कलशस्थापनक संग दुर्गा पूजा आरंभ भेल

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    हमर पितामह स्थापिता श्री १०८ श्मशान काली मंदिर मे सेहो कलशक स्थापना भेल जे भरि साल रहत  । खास बात ई जे एहि मे बगल सँ बहय बाली बागमती के जल देल जाइत अछि । ई जल वर्ष भरि तँ स्वच्छ रहितँहि अछि बादो मे दुषित नहि होइत अछि । जखन कि फराक सँ यदि १०दिन छोड़ि देल जाय तँ ओ जल दुषित भय जायत । भगवतीक कृपा । अस्तु । आजुक दिन रचल ई रचना प्रस्तुत अछि –

    घोड़ा चढ़ल दुर्गा अयलीह
    छत्रभंग के ड’र
    देवी के चिनवार निपायल
    मिथिला मे घर घर
    दस दिन केर दुर्गापूजा
    कलश लेल स्थान
    बलुआही माटिक बल पर मे
    जयंतीक उद्यान
    सप्तशती के पाठ भ’ रहल
    सबतरि पूर्ण विधान
    कतहु चलै साधारण ढंगे
    कतहु संपूट प्रमाण
    धुरखुर सब मे कारी लागल
    साँझहि दीप लेसौत
    गाम गाम मे झीझिया लेने
    डनियाँ के गरियौत
    बेल नोति कय तोड़ल जायत
    आँखि पड़त अंबा केर
    दर्शन पाबि  धन्य हैत लोक
    दुर्गा जगदंबा केर
    धुरखुर सब आइ लाल रंगेतइ
    भोजन करत कुमारि
    मेला ठेला शुरू हेतइ
    आ देखब लोकक बाढ़ि
    निशा राति मे निशा पूजा केर
    सब ठाम हैत ओरियान
    अगिला भोरे माँ के हेतनि
    जोड़ा बली प्रदान
    नवमी खोंइछ भरायत मइया
    रंग विरंग परिधान
    जकरा जे जुड़तै से लायत
    हरदि दूभि संग धान
    दशमी जतरा माँ के हेतनि
    गामक गाम उदास
    माता रानी रहथि सहाय से
    मणिकांतक विश्वास ।।

    मणिकांत झा , दरभंगा ।
    कलश स्थापन
     ०१-१०-२०१६ ।