दिल्ली-मिथिला मिररः एक दिस बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार दावा कय रहल छथि कि तय समय पर अगर ओ बिहार के घर-घर धरि बिजली नहिं पहुंचेता त ओ बिहारक जनता सं आगामी विधानसभा में वोट नहि मंगतैथ। लेकिन दोसर दिस स्थिति किछु आओर कहि रहल अछि। मिथिलांचक सैकड़ों एहन गांव अछि जाहिठाम या त बिजली नहि अछि वा जौं अछियो त 1987 में आयल बाढि़ के बाद ओहि ठामक जनता के आई धरि बीजलीक बल्व देखनाई सेहेंते छनि।
कतौ-कतौ सालों सं ट्रांसफॉर्मर जड़ल अछि त कतौ तार काटि कय चोर लय चलि गेल। कोनो-कोनो गांव में पोल आहिना खुट्टा जेना ठाढ़ भय बाट जोहि रहल अछि कि कहियो कियो वीर पुरूष आयत जे हमरा अहि अभिषापित योनि सं बाहर निकालत। दरअसल केंद्र सरकार गांव के बिजली सं जोड़वाक लेल अप्रैल 2005 में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजनाक शुरूआत केने छल। योजनाक उद्देश्य छल जे हर गांव में लोक के बिजलीक सुबिधा भेटनि।
लेकिन हकीकत इ अछि कि केंद्र वा राज्य सरकारक लाख दावाक बादो एखनो कतेको एहन गांव अछि जाहि ठाम बिजलीक नामों निशान धरि नहि अछि। गांव में अधिकांश बीपीएल परिवार रहितो ओहि गांव के बिजली नसीब नहि भय सकल। मिथिल मिरर एकटा मुहिम शुरू कय रहल अछि, जौं अहांक गांव में बिजली सं जुड़ल कोनो समस्या हो वा कि बिजली नहि हो त अपने सब हमरा सं संपर्क कय सकैत छी हमरा सब अहांक बात के सत्ता धरि पहुंचायब इ हमर वादा अछि। हम अपने सबहक इ-मेलक इंतजार कय रहल छी। हमर इमेल अछिः mithilamirror@gmail.com