भाई-बहिनक अनुपम पाबनि रक्षा बंधन पर मणिकांत झा केर सुंदर सन प्रस्तुति

    0
    317

    भइया के हाथ पर सुत बान्हल बहिना
    पंडितजी बान्हथि जजमान के जहिना ।
    सौन मास आबय सलौनी के पूनम
    राखी पाबनि संग समपन्न झूलन
    रक्षाक ताग सँ सजल हाथ दहिना
    पंडितजी बान्हथि जजमान के जहिना ।
    येन बद्धो बली राजा सब क्यो जानय
    दान वेन्द्रो महाबल: सेहो सब मानय
    तेनत्वां प्रति बधनां मंत्र छै पुरना
    पंडितजी बान्हथि जजमान के जहिना ।
    सजल धजल बहिन दाइ हाथ लेने आरती
    स्वेता सुनीता जागृति भारती
    सब मिलि गाबि रहल गीत संग वन्दना
    पंडितजी बान्हथि जजमान के जहिना ।
    भाइ बंधु इष्ट मित्र संकल्प लेलनि
    बहिनिक रक्षा हेतु वीर रूप धेलनि
    मणिकांत मानय जे सुंदर छै विध ना
    पंडितजी बान्हथि जजमान के जहिना ।।
    मणिकांत झा , दरभंगा