इंडिगोक अव्यवस्थित परिचालन पर नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडूक संसद मे बयान

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मिथिला मिरर, पटनाः इंडिगो संकटक सँ एहि सप्ताह देशक विमानन व्यवस्था अस्त-व्यस्त भऽ गेल। सप्ताहक शुरुआत मे हजारोंक संख्या मे उड़ान रद्द भऽ गेल, जाहि कारण यात्रीगण कँे भारी परेशानीक सामना करय पड़ल। हवाइ अड्डा पर घंटों प्रतीक्षा, टिकट रद्दीकरण आ सामान संबंधी समस्या सँ लोक आक्रोशित भऽ उठलाह। पूरा सप्ताह सोशल मीडिया पर यात्री सभक नाराजगी सामने अबैत रहल। बाद मे स्पष्ट भेल जे संकटक मुख्य कारण इंडिगोक आंतरिक प्रबंधन-विशेष कऽ क्रू रोस्टरिंग मे गंभीर गड़बड़ी छल। पायलट आ क्रू शेड्यूल ठीक तरह सँ तैयार नहि कयल गेल, जाहि कारण सँ उड़ान संचालन बाधित भेल। हालांकि ई विमान कंपनीक अपन दलील भऽ सकैत अछि मुदा एकर मुख्य कारण इंडिगोक मनमानी छल। एहि बात केँ तखन आओर बेसी बल भेटैत अछि जखन कंपनीक विमान सेवा चरमरा जाइत अछि। सरकार द्वार दू साल पहिने विमानन कंपनी सभक लेल जे दिशा-निर्देश जारी कयल गेल छल ताहि आदेश केँ अनुपालन इंडियो नहि कयलक आ तकरे ई कारण छल जे अचानक अव्यवस्थाक स्थिति उत्पन्न भऽ गेल।
स्थिति बिगड़ैत देख सरकार सेहो सक्रिय भेल। डीजीसीए एयरलाइन सँ जवाब तलब कयलक आ जाँच शुरू करबाक आदेश देलक। सप्ताहक मध्य मे नागरिक उड्डयन मंत्री के.राम मोहन नायडू संसद मे बयान दैत कहलनि जे केन्द्र सरकार एहि घटना केँ गंभीरतापूर्वक लैत अछि आ इंडिगो पर उचित कार्रवाइ भऽ सकैत अछि। मंत्री स्पष्ट कहलनि जे यात्रिक सुरक्षा सर्वाेपरि अछि आ एहन लापरवाही पर भविष्य मे कोनो एयरलाइन केँ छोड़ल नहि जायत। सप्ताहक अंत तक एक उच्च-स्तरीय जाँच समिति गठित कयल गेल, जे संपूर्ण घटनाक्रमक मूल्यांकन करत। धीरे-धीरे किछु उड़ान सामान्य संचालन मे लौटल, मुदा स्थिति पूर्णरूपेण सामान्य होएबा मे समय लागबाक संभावना बनल अछि।
सरकार संसद मे बयान दऽ अपन जिम्मेदारी सँ मुक्त होयबाक पूर्ण कोशिश करैत देखना जा रहल अछि। दू बरख पूर्व जखन सरकार विमानन कंपनी केँ दिशा-निर्देश जारी कयलक तकरा बादक की स्थिति छल तकर निगरानी की सरकार द्वारा राखल गेल? जँ सरकार द्वारा कोनो निगरानी नहि राखल गेल तऽ एकरा सरकारक लापरवाही कियैक नहि मानल जायबाक चाही। आखिर लाखोंक संख्या मे जे यात्रीगण परेशान भेलाह तकर हर्जाना के देत? की सरकार एहि बात केँ गायरंटी देत जे भविष्य मे एहन तरहक कोनो घटना विमानन कंपनी द्वारा नहि कयल जाएत? की सरकार इंडियो पर ठोस आर्थिक दंड तय करत अथवा ई मुद्दा सप्ताह दस दिन मे अपने-आप समाप्त भऽ जाएत ई यक्ष प्रश्न बनि एखनो ठाढ़ देखना जा रहल अछि।