धरती माता के मिलि जुलि हम सब करी प्रणाम्
भरि दुनियाँ मे उत्सव भ’ रहलै ल’ क’ हिनके नाम
विश्व पृथ्वी दिवस रूप मे मना रहल छी पाबनि
कतठाँ कार्यक्रम भेलै कतठाँ गीत गोसाउनि
धरनी सबहक अनदाता छथि सबहक पालनहार
मुदा लोक से नहि बुझि रहलै कय रहलै एकर प्रतिकार
दोहन सबतरि भ’ रहलै खेत पथार परती के
कटि रहलै धुरझार गाछ सब
उपटि रहल छै जंगल
जल श्रोत सब सुखा रहल छै भ’ रहलै सबठाँ दंगल
पृथ्वी दिवसक अवसर पर लै जाइ जाउ संकल्प
डेग डेग पर वृक्ष लगाबू मणि धरा के कायाकल्प ।।
मणिकांत झा ,दरभंगा ।