मैथिली गल्प एवं लोकगीतक भंडार अछि मिथिला-के.सी. त्रिपाठी

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    दिल्ली, मिथिला मिरर-राहुल कुमार रायः कोलकाता 30 अगस्त 2015 रविदिन पश्चिम बंगालक महामहिम राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी मिथिला विकास परिषद एवं परिषद के महिला शाखा मिथिला महिला मंच के द्वारा आयोजित महाजाति सदन में अशोक झा द्वारा बंगला गल्प संकलन भाग-1 के मैथिली अनुवादित पोथीक संग कामदेव झा द्वारा संपादित मैथिलीक बिसरल कथाक लोकार्पण एवं मैथिली गीतगाइन प्रतियोगिता केर उदघाटन केलनि।

    कार्यक्रमक पहिल चरण केर विधिवत शुरूआतकृष्णा मिश्रा एवं अलका झा द्वारा महाकवि विघापति द्वारा रचित भगवती वंदना जय जय  भैरवि सं भेल ओहिके बाद नेहा झा एवं पूजा मिश्रा के द्वारा मैथिली रचना मंगलमय दिनु आजु हे पाहुन छथि आयल गीत गाबि आगन्तुक अथिति के स्वागत कायल गेल। राम आओर सीता के विछोह के केन्द्रित करैत अंजना इस्सर एवं अलका झा प्रस्तुति के सुनि महामहिम अति प्रसन्नचित भेलाह तकरा बाद महामहिम के सम्मनित करबाक दौर शुरू भेल परिषदक पदाधिकारी द्वारा मिथिलाक पहिचान पाग, मिथिला पेंटिंग्स सं सुसज्जित चादर और पान मखान आ पुष्प सु निर्मित 32 फुटक माला पहिरा स्वागत कायल गेल। एहि दौरान मिथिला महिला मंचक सदस्य लोकनिक द्वारा निर्मित मिथिलाक प्रसिद्ध व्यंजन अनरसा, पिरूकिया, खजुरी, मिथिला पेंटिंग्स एवं पान-मखान, सुपानी जनऊ क्रमशः शैल झा, कामिनी झा, किरण इस्सर, अमृता झा, रूपा चैधरी एवं अन्य सदस्या के द्वारा प्रदान कैल गेल। एतबे नहि चाँदी सं निर्मित मिथिलाक पहिचान माछ राजेश कुमार झा आ बैजनाथ मिश्रा द्वारा प्रदान कैल गेल। भोगेन्द्र झा आ शैलेन्द्र झा द्वारा मिथिला लोककला सं निर्मित चित्रकला भेंट कैल गेल। एहि नानन तरहक भेंट पाबि महामहिम बड प्रसन्न भेलथि।
    महामहिमक स्वास्थ्य ठीक नहि हेवाक कारणे विमाचोनक कार्यक्रम के आओर बेसी देर नहि करैत शुरू कैल गेल। साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित बंग्ला गल्प संकलन भाग-1 पोथीक अनुवादक मिथिला विकास परिषदक अध्यक्षक एवं साहित्य अकादमी दिल्ली मे मैथिली परामर्शदातृ समिति के पूर्व सदस्य आ मिथिलाक प्रसिद्ध रंगकर्मी,नाटककार,कवि अशोक झा बतेलनि जे ‘ एहि पोथी के बंग्ला सं मैथिली मे अनुवाद करबामे लगभग 9 बरख सं बेसी समय लागल। ओतहि साहित्य अकादमी मे बंग्ला परामर्शदातृ समिति के संयोजक राम कुमार मुखोपाध्याय एहि अवसर अपन प्रतिक्रिया दैत कहलनि जे ‘अशोक झा द्वारा बंग्ला गल्प संकलन भाग-1 पोथी के बंग्ला सं मैथिली मे अनुवादित आ प्रकाशित कय साहित्य अकादमी बंग्ला एवं मैथिली साहित्यक बीच भाषाइ सेतु बंधनक निर्माण प्रशंसनीय अछि। मैथिली परामर्शदातृ समिति के सदस्य कामदेव झा के अलावे सुप्रसिद्ध समाजसेवी शंभुनाथ झा, विक्की सिकरीया,सुशील पुरोहित, शैल झा, नाटककार गुणनाथ, आदि उपस्थित लोकनिक गरिमामय उपस्थिति छलनि।
    पोथी लोकार्पण के पश्चात कार्यक्रमक द्वितीय सत्र मे आयोजित लोकगीत पर मैथिली गीतगाइन प्रतियोगिताक उदघाटन समाजसेवी बच्ची देवी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कय कैल गेल। प्रतियोगिता मे कुल 32टा प्रतिभागी भाग लेलथि। बतौर निर्णायक के रूप मे उपस्थित रामलोचन ठाकुर, जीतेन्द्र जीतांशु, गुणनाथ झा, अजय तिरहुतिया के द्वारा देल गेल निर्णयक अनुसार प्रतियोगिता मे क्रमशः श्वेता कुमारी झा प्रथम, राखी झा द्वितीय आ अंजना ईस्सर आ सुश्री अम्बा झा सांत्वना पुरस्कारक रूप मे क्रमशः 1001,551,301,251 टकाक नकद आ सभ प्रतिभागी कें प्रशस्ति पत्र, सांत्वना पुरस्कार पश्चिम बंगाल सरकार मे नारी एवं कल्याण मंत्री शशि पांजा एवं स्मित बक्शी, पूर्व विधायक संजय बक्सी एवं सांसद सुदोप बंद्योपाध्याय के हाथों प्रदान कायल गेल। कार्यक्रमक पहिल सत्र के अध्यक्षता अशोक झा आ द्वितीय सत्रक अध्यक्षता शैल झा आ मंच संचालन अंजय चैधरी केलनि। मौका पर विनय कुमार परिहस्त, गोपकान्त झा ‘मुन्ना’,पं. नन्द कुमार झा, पवन ठाकुर, चन्द्रदीप झा, राधवेन्द्र झा, अरूण झा, उमेद कामत,मदन झा, सुबोध ठाकुर, लखनपति झा, गौरी शंकर मिश्र, मो. इसाफ, फेकू पासवान, विनोद झा, जय प्रकाश मिश्र आदि सक्रिय छलथि।