गायक सं अभिनेता बनल विकास झा संग भेंटघांट

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    दिल्ली, मिथिला मिरर-मिथिला मिरर भेंटघांट‘क नव अंक लय अपनेलोकनिक सोझा पुनः उपस्थित छी, जाहिमें आजुक पाहुन छथि मिथिलांचलक स्टार गायक, आ आबऽ बला नव मैथिली फिल्म ‘मीत हमर जनम-जनम कें’ सं पहिलबेर बतौर अभिनेताक रूपमें अपन जिनगीक शुरूआत कय रहल युवा दिल कें धड़कन, सबहक स्नेही ‘विकास झा’। मिथिला मिरर‘क सह-संपादक राहुल कुमार राय संग भेल विकास झा‘क बातचीत’क अंशः-

    प्र. विकास झा जी, नमस्कार!
    अपनेक मिथिला मिरर में बहुत-बहुत स्वागत अछि।
    उ. नमस्कार, राहुल जी,
    सबसं पहिने मिथिला मिरर कें तमाम पाठकगण श्रोतागण कें हम विकास झा नमस्कार करै छी । प्रणाम करैत छी।
    प्र. राहुल – अपन छोट सन परिचय मैथिल जनमानस कें सोझा देल जाउ?
    उ. हम मधुबनी जिला‘क अंतर्गत एकटा गाम छै भोजपरौल सिमरी ओतय कें रहनिहार छी। हमर पिताजी‘क नाम शिव नारायण झा अछि। एखन फिलहाल दिल्ली में छी आओर मुम्बई सेहो एनाई-जेनाई लागल रहैत अछि आ वर्तमान मे गायन आ मनोरंजन‘क क्षेत्र सं जुड़ल छी।
    प्र. अपनेक शिक्षा-दीक्षा कतय भेल?
    उ. देखियौ, हमर प्रारंभिेक शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता में भेल किएक तऽ पिताजी कलकत्ता में रहैत छलाहन।
    प्र. आजुक युग में युवा वर्ग के इ लालसा रहैत छैक जे हम चार्टड एकांउटेंट, आइ ए एस, आइ पी. एस, बनि जेकर प्रमाण बेर-बेर अपनेक सोझा सेहो आबैत होयत मुदा अपने एहि सं हटि कय संगीत‘क क्षेत्र चुनलौं एहिकें पाछु कि कारण छल?
    उ. देखियौ राहुल जी, सबसं पहिल बात ई छैक जे आहां कोन क्षेत्र में जेबय ई आहांक उपर निर्भर नहि करैत छै। ई भाग्य में लिखल होई छै। जहां तक हमर सवाल अय, हमर माता-पिता सोचैत हेथिन मुदा हमर शुरूये सं ई लक्ष्य छल जे गायक बनि, मने लोकक नजरिमें सदिखन रहि बेसी सं बेसी लोक हमरा चिन्हैथ। चूंकि नेन्ने सं गाम-घर में गाबै छलौ लोक सभकें हमर गीत बड पसिन पड़य छलनि। काका, भैया सभगोटे हमरा प्रोत्साहित करैत रहैत छलाह। जखन हमरा ज्ञान भेल तऽ सोचलौं नहि हमरा गायक बनबाक चाहि आ गायक बनि गेलौं।
    प्र. विकास जी गायक सं अभिनेता बनला अहि तऽ भेंटघाटक एहि सिलसिला में सबसं पहिले एतय हिनक गायकी कें सफर केर चर्चा केनाइ जरूरी बुझना जा रहल अछि। ओहिक बाद अभिनेता तक कें सफर के चर्चा सेहो करब। तऽ आउ पहिले शुरूआती दौर के चर्चा करी। विकास जी, आहांक पहिल रिकार्डेड एल्बम कोन छल?
    उ. हमर पहिल रिकार्डेड एल्बम नीलम कैसेट सं आयल जेकर नाम छल ‘हम परदेशी भऽ गेलौं’। ओहि समय हम ओतेक सिखल नय रहि जे अपने सुनबै तखने पता चलत। तय्यो बाजार में औसत रहल छल। मुदा तकरा किछुए दिन बाद हमर एकटा एल्बम आयल‘ कनियां करबै मोबाईबाली’ नीलम कैसेट सं जेकरा बाजार में बहुत बढियां मांग रहल छलै आ ओहिमें हमरा एकटा नीक गायक के तौर पर पहिचान भेटल हालांकि ओहि समय में स्टार वा सुपरस्टार तरहक शब्दक तऽ नहि प्रयोग कय सकै छलौं मुदा नीक गाबय वला गायक में गिनती होमो लागल छल।
    प्र. एखन धरि अपनेक आवज में कतेक एल्बम बाजार में आबि चुकल अछि?
    उ. जखन ‘कनियां करबै मोबाईलवाली’ बाजार में आयल छल तऽ ओहि सं पहिने हम मिथिला कम जाइत रहि जखन मिथिला गेलौं तऽ देखलौं कि हमर कैसेट हर जगह   दुकान, एफ एम आदि में खुब बाजैत छल। हम अपन निर्माता के कहलिएन जे सर हमरा आब किछु चाहि तऽ ओ एकर विरोध कयला। किएक तऽ ओहि समय गायक सभ केें फीस नहि भेटै छलै। ई खिस्सा एहि द्वारे कहि रहल छी जे एखन धरि एल्बम में कतेक गीत  हम गाबि चुकल छी से हमरो नहि बुझल अछि। तकरा बाद हम कोनो कंपनी विशेष के ध्यान नहि देलियै ओ चाहे छोट निर्माता होई चाहे पैग हम हुनका संगे एल्बम बनबैत गेलियै तंय एखन हम कहबा में असर्मथ छी जे कतेक एल्बम बाजार में आयल अछि। मुदा अनुमान अय जे लगभग 100य के करीब हमर मैथिली एल्बम बाजार आबि चुकल अछि।
    प्र. एतेक रास एल्बम में एतेक गीत गेलौं ओहिमें सबसं चर्चित एल्बम कोन रहल?
    उ. जखन हम ई बात सोचय छी तऽ बहुत हैरान होइ छी आ हमरा ई बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बुझैय जे हम बहुत नीक-नीक गीत गेलौं। जेना-‘भगवान हमर मिथिला सुख-शांति कें घर हो’, विद्यापति गीत मुदा ओ ओतेक चर्चित नय भेल। ओहिक बाद हल्का-फुल्का गीत गेलौं ओहि सं हमरा रातांे-रात पहचान भेटल। ओहिकें बाद एकटा भगवती गीतक कैसेट आयल छल ‘हे जगदम्बे मैया’ जेकर गाना ‘तु नहि सुनबे विपत्ति के बेरिया जा कऽ ककरा कहबै गे माय’ बहुत बेसी चर्चित छल। ‘जगदम्ब हमर अबलंब आंहि हे माई आहां बिन आस केकर’ सेहो हम नया तरीका सं गेलौं। तकरा बाद नगिनियां, नैनो कार में, मैथिली टाॅनिक, चुनरिया, आदि छल।
    प्र. देखल जाय तऽ एल्बम कें हिट हेबा में गीतकार‘क सहयोग कम नहि रहैत छैक तऽ कि अपनेक एल्बम में कोन-कोन गीतकारक सहयोग भेटल?
    उ. हमर पहिल गीत जे हिट भेल छल ओ एल्बम छल ‘कनियां करबै मोबाईलवाली’ ओहिमें अशोक चंचल जी कें अपने सब नाम सुनने हेबय हुनक एकटा गीत छलैन ‘भेजने रहि तार किये ने एलियै’ आओर हुनका सं बहुत रास गीतक सहयोक भेटल। तकरा बाद हमर कनियां रानी झा जिनका अपने सब रानी विकास कें नाम सं जानैत हेबैय हिनकर सहयोग रहल। ओहिके बाद सुधीर झा जी, यादि मिथिला‘क गीतकारक इतिहास लिखल जेतैय तऽ ओहिमें हुनक नाम उपरका खाढि़ में लेल जेतैन। हिनको सं हमरा सहयोग भेटल हिनक लिखल ‘जिंगल’ गेलौ सौभाग्य मिथिला टी. वी चैनल मे, एखने एकटा कैसेट आयल छल नीलम कैसेट सं ’दुर्गा पूजा में’ जाहिमें गीत छल ’ओझराइल जिनगी कें सोझरा दियऽ माँ’ खूब चर्चित रहल। एखने एकटा नवका कैसेट आबि रहल अछि ’नवका पाहुंन’ जाहिमें मनीष झा ‘बौआभाई’ जी बहुत नीक गीत देलनि अहि। अहिना बहुत रास गीतकार छथि जिनक नाम स्मरण नहि आबि रहल अछि। हम हुनकर आजीवन आभारी रहबैन जे हमरा गीत देलनि आ जिनकर गीत सं हमरा पहिचान बनल।
    प्र. गीत गेबाक क्र्रम में बीच-बीच में राग‘क अलाप लैत छी, कि अपने संगीत‘क राग सिखलौं अहि? यदि हां तऽ अपनेक गुरू के छथि?
    उ. हम अपने आप कें बहुत सौभाग्यशाली बुझैत छी,जखन हम गाम-घर में गीत गाबैत रहि तऽ हमरा भगवान‘क देल जे सुर होई छै ओ हमरा अंदर भगवान परिपूर्ण रूप में देने छलाह। मुदा एकटा प्रोफेशनल गायक जे गबै छै से हमरा नय बुझल छलयै। ओ जखन हम अपन पहिल गुरू आदरणीय पं.कुंज बिहारी मिश्र जी कें संर्पक में एयलौं तखन पता चलल जे नय गायकी ऐना होइ छै। हिनका सं हम गायकी कें तरीका सिखलौं ओहि कें बाद जखन दिल्ली एयलौं पं. चंद्रभाल मिश्र, मिथिलेश सिंह जी आओर बहुत रास गुरू छथि जिनका से संगीत सिखलौं।
    प्र. आजुक समय में (किछु गीत कें छोडि़) सार्थक गीत नहि बनि रहल अछि। निरर्थक शब्दक प्रयोग आओर संगीतक बिगड़ल रूप के प्रयोग धरल्ले सं भऽ रहल अछि। अहि बारे में आहां कि राय अछि?
    उ. देखियौ राहुल जी, एकरा आहां सीधा गलत नहि कहि सकै छी किएक तऽ ज्यों आहां मैथिली भाषा कें विकास चहै छी तऽ एहिमें जतेक मैथिल छथि सभ मैथिली सुनैथ आ मैथिली बाजैथ एहि बात पर सबसं पहिले ध्यान जाइत छै। कतौ ने कतौ ई निरर्थक गीत सब जे छै मैथिली भाषा कें बढाबा सेहो देलकैये। पहिले आहां डी. जे. आ सांउण्ड बाॅक्स पर मैथिली गीत नय सुनैत हेबै। मुदा आइ कें डेट में हमर कैसेट वा आन कलाकार के कैसेट आइ मिथिला मे डी. जे आ साॅउण्ड बाॅक्स पर सेहो मैथिली गीेत धुम मचा रहल छैक। पहिले भोजपुरी गीत मिथिला में बुरी तरह हाबि छलै। ई हमरा एकटा गायक‘क नाते हमरा बहुत खराब, मने अपने-आप के हीन भावना से देखै छलौंहन। हम सब एतेक नीक गाबै छी तऽ मिथिला में मैथिली किएक नहि भोजपुरी किएक? जाहिमें कतौ ने कतौ हमसब सफल भेलौंहन भलेहिं ओ डबल मिनिंग साॅउण्ड होई वा निरर्थक शब्द होई कतौ ने कतौ हम सब मैथिली श्रोता के मैथिली सुनाबय में जरूर सफल भेलौहन। दोसर गायक के बारे में हम नहि कहब मुदा आब व्यक्तिगत हम बाजार में बढियां स्वर, शब्द, धुन सं सजल गीत‘क नीेेक एल्बम श्रोता के सुनबाक मौका देबनि।
    प्र. देखै छी जे लगातार शो में व्यस्त रहैत छी, कि कहियो शारीरिक रूप सं विच्छित नेन्ना, आर्थिक रूप सं कमजोर छात्र वा अन्य समस्याक लेल कोनो चैरिटेबल शो कयलौं अहि? यादि हाँ तऽ जनमानस कें सोझा राखल जाउ, यदि नहि तऽ कि आगा आबय वला समय में मिथिलांचल, चैरिटेबल शो के मादे ”विकास“ सं विकास‘ मं सहयोगक कल्पना कय सकैत अछि?
    उ. एकटा मैथिली गायक कें तौर पर तऽ नैय कयलौंहन। चुंकि एखन धरि हम 9 भाषा में गीत रिकार्ड कय चुकल छी। हम हर भाषा में शो करैत रहै छी, जेना हिन्दी मंे पैघ-पैघ कलाकार कें संगे शो कयलौं अहि। मुदा एकटा मैथिल कलाकार कें तौर अहि तरहक शो करबाक अवसर नय भेटल अहि एखन धरि, हां ज्यों मिथिला मिरर हमरा अहि तरहक शो के लेल मौका दिये वा अन्य कोनो संस्था हमरा सं संर्पक करय तऽ हम तैयार छी। आब बात रहल विकासक तऽ विकास झा एहि लेल सदिखन तैयार रहत बशर्ते ओ सही दिशा में निस्वार्थ भावना सं कार्यक्रम आयोजन करैथ। किएक तऽ चैरिटी के नाम पर शो तऽ होई छै मुदा बहुत घपला होई छै।
    प्र. एखन अपने किछु सिनेमा में बतौर हिरो के रूप में कार्य कय रहल छी। संगीत सं हटि कला‘क अहि विधा में कार्य करबाक अनुभव केहन रहल?
    उ. देखियौ सर सबसं पहिले एकरा संगीत सं हटि के नहि कहियों किएक तऽ संगीत के परिभाषा आहां देखबै जे नृत्य, गायन आ वादन तीनू‘क जे मिलल-जुलल रूप छै संगीत कहल जाइत छै हालांहि नृत्य के आहां अभिनय सं जोइर सकैत छी। आब फर्क यैह रहि गेल अछि जे पहिले हम माइक के पाछा ठाढ होइत छलौं आब परदा के आगा आबि गेलौं।
    प्र. एहि सिनेमा में आंहाक अलावे आओर कोन-कोन कलाकार काज कऽ रहला अहि?
    उ. अर्चना सिंह, नवीन चैधरी, पवन पाठक, सुधीर झा, संगीता, बिक्रम मिश्रा, विभा शर्मा, अमरनाथ झा, मदन मिश्रा, अशोक त्यागी, वंदना झा, पवन पाठक, सुरेंद्र झा आओर बहुत रास कलाकार अपन योगदान देलाहन।
    प्र. ‘मीत हमर जनम-जनम क’े कहानी कैय तरहक अछि?
    उ. एहिमें हम दु -तीन टा मुद्दा उठेने छिय,ै एक तऽ गाम सं पलायन भऽ के मैथिल जे शहर में आबै छथि हुनक जिवन एतय कोना बितै छनि। दोसर,भाषा सं बहुत दुर भय रहल छैथ दिल्ली‘क मैथिली। चुंकि हमर कहानी के दिल्ली अछि। आ तेसर, चुंकि सिनेमा ‘मीत हमर जनम-जनम कें छै तय लव स्टोरी हेबे करतै जाहिमें पलायन कैल दु गोट मैथिल परिवार कें लड़का आ लड़की कंे बीच प्रेम भऽ जाई छै। बांकी तऽ दर्शक लोकनि के देखला‘क बाद अपने-आप पता लागि जेतैन। एहिमें एकटा बात आओर देखायल गेलै यै ंजे प्रेम ककरो सं कखनो कयल जा सकै यै वा भऽ सकैय। ज्यों उपर सं जोड़ी लिखा कय आयल छै तऽ केयो तोडि़ नय सकैय ज्यों ओ मीत एहि जनम-जनम कें छैथ तऽ ओ अहु जनम में मीत रहता। एतबे नय दर्शक के गीत-संगीत आ एक्सन सेहो देखबाक अवसर भेटतनि।
    प्र. एहिमें गीत-संगीत आ आवाज किनकर छन्हि?
    उ. एहिमे आवाज देने छथि, सोनू निगम, उदित नारायण, दीपा नारायण, पामेला जैन, इंदु सोनाली, मनोज मिश्रा आ स्वंय हम। गीत रानी विकास कें अहि आ संगीत सेहो हमरे अछि।
    प्र. आओर कोनो एहन गीतकार जिनका सं अपनेक सिनेमाक लेल गीत भेटल?
    उ. हम असल में बहुत लोक सं सहयोग मांगय चहलियैन जिनकर हम नाम नय लियऽ चाहैब किएक तऽ हुनका कष्ट हेतैन। एते तक कि हम हुनका कंपोज कऽ के देखेलियैन मुदा किछु कारणवश सफलता नय भेटल। तखन सोचलौं जे आब अपने गीेत लिखल जाय आ लिखलौं।मुदा आशा अय जे सिनेमा‘ देखला के बाद हमर जतेको रूसल मित्र छैथ ओ हमरा गीत जरूर देता।
    प्र. गायक सं अभिनेता तक कें सफर तय करबा में अपनेक कोन-कोन परिस्थितिक सामना करय परल?
    उ. जहां तक संघर्ष के गप छै, तऽ एखनो हम संघर्ष कये रहल छी। हमर जे परिवेश रहल अय ओहिमें सं हम स्टार गायक वा अभिनेता बनि जायब ई हम सोचनहियो नय रहि। गाम छोडि़ कऽ दिल्ली अयलौं संयोग हमर विवाह सेहो भऽ गेल। बहुत तरहक संघर्ष करय परल आर्थिक, मानसिक, एहि सं बेसी कहियों नहि सकब किएक तऽ आंहु लग समय नहि अय। तेकरा बाद हम आइ अपने सोझा गायक सं अभिनेता‘क रूप में बैसल छी।
    प्र. आब जखन सिनेमा बनि कय तैयार अछि तऽ अपने मैथिल जन सं कि अपेझा करबैन?
    उ. हम मैथिलजन सं बहुत रास अपेझा रखने छी। चुंकि ई हमर पहिल फिल्म छी तऽ किछु त्रुटि भऽ सकै छै। हमरे नय हमर टीम के जतेक कलाकार छैथ चाहे ओ निर्देशक, तकनिकी निर्देशक होई वा अन्य। एहिमें मैक्सिमम कलाकार मिथिला सं लेने छी आ लगभग सभगोटे के ई पहिल सिनेमा छियै। तय्यो हम एकटा निक सिनेमा देबाक कोशिश केलौय अहि।
    प्र. एखने हमरालोकनिक चर्चा में ई बात आयल छल जे अपने शुरूआती दौर में बेसी गाम सं जुड़ल नहि रहि तखन जे गाम गेल रहि तऽ ओतय आहांक कैसेट के लोक सब पसिन करैत छलैथ। एहि सं ई स्पस्ट अछि जे मैथिल अपनेक स्नेह देलैथ, आर्शिवाद देलैथ।
    उ. जी, बिल्कुल-बिल्कुल, राहुल जी यैह कहैयेबला रहि जे हम सब अपना दिस सं बहुत निक सिनेमा बनेलौहन ज्यों ओहिमें किछु त्रुटियों होई तय्यो हमरा आर्शिवाद देल जाउ किएक तऽ मैथिली भाषा‘क विकास तखने हेतैय जखन एतौका कलाकार फलतै-फुलतै, ओतुका पत्रकार फलतै-फुलतै, कवि, साहित्कार फलता-फुलता। हम पुरा अर्शिवाद के आशा रखैत छी आ ओ हमरा भेटत।
    प्र. अपने तऽ गायकी सं ंलय आब अभिनेता के सफर तय कय चुकलौंहन, मुदा आबय बला नवोदित गायक के कि सुझााव देबय चाहबैन?
    उ. आबैयबला नव कलाकार के हम यैह कहबैन ओ एकटा दौर छलै जो चोली,घघरा, फल्लां-चिल्लां ओ सभ आब खत्म भऽ गेलै। यदि आहां कें किछु समय के लेल सुख लेबऽ के अय नहि यदि लम्बा रेस के घोड़ा बनैय के अय तऽ निक गीत-संगीत, आओर क्लासिकल कें शिक्षा लय कऽ तकरा बाद अपना -आप के लांच करी।
    प्र. आहांक सबसं पसिनगर मैथिली सिनेमा कोन अछि?
    उ. देखियौ हमरा बेसर मैथिली सिनमेा देखाक मौका नहि भेट अय। मुदा सब सं पसिनगर में सस्ता जिनगी महग सेनुर अछि। पहिने बहुत छोट-बहुत छोट रहि तऽ ममता गाबैय गीत देखने रहि जेकर कहानी हमरा एखन याद नय अय मुदा ओहि सिनेमाक एकटा डाॅयलाग कने याद अय जे ‘एकटा बुढि़ रहै छथिन  ओ कहै छथिन जे ‘हे ओहि आंगना मे हकार नय दिहैन हुनका सं हमरा दुबोला अय।’ ओतेक नहि कहानी नय बुइझ सकल छलौं। मुदा एखन सब सं पसिनगर में ‘सस्ता जिनगी महग सेनुर’ अछि। जाहिमें ललितेश भेैया, मुरलीधर जी, आ गजराज के भूमिका में छलाहन राजीव सिंह जी सबगोटे हमरा बहुत निक लागला।
    प्र. आहांक पसिनगर गायक, अभिनेता, आ अभिनेत्री, के छथि?
    उ. देखियौ भाई, हमरा के.एलण् सहगल सं लय हनी सिंह तक सब निक लागै छथि आ हम  सब सं किछु ने किछु सिखै छी। मुदा जिनका सं हम सब सं बेसी प्रभावित भेल छी ओ……सिनेमा ’नदिया के पार’ अछि। जाहिमें एकटा सिंगर रहैथ जसपाल सिंह, जिनका सं हमरा पहिल प्रेरणा भेटल जाहिके बाद उदित जी, कुमार सानु, सोनु निगम, कहलौने सबगोटे हमरा निक लगैत छैथ। अभिनेता में हमरा ऋषि कपूर निक लागै छलाहन। खैर आब तऽ सब निक लागैत छैथ। पुराण मे अभिनेत्री मधुबाला तकरा बाद माधुरी, आब तऽ सभ निक लागैत छैथ।(हंसैत) किएक तऽ हमहुं मुंबई फिल्म इंडस्ट्रीज में संधर्ष कय रहल छी ज्यों केयो सुनि जेता तऽ जेहो किछु भेटत सेहो नय भेटत।
    प्र. आहांक सबसं पसिनगर पहिरावा कि अछि?
    उ. सच कहि तऽ सब सं पसिनगर पहिरावा हमर धोती-कुर्ता अय। आहां हमरा मंच पर देखैत हेबै जे हम ओकर स्टाईल बदैल-बदैल के पहिरैत रहै छी। ओना जींस, टी- शर्ट निक लागैये। मुदा पहिल प्राथमिकता हम धोती-कुर्ता के देैत छियै। एकटा छोट सन उद्दाहरण दि जे हमर आबयबला सिनेमा ‘मीत हमर जनम-जनम के’ मे हम निर्देशक सं झगड़ा कऽ के  एकटा गाना के शुटिंग धोती-कुर्ता मे केने छी। ओ कहै छलैथ जे ‘यार इस गाने मे ये शुट ही नहि करता हैै’। तऽ ओहि पर हम कहलियै नही करता है तो नही करता है पर मैं पहनुंगा।
    प्र. मिथिला मिरर कें अपन बेसकिमती समय देलौं ताहि लेल बहुत-बहुत धन्यवाद आ सिनेमा ‘मीत हमर जनम-जनम कें’ सुपरहिट हुय एहि लेल अशेष शुभकामना।
    उ. राहुल जी, आंहुके बहुत-बहुत धन्यवाद! आ मिथिला मिरर कें समस्त टीम कें धन्यवाद आओर मिथिला मिरर कें पाठक, श्रोता सं निहोरा जे हमर जिनगी‘क पहिल मैथिली सिनेमा‘ ‘मीत हमर जनम-जनम के’ 13 अक्टूबर के रिलीज भऽ रहल अय एसगरे नहि पूरा परिवार के संगे जा कऽ जरूर देखी।