गुवाहाटीमे चर्चित साहित्यकार बुद्धिनाथ मिश्रक मैथिली काव्य संग्रह ‘क्यो नहि दै अछि आगि’क लोकापर्ण

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    गुवाहाटी,मिथिला मिरर-दिलीप कुमार झाः मैथिली-हिन्दीक चर्चित साहित्यकार, प्रखर पत्रकार, समालोचक आ नानान विधा सं परिपूर्ण बुद्धिनाथ मिश्रक मैथिली काव्य संग्रह ‘क्यो नहि दै अछि आगि’क विमोचन असम केर राजधानी गुवाहाटीक आॅसम पैलेसक सभागारमे संपन्न भेल। मिथिला सांस्कृतिक समन्वय समिति एवं पूर्वोत्तर मैथिली पत्रिकाक संयुक्त तत्वावधान 21 दिसंबर कऽ संपन्न अहि पोथी विमोचनमे एक सं एक साहित्कार, भाषानुरागी आ पत्रकार लोकनिक बेस जुटानी छल।
    बुधदिन सांझ पोथीक विमोचनक अवसर पर जखन बुद्धिनाथ मिश्र अपन नवगीतक संग मंच पर उपस्थित भेलाह त उपस्थित भाषानुरागी हुनकर नवगीतक प्रवाहमे बहैत चलि गेलाह। नीलाचल पहाड़क बीच लुकझुक होइत सांझमे जखन ‘एक बार और फेंक रे मछेरे’ सन कालजयी गीत बुद्धिनाथ मिश्रक कंठ सं निकलल त पूरा सभागार बस थोपड़ीक गड़गड़ाहट सं गुंजयमान होइत चलि गेल।
    डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र पैछला पांच दशक सं मैथिली भाषामे रचना करैत आबि रहला अछि मुदा ‘क्यो नहि दै अछि आगि’ हुनक पहिल मैथिली काव्य रचना थिक जेकर विमोचन पूर्वोत्तरक द्वार आ मां कामाख्याक भूमि पर संपन्न भेल। अहि अवसर पर मिथिला समन्वय समितिक अध्यक्ष प्रेमकांत चौधरी, अन्य सदस्यगणमे सरोज कुमार झा, दिलीप झा एवं अन्य, दैनिक पूर्वोदयक संपादक रविकांत रवि, एकरा अलावे गीता दत्त सहरिया, असमिया एवं हिन्दीमे कविता पाठ केलीह तहिना गणेश मैथिल, मैथिलीमे, रविकांत नीरज, रविकांत रवि, ललित कुमार झा क्रमशः हिन्दी, मैथिली आ अंगिकामे गीत आ कविता सुनौलनि।