मुजफ्फरपुर, मिथिला मिरर: किसान आ जानमालक क्षतिकें रोकबाक लेल चारि दशक पूर्व जे परियोजना वरदान साबित होबय वला छल ओ आय अभिशाप बनैत जा रहल अछि। अहिकें देखैत जिलाधिकारी धर्मेद्र सिंह बागमती नदीक दुनू कात बनाओल जा रहल छहरक निर्माण रोकबाक प्रस्ताव सरकारके पठौलनि अछि। जल संसाधन विभागके प्रधान सचिवकें पठाओल गेल प्रस्तावमे कहल गेल अछि जे, तटबंधक निर्माण सं जिलाक करीब 70 गाम पर डूबयकें खतरा आबि जाएत। अहिकें अलावा कटरा सं हायाघाट धरि बान्हक बीच करीब 12 लाख एकड़ कृषि योग्य भूमिके प्रभावित हेबाक आशंका अछि।
‘चास-वास जीवन बचाओ बागमती संघर्ष मोर्चाकें’ आंदोलनकें देखैत डीएम अहिकें प्रतिनिधि सं वार्ता केलनि। जाहिमे जिलामे बागमती नदीक दुनू कात बनि रहल छहरक निर्माणकें रोकबाक प्रस्ताव तैयार कएल गेल अछि। अहिकें पाछु बहुतो बिंदु पर तर्क देल गेल अछि।
ई परियोजना 1971मे बनाओल गेल छल। तहिया सं एखन धरि बागमती नदीके एलाइनमेंटमे काफी परिवर्तन भेल अछि। नदीके नव रूपक अध्ययन केने बिना छहरक निर्माण कएल जा रहल अछि। पहिने नदीक पेटीमे कम बसावट छल। मुदा आब बागमतीक धारामे बदलावक संग लखनदेईमे समाहित भेल अछि। वर्तमानमे नदी जेम्हर सं बहि रहल अछि ओम्हर काफी गाम बसल अछि। अहि सं छहर निर्माणक बाद पैघ संख्यामे विस्तापन होएत।