मधुबनी,मिथिला मिरर-सुजीत कुमार झाः मिथिला पेंटिंग पहिचान आब विश्व स्तरक भऽ चुकल अछि आ एकर वैश्विक बजार कतेक नम्हर भए गेल छै ओहो कहवाक कार्य नहि। एखन धरि मिथिला पेंटिंगकेँ सांस्कृतिक आ कि परंपरागत रूपेँ राखल जाइत छल, जाहिमे मिथिलाक धरोहर पान, मखान, माछ, सीता स्वयंवर, सीता-राम विवाह, राधा कृष्ण प्रेम आ नहि जानि कतेको एहन सांस्कृतिक चित्र जकरा नहि जानि कतेको कलाकार अपना-अपना हिसाबसँ दुनियाक सोझा अनैत रहलैत अछि।
एखन धरि 4 गोट कलाकर मिथिला पेंटिंगसँ भारतक सबसँ पैघ चारिम नागरिक सम्मान पद्मश्री सँ सम्मानित भऽ चुकलीह तऽ दर्जनों कलाकरकेँ राष्ट्रीय आ राज्य स्तरीय सम्मान भेट चुकल छन्हि। बदलैत समय आ मिथिला पेंटिंगक बढ़ैत मांगकेँ देखैत आब ओहिमे किछु नव स्वरूप लऽ सामने एबाक बहुत बेसी आवश्यकता बुझना जाइत अछि। करीब 3-4 मास पूर्व मिथिला मिररक संपादक ललित नारायण झा ट्वीटर पर सँ एकटा नवोदित प्रतिभाक मिथिला पेंटिंग कलाकार रूची झा केँ तकने छलाह।
रूची एकटा नवोदित कलाकर रहैत जाहि तरहक प्रतिभाक संपन्न कलाकर छथि ओकरा शब्दमे व्यक्त नहि कैल जा सकैत अछि। मिथिला मिररक संपादक केँ कहला पर ओ एखन तक उत्तर प्रदेश केँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथक लेल पेंटिंग बना चुकल छथि तऽ दोसर दिस प्रधानमंत्रीक बहुचर्चित उज्जवला योजनाकेँ मिथिला पेंटिंग पर उतारि रूची अहि कलाकेँ एकटा नव आयाम लिखवाक लेल डेग बढ़ा चुकल छथि।
रूचीक अहि नव कलाकृतिकेँ देखि बाॅलिवुड निर्देशक अभिनव कश्यप सेहो कहैत भेलाह जे निश्चित रूपहिं ई मिथिला पेंटिंगक भविष्यक लेल एकटा नव अध्याय लिखल जा रहल अछि। आ समसामयिक विषयकेँ सेहो अहि कलासँ जोड़वाक बहुत बेसी बेगरता छै ताकि लोक अहि धरोहरकेँ प्रति आओर बेसी आकर्षित भए सकैय।