छलाह। परंतु बुधदिन बैंक प्रबंधन स्कूल प्रबंधन के कथित आदेशक आड़ मे आरबीआइ आ केंद्र सरकारक आदेश के मानय सं इनकार कय देलक।