राष्ट्रपति महोदया ई देखाबटी तऽ ने अछि ? काली कान्त झा “तृषित”

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    जेना ओकाइत सँ छोट छीन होइतो नेपाल मे संसार मे सभसँ बेसी सभासद वा सं. सदक संख्या छैक तहिना नेताक संख्या सेहो संसार मे सब बेसी नेपाले मे हएतैक बरू इ मानि सकैत छी जे कार्यकर्तासंख्या मे नेपाल पिछड़ल होअए. नेताक एहन उर्वर भूमि रहितो राजनेताक रूप मे मान प्रतिष्ठा पाबऽ बला नेताक सर्बथा आभावे रहल अछि मुदा एहन स्थिति मे स्व॰ मदन भंडारी अपन अलग पहिचान बना नेने छलाह. प्रबल बाचा शक्ति के धनी, प्रखर प्रतिभा सम्पन्न एवम् जादुई व्यक्तित्व छलन्हि, हुनक अदम्य साहसक एकटा उदाहरण छैक :-राजशाहीक राप दापक समय मे ततकालीन राजदरबार के तरफ आंगुर देखबैत टुंडिखेल खुलामंच सँ ललकारिकऽ कहने छलखिन्ह “आँखा न झम्काइ बक्सियोस सरकार हिम्मत भए जनता को यो छोड़ो संग चुनाव लड़न मैदान मा आउनुस. एहन दुसाहसी नेता एमाले पार्टीक महासचिव मदन भंडारी आ संगठन बिभागक प्रमुख जीवराज आश्रित के ठीक आइ स तेइस बर्ष पहिने २०५० साल जेठ ३ गते रहस्यमय ढ़ंग स जीप दुर्घटना मे मृत्यु भ गेलन्हि.

    मृत्युक बाद सच्चाइ जन समक्ष लएबाक हेतु बहुत हो हल्ला उठलै ततकलीन नेपाली कांग्रेसक सरकार पर विभिन्न आरोप लगाओल गेलै बेर बेर आयोग गठन सेहो भेलै मुदा एहि रहस्य पर स पर्दा नहि उठलै. बाद मे जहन एमाले पार्टीक सरकार बनलै तकर बादो एहि प्रसंग मे किछु ठोस प्रयास नहि भेलै हँ एतबा धरि भेलै जे यावत एमाले पार्टीक सरकार रहलै तावत ने पार्टी तरफ स ने कोनो नेता वा भ्रातृ संगठन के तरफ स कोनो तरहें खोजबीनक हेतु आवाज उठाओल गेलै. आइ के दिन मे हुनक फोटो पर माला पहिराकऽ कर्तव्यक इतिश्री कऽ देल जाइत छैक. आइयो सैऽह भ रहल छैक बिलक्षण बात इ छै जे मदन भंडारीजीक पत्नी विद्या भंडारीजी देशक राष्ट्रपति छथिन्ह प्रधानमंत्री ओलीजी ओही पार्टीक अध्यक्ष छथिन्ह तथापिओ ओई घटना प्रति अनदेखी करब सामान्य बात नहि मानल जा सकैछ हुनका पार्टीक भ्रातृ संगठन सब सेहो कोनो आवाज नहि उठा रहल छैक एहना स्थिति मे ई आशंका जोर पकड़ि रहल छै जे हुनक मृत्यु स शायद सब के लाभे भेल छन्हि. ओ दुर्घटना रहस्यमय हएबाक बातक परिपुष्टि त अहू बात स होइत छैक जे जीपक ड्राइवर त बाचले रहि गेल छलैक जकरा १० साल बाद २०६० साल मे अज्ञात व्यक्ति गोली मरि कऽ हत्या कऽ देलकै.

    आइ पुनः एहि फोटो पर माल्यार्पण करैत करजोरि कऽ ठाढ़ छथिन्ह मुदा आम जनताक इ आवाज़ छैक जे राष्ट्रपति महोदया ! खानापूरिक हिसाबे त ठीक अछि मुदा एमालेक सरकार, राष्ट्रपति एमाले स सभ शीर्षस्थ पद पर बामपन्थी बर्चस्व रहितहुँ मदन भंडारीजीक मृत्युक बात के अहाँ लोकनि पचा रहल छी आ किछु खोजबीन नहि क रहल छी त एहि माल्यार्पण सभके भभटपन बाहेक अओर की कहल जएतै ? इहो अवसर अगर एहिना बीत जएतै तऽ राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, सम्पूर्ण एमाले पार्टी तकर भ्रातृ संगठन सभक माथ पर कलंकक टीका लागि जएतन्हि अगर एहि सँ बचबाक अछि तऽ यथाशीघ्र एहि रहस्य के उजागर करबाक हेतु पूर्ण प्रयास होएबाक चाही. आम जनता तही के व्यग्रता स प्रतीक्षा कऽ रहल अछि.