दिल्ली-मिथिला मिररः प्रायः इ पहिल बेर हैत जे साउन मासमे बाबा बैजूक नगरी लाल-पियर वस्त्र धारण केने कमरिया लोकनि मिथिलाक पाग पहिर बाबाक दरबारमे पहुंचता। मिथिलालोक फाउंडेशन आ डाॅ. बीरबल झा अहि बेर साउन मासमे आयोजित होइवला कांवर मेलामे एकटा विशेष आ अद्भूत प्रकल्प शुरू केलाह अछि। आब सुल्तानगंज सं कांवरिया लोकनि पाग धारण कऽ बाबाक दरबार पहुंचता। निश्चित रूपहिं इ एकटा गौरवक क्षण हैत, कारण पाग देखिते इ स्पष्ट बुझना जाइत छैक जे इ पाग धारण केनिहार व्यक्ति मैथिल हेताह आ ओ मिथिला नगरी सं बाबाक दरबार मे ऐलाह अछि।
सुल्तानगंज सं बाबाधाम धरि करीब 110 किलोमीटर बाट मे आब बोल-बम, डाक-बम जेना पाग बम सेहो सुनवामे अपने लोकनिकें भेटत। मिथिलालोक फाउंडेशनक एकटा टीम सुल्तानगंज पहुंच चुकल छथि आ ओ अहिठाम समस्त कांवरियागण कें सहज रूपसं पाग उपल्बध करेवाक प्रयास करताह। मिथिलालोक डाॅ. झा केर अगुआइमे पागक स्वरूप पर बहुत बेसी मेहनत केलाह अछि जाहिकें बाद आब माथ सं पाग खसवाक जे डर छल ओ आब समाप्त भए गेल।
संस्था कांवरियाकें ध्यानमे रखैत एकटा गीतक बनौलनि अछि आ ओ गीत सोशल मीडिया पर बहुत बेसी पसंद कैल जा रहल अछि। विकाश झा केर अवाजमे गायल इ गीत ‘हम कांवरिया आबि रहल छी, मिथिला धाम सं, पाग पहिर कऽ मिथिला गाम सं’ लोकक बीच अति लोकप्रिय बनि गेल अछि। एतबे नहि अगर कांवरिया लोकनि अपना-अपना मोबाइलमे इ गीत सुनैत बाबाक दरबारक दूरी तय करताह त हुनका लोकनिकें कतौ थकान महसूस नहि हेतनि, कारण अहि गीतक बोल आ ओकर संगीत प्रायः सबकें झुमवाक लेल विवश कय देत।