दिल्ली-मिथिला मिररः हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा सेक्यूलर अर्थात हम कें राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझीक अडि़यल व्यवहार सं एनडीए मे घमाशान मचि गेल अछि। रामविलास पासवान ओ उपेंद्र कुशवाहा कें मनौलाक बाद आब गठबंधनक लेल नव मुसीबतक रूप मे जीतन राम मांझी सोंझा आबि गेलाह अछि। मांझीक अडि़यल रूखक कारणें शनिदिन सांझ मे एनडीएक सीटक औपचारिक ऐलान कें सेहो स्थगित कय देल गेल।
जखन स्थिति लगभग साफ भय गेल छल तखन जीतन राम मांझी गठबंधनक लेल नव मुसिबत ठाढ़ कय देलाह। आनन-फानन मे अनंत कुमार, धमेंद्र प्रधान ओ भूपेंद्र यादवक संग जीतन राम मांझीक बैसार भेल। फेर ओहिठाम सं बैसार समाप्त कय मांझी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लग पहुंचलाह मुदा ओहो ठाम सं कोनो ठोस बात सामने नहि आयल। हां, हम नेताक बेरा-बेरी बयान अवश्ये आबय लागल जे रामविलास पासवान सं कनिको कम सीट मांझी ओ पार्टीकें मंजूर नहि।
बाद मे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाहक घर बिहार बीजेपीक वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर, अश्विनी चैबे, गिरिराज सिंह, सुशील मोदी, नंद सहित समस्त प्रभारी लोकनिक जुटान भेल आ आगुक रणनीति पर बातचीत कैल गेल। दरअसल मांझी ओ रामविलास पासवान मे अहि बातक लेल अपनहि मे द्वंद चलि रहल अछि कि बिहारक मे दलितक नेता कें ? दोसर दिस कतेको ठाम एहन सीट छैक जाहि सीट पर रामविलास पासवान ओ जीतन राम मांझी दुनू अपन-अपन दावा पेश कय रहला अछि जाहि सं झगड़ा सेहो बढ़ल जा रहल छैक। आब इ देखब दिलचस्प हैत कि आखिर बीजेपी अध्यक्ष मांझीक अहि मनजौजी पर कोन तरहक निर्णय लैत छैथ आ सीटक बंटवार कोन तरहें होइत अछि।