मधुबनी, मिथिला मिरर: देश मे शहीदक सम्मान मे पैघ-पैघ समारोहक आयोजन होईत रहल अछि। शहीदक वीरताक गाथा गाओल जाईत अछि। किन्तु महज ई सब औपचारिकता बनि कय रहि गेल अछि। महत्वपूर्ण अवसर पर लेल गेल संकल्प किताबक पन्ना तक सिमटि कय रहि जाइत अछि।
एहने एकटा उदहारण अछि मधुबनी के खजौलीक बेहटा गाम मे 1942 के क्रांति मे शहीद भेल सपूतक याद मे बनल शहीद स्मारक। स्मारक के पुनर्निर्माण व जीर्णोद्धारक बात त हर वर्ष होईत अछि। मुदा ने न त एकर पुर्ननिर्माण भेल आ ने जीर्णोद्धार। स्थानीय किछु लोक द्वारा तकरीबन तीन दशक पूर्व अहि शहीद स्मारक के एकटा विस्तृत सार्वजनिक जगह पर विधिवत स्थापित कायल गेल, मुदा ओतय स्थापित स्मारक उपेक्षित अछि। स्मारक स्थल अतिक्रमित अछि। चारु कात गंदगी के अंबार अछि। एतहु मात्र विशेष अवसर पर रस्मअदायगी कायल जाइत अछि।
विदित हो कि 13 अगस्त 1942 के क्रांति मे शहीद जयनन्दन सिंह, नेबी यादव, भगवन्त पासवान, नारायण झा सहित खजौली के छह गोट सपूत अंग्रेजी सैनिकक गोली के शिकार भय शहीद भेल छलाह। हुनकर याद मे शहादत स्थल पर स्थानीय लोक द्वारा एकटा शहीद स्मारक बनाओल गेल। किन्तु किछु दिन बाद ओ स्मारक धीरे-धीरे भम्म पड़ैत गेल।