पटना, मिथिला मिरर : : बिहारमे आब सवर्णकेँ लेल राज्य सरकार सेहो एकटा उपहार देबय जा रहल अछि। आर्थिक रूपसँ कमजोर वर्गक लेल सरकार एकटा नव व्यवस्था केलक अछि। हालाँकि एहिसँ पूर्व केंद्रक मोदी सरकार किछु एहने तरहक व्यवस्था कएलनि अछि। एहि दिशामे बिहारमे आर्थिक रूपसँ कमजोर सवर्णकेँ लेल नौकरी आ शैक्षणिक संस्थानमे 10 फीसदी आरक्षण देबाक व्यवस्था पर राज्य सरकार पहल केलक अछि। बिहार विधानसभामे संबंधित विधेयक (बिल) मंगलदिन अर्थात 12 जनवरीकेँ पेश कएल गेल। राज्यमे पहिनेसँ लागू आरक्षणक व्यवस्थामे बिना कोनो परिवर्तनकेँ नव व्यवस्था लागू कएल जायत। मालूम होयत जे केंद्रक नरेंद्र मोदी सरकार सरकारी नौकरी आ शिक्षामे 10 फीसदी आरक्षण व्यवस्था लागू क’ देने अछि। एकर बाद बिहार सरकार सेहो संबंधित विधेयक विधानसभामे पेश केलक अछि।
दोसर राज्यक अभ्यर्थी लोकनिकेँ नै भेटत आरक्षणक लाभ
विधेयककेँ मुताबिक इ आरक्षण व्यवस्था ओहन लोक सभक लेल होयत, जिनका राज्यमे पहिनेसँ लागू अनुसूचित जाति एवं जनजाति आ पिछड़ा वर्गक लेल आरक्षण व्यवस्थाकेँ लाभ नै भेट रहल छनि। दोसर राज्यक अभ्यर्थी लोकनिक लेल इ व्यवस्था नै होयत। बिहारकेँ आर्थिक रूपसँ कमजोर अभ्यर्थिकेँ राज्य सरकारक सभ भर्तीमे 10 फीसदी आरक्षणक लाभ भेटत। नामांकनक संबंधमे इ राज्यक सभ विश्वविद्यालय, ओकरासँ संबद्ध कॉलेज, प्राइमरी, मिडिल आ हाई स्कूल आओर अन्य शैक्षणिक संस्थान सभमे लागू होयत। विधेयककेँ मुताबिक बिहार सहकारी समिति अधिनियम 1935के अधीन सभ निबंधित सहकारी संस्थान, जाहिमे राज्य सरकार द्वारा शेयर पूंजी लगाओल गेल होई वा जे राज्य सरकारसँ ऋण, अनुदान आ अन्य तरहक मददि लैत होई ओ एकर अधीन आयत।
निजी क्षेत्र आ घरेलू सेवामे नै भेटत लाभ
विधेयकमे ई स्पष्ट क’ देल गेल अछि नवका आरक्षण व्यवस्थाक लाभ निजी क्षेत्र, घरेलू सेवाक संग स्थानांतरण आ प्रतिनियुक्ति द्वारा भरल जाय वला सेवामे नै भेटत। डेढ़ महीनासँ कम दिनक लेल अस्थाई नियुक्ति, अनुकंपाकेँ आधार पर कएल गेल नियुक्तिमे सेहो एकर लाभ नै देल जायत। निश्चित रुपें एहन तरहक व्यवस्था सं बहुतो गरीब लोकनिके समाजक मुख्यधारासं जोड़ल जायत संगे बच्चा सभके नीक संस्थानमे पढ़वाक अवसर सेहो भेटत।