वैशाली, मिथिला मिरर: जाति-धर्मकेँ आधार पर त’ अहाँ सभ समाजकेँ बटैत सुनने होयब। मुदा, कि अपने सभ सुनने छी जे स्कूलमे जाति-धर्मक आधार पर विद्यार्थी लोकनिकेँ पढ़ाओल जाइत अछि? क्लासरूम अलग-अलग होई? नै ना…लेकिन, बिहारमे एकटा सरकारी स्कूल अछि जतय विद्यार्थी लोकनिकेँ संग इ भ’ रहल छैक। विद्यार्थी घरसँ स्कूल धरि संगे-संगे जाइत छथि। मुदा स्कूलमे घुसिते बाँटी देल जाइत छथि। पढ़ाईकेँ बाद फेर घर संगे-संगे जाइत छथि।
ई सरकारी स्कूल हाजीपुरक लालगंज प्रखंड क्षेत्रक अछि जतय छात्र-छात्राकेँ स्कूल द्वारा जाति-धर्मकेँ आधार पर अलग-अलग बैसबाक व्यवस्था अछि। ई स्कूल अछि जीए उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लालगंज। एहि स्कूलमे दुनु सम्प्रदायकेँ बच्चा सभक लेल अलग-अलग क्लास रूम अछि। अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्गकेँ ए वन आ टू केँ बच्चा सभकेँ अलग-अलग सेक्शनमे बाँटी क’ पढ़ाओल जा रहल अछि। एतबे नहि विद्यार्थी लोकनिकेँ रजिस्टर तक जाति आ धर्मक आधार पर अलग-अलग बनाओल गेल अछि। और त’ और अनुसूचित जाति आ मुस्लिम छात्र-छात्रा दोसर जातिकेँ विद्यार्थिक क्लास रूममे नहि जाइत छथि। इ सभ प्रकरण पछिला चारी सालसँ चलि रहल अछि आ एहि पर कोनो प्रशासनिक पदाधिकारीकेँ ध्यान तक नै गेलनि, जे एकटा घोर आश्चर्यजनक बात अछि। स्कूल प्रबंधनकेँ एहि कृत्य पर स्थानीय जन प्रतिनिधि लोकनिकेँ सेहो ध्यान नै गेलनि, मामलाकेँ गंभीर क’ दैत अछि।
जँ प्रधानाध्यापिका मीणा कुमारीकेँ बात मानी त’ नौंवी कक्षामे कुल 770 छात्र-छात्रा नामांकित छथि। जिनका सभके छह सेक्शनमे बाँटी क’ पढ़ाओल जाइत अछि। हरेक सेक्शनकेँ दू भागमे 70- 70 केँ संख्यामे वन व टू मे बांटल गेल अछि। दुनुकेँ रजिस्टर दू अछि। दुनु एकही सेक्शन अछि आ एकही क्लासमे बैसय छथि। नौवीं ए वनमे केवल अल्पसंख्यक छात्र, एटूमे केवल अल्पसंख्यक छात्र, बी वन केवल अत्यंत पिछड़ा वर्गक छात्रा, बी टूमे सिर्फ अत्यंत पिछड़ा वर्गक छात्र, डी वनमे मात्र अनुसूचित वर्गक छात्रा, डी टूमे केवल एससी एसटीकेँ छात्र छथि।
एहि संबंधमे प्रभारी प्रधानाध्यापिका मीणा कुमारीक कहब छनि जे एहन एहि मादे कएल गेल अछि जे बच्चा सभकेँ पढ़ाईमे सुविधा आ विभन्न योजनाक क्रियान्वयनमे सहूलियत होइत अछि। एहि व्यवस्था पर किनको विरोध नहि छनि। बच्चा सभक संग कोनो जातिगत भेदभाव नै कएल जाइत अछि। ओतहि एहि सम्बन्धमे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरविन्द कुमार तिवारी बतौलनी जे हुनका लग एहन मामला आयल छल आ ओ इन्क्वायरी केने छलाह। प्रथम दृष्टया मामला सत्य प्रतीत भेल आ हम एहि संबंधमे जिला शिक्षा पदाधिकारीकेँ लिखित रुपें रिपोर्ट द’ देलहूँ। जखन बिहारक शिक्षामंत्रीसँ एहि मादे पूछल गेल त’ कहलनि जँ कुनो विद्यालयमे एहन व्यवस्था अछि, त’ इ गलत अछि। एहि मामलाकेँ जाँच कराओल जायत आ दोषी लोकनिकेँ खिलाफ कार्रवाई होयत।